11.12.2023: Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha

Published: 11.12.2023

Posted on 11.12.2023 17:59

नशा रूपी राक्षस

नशा रूपी राक्षस

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🌸 व्यसन से मुक्त हो जीवन : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण 🌸

-नशीले पदार्थों से मुक्त जीवन जीने को आचार्यश्री ने किया अभिप्रेरित

-पूज्य सन्निधि में पहुंची मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल

-महाराष्ट्र एनसीसी के मेजर जनरल सहित अनेकानेक गणमान्यों ने किए आचार्यश्री के दर्शन

-एनसीसी कैडट्स संग उपस्थित गणमान्यों ने श्रीमुख से स्वीकार किए ड्रग्स से मुक्त रहने के संकल्प

11.12.2023, सोमवार, सांताक्रूज, मुम्बई (महाराष्ट्र) :

सांताक्रूज प्रवास के अंतिम दिन सोमवार को जन-जन का कल्याण करने वाले जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता, अणुव्रत यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में श्रद्धालुजनों के साथ-साथ एनसीसी के कैडेट्स अपने मेजर जनरल श्री योगेन्द्र सिंह के साथ उपस्थित थे। इसके साथ ही प्रख्यात पार्श्व गायिका व भजन गायिका अनुराधा पौडवाल सहित अनेक डॉक्टर्स भी आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे हुए थे। अवसर था अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा आयोजित ड्रग्स निवारण अभियान एलिवेट कार्यक्रम का।

एस.एन.डी.टी. महिला विद्यापीठ के प्ले ग्राउण्ड में आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम का शुभारम्भ आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार से हुआ। एलिवेट कार्यक्रम के संयोजक श्री अशोक कोठारी व सह संयोजक श्री मुदित भंसाली ने अपनी अभिव्यक्ति दी। इस दौरान अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा एलिवेट कार्यक्रम से संबंधित एक वीडियो को भी प्रस्तुत किया गया। पार्श्वगायिका व भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने आचार्यश्री के समक्ष ‘नवकार मंत्र है प्यारा..’ गीत का आंशिक संगान कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

अणुव्रत अनुशास्ता, सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित जनता, एनसीसी कैडेट्स व उपस्थित गणमान्यों को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि प्रश्न किया जा सकता है कि दुनिया में सबसे बड़ा और उत्कृष्ट मंगल क्या होता है? दुनिया में मंगल के अनेक प्रकार के द्रव्यों और पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, कई मंत्र आदि का भी प्रयोग होता है, कई विधियों का भी उपयोग होता होगा, किन्तु यहां शास्त्रकार ने बताया ने सर्वोत्कृष्ट मंगल धर्म को कहा गया है। प्रतिप्रश्न हो सकता है कि कौन-सा धर्म? इस का प्रत्युत्तर प्रदान करते हुए बताया गया कि अहिंसा, संयम और तप रूपी धर्म ही उत्कृष्ट मंगल है। अहिंसा, संयम और तप को सभी धर्म, वर्ग और समुदाय में स्वीकार किया जाता है। यह धर्म को मानने वालों के लिए है।

आज चतुर्दशी है। हमारे साथ के अधिकांश चारित्रात्माएं भी आज यहां उपस्थित हैं। हम साधुओं के पांच महाव्रत होते हैं तो सामान्य गृहस्थों के लिए अणुव्रत है। अणुव्रत के छोटे-छोटे नियम कितने हितकारी होते हैं। परम पूज्य आचार्यश्री तुलसी अणुव्रत आन्दोलन का शुभारम्भ किया था। वर्तमान समय में अणुव्रत का 75वां वर्ष चल रहा है, जो अमृत महोत्सव के रूप में चल रहा है। इस अमृत महोत्सव में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा विशेषकर मुम्बई-महाराष्ट्र में एलिवेट का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आदमी अज्ञानता के कारण गलत रास्ते पर जा सकता है। गलत रास्ते और नशे की बुरी लत से बाहर निकलने के लिए सम्यक् ज्ञान का उजागर होना भी आवश्यक होता है। समुचित ज्ञान प्राप्त हो जाए तो आदमी नशे से मुक्त हो सकता है। कई बार जानकारी होने के बाद भी व्यसन नहीं छूट पाते। ऐसी स्थिति मोह के कारण उत्पन्न होती है। मोहवश आदमी नशीले पदार्थों का सेवन को छोड़ नहीं पाता है। पहले आदमी ड्रग्स, शराब, गुटखा आदि नशीले पदार्थों को खाता है और बाद में ये नशीले पदार्थ आदमी को खाने लग जाते हैं। इसलिए आदमी को नशीले पदार्थों से होने वाले नुक्सान का ज्ञान हो उसे छोड़ने का प्रयास हो। यदि कोई इस ओर चला भी गया हो तो उसे बाहर निकलने और इस व्यसन से उबारने का यथोचित प्रयास हो।

आचार्यश्री के आह्वान पर समुपस्थित एनसीसी के कैडेट्स, श्रद्धालुजन व अन्य उपस्थित गणमान्यों ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर पांच वर्ष के लिए अथवा धारणानुसार जीवन भर के लिए नशीले पदार्थों के आसेवन से मुक्त रहने के संकल्प को स्वीकार किया। आचार्यश्री की आज्ञानुसार समुपस्थित चारित्रात्माओं ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर लेखपत्र का उच्चारण किया। साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने भी उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया।

एलिवेट कार्यक्रम में मुनि अभिजितकुमारजी ने अपनी अभिव्यक्ति दी। उसके उपरान्त नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विश्वनाथ बिल्ला ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमणजी ने सही फरमाया कि मोह के कारण से आदमी नशा नहीं छोड़ पाता। हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि कैसे दूसरों को जागरूक कर आचार्यश्री के इस अभियान को आगे बढ़ाएं। फिजिशियन एण्ड ट्रान्सफारमेशनल कोच डॉ. अजहर हकिम ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है, जो ऐसे महान संत के सान्निध्य में नशामुक्ति की बात के लिए उपस्थित हुए हैं। भारत युवाओं का देश है। इन युवाओं को नशे से दूर रखना है तो आचार्यश्री के इस अभियान में हम सभी को सहयोगी बनने का प्रयास करना चाहिए।

एनसीसी महाराष्ट्र के मेजर जनरल (एडीजी) श्री योगेन्द्र सिंह ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि आचार्यश्री की इस मुहिम को हमारे एनसीसी के एक लाख पच्चीस हजार कैडेट्स दूर-दूर तक लोगों को जागृत करने का प्रयास करेंगे और आचार्यश्री द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को संवारा जा सकता है। एस.एन.डी.टी. के डायरेक्टर श्री आशीष पनत ने कहा कि हमारा और हमारे इस विद्यापीठ का परम सौभाग्य है कि जो यहां महान संत आचार्यश्री महाश्रमणजी का शुभागमन हुआ है। आपके चरणरज से हमारा यह परिसर पावन हो गया है। आपके इस अभियान में हम सभी सहयोगी हैं। कार्यक्रम के अंत में अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर, श्री भूपेश कोठारी, डब्ल्यू,आई.आर.सी. के चेयरमेन श्री अर्पित काबरा ने अपनी आस्थास्क्ति अभिव्यक्ति दी। इसके अलावा महावीर इण्टरनेशनल के चेयरमेन श्री घनश्याम मोदी व फिल्म निर्माता श्री महावीर गोगड़ आदि ने भी आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

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