🌸 हमारी एकता के सूत्रधार हैं भगवान महावीर : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण🌸
भगवान महावीर की जन्म जयंती : जामखेड़ में हुआ भव्य आयोजन 🌸
- जामखेड़ में शांतिदूत महाश्रमण का जनता ने किया भावभीना अभिनंदन
- मुख्यमुनिश्री व साध्वीवर्याजी ने दी भावाभिव्यक्ति, श्रद्धालुओं की श्रद्धामय प्रस्तुतियां
21.04.2024, रविवार, जामखेड, अहमदनगर (महाराष्ट्र) :
विश्व को अहिंसा, परिग्रह, अनेकांतवाद का मार्ग दिखाने वाले करूणा के महान अवतार जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में हर्षोल्लास से मनाया गया। रविवार का दिन जामखेड वासियों के लिए अतिशय उमंग, उत्साह लेकर आया जब महावीर जयंती के पावन पर्व के साथ साथ उन्हें अपने नगर में प्रथम बार आचार्य श्री महाश्रमण जी का मंगल सान्निध्य भी प्राप्त हुआ। आचार्य श्री की महाराष्ट्र की यात्रा के दैरान ऐसे अनेकों क्षेत्र है जहां प्रथम बार ही किसी आचार्यों का पदार्पण हो रहा है। और आचार्य श्री के आगमन से सिर्फ जैन ही नहीं अपितु जेनेतर समाज में भी उत्साह का माहोल है।
भगवान महावीर जन्म कल्याणक के प्रातः आचार्य श्री महाश्रमण ने चिंचपूर ग्राम से मंगल प्रस्थान किया। आज का विहार जहां सिर्फ 5 किमी का ही था वहीं जैसे जैसे आचार्य श्री जा की ओर बढ़ रहे थे श्रद्धालुओं का काफिला बढ़ता जा रहा था। नगर प्रवेश के साथ ही जैन श्री संघ ने भव्य रैली के साथ आचार्यश्री का स्वागत किया। और भी भगवान महावीर के जय घोषों के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक जुलूस में जैन ध्वज लिए उत्साह से चल पड़े। इतनी लंबी प्रतीक्षा के बाद आचार्य श्री के आगमन से मानों जामखेड़ वासियों में खुशी समाई नहीं जा रही थी। जुलूस के साथ आचार्यश्री महाश्रमण प्रवास हेतु एल. एन. हौशिंग विद्यालय में प्रवास हेतु पधारे। महावीर जयंती पर छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड आदि महाराष्ट्र के कोने कोने से श्रद्धालु गुरु सन्निधि में पहुंचे थे। सूरत, मुंबई से भी बड़ी संख्या में श्रावक समाज आचार्यश्री के दर्शनार्थ उपस्थित हुआ।
भगवान महावीर की जन्म जयंती पर भगवान महावीर के प्रतिनिधि, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित विराट जनता को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि परमात्मा, परम वंदनीय, परम स्तवनीय, परम आराध्य भगवान महावीर की जन्म जयंती का प्रसंग है। चैत्र शुक्ला त्रयोदशी का दिन है। आज से लगभग 2622 वर्ष पूर्व एक शिशु ने सिद्धार्थ के यहां त्रिशला के गर्भ से प्रकट हुआ था। भगवान महावीर का जन्म चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को हुआ था। जन्म के साथ मृत्यु भी मानों जुड़ी हुई होती है। भगवान महावीर ने भी जन्म लिया और आखिर उनका भी महाप्रयाण हो गया। उनका 2550वां निर्वाण दिवस भी बनाने की बात है।
महापुरुष दुनिया में आते हैं और कुछ देकर चले जाते हैं। आज भगवान महावीर भले ही सदेह नहीं हैं, किन्तु जैन आगम हमें प्राप्त हैं, अनेक ग्रंथ, अनेक संत और अनेक पंथ भी विद्यमान हैं। ग्राहक बुद्धि से यदि ग्रंथों को पढ़ा जाए तो कितना ज्ञान प्राप्त हो सकता है। संतों से समाज को सन्मति प्राप्त होती रहे। भगवान महावीर स्वयं सन्मति थे। भगवान महावीर की प्रेरणा से आदमी अपने दृष्टिकोण को अनेकांतवादी रखने का प्रयास करना चाहिए। भगवान महावीर के सिद्धांतों को देखें तो उनमें आत्मवाद एक प्रमुख अंग है। यहां बताया गया कि आत्मा का कभी नाश नहीं होता। आत्मा अदाह्य, अक्लेद्य, अशोष्य है। इसी प्रकार कर्मवाद की बात बताई गई है। नियतिवाद के बाद भी पुरुषार्थ करने की प्रेरणा दी गई है।
आज जन्म जयंती है, और आगे निर्वाण वर्ष के शुभारम्भ की बात भी है। भगवान महावीर के नाम पर भला किसका मतभेद हो सकता है। इसे दिगम्बर हो या श्वेताम्बर, महावीर सबके हैं। आज का दिन हमारी एकता को प्रकट होने में निमित्त बनने वाला हो सकता है। जैन समाज में समुचित रूप में एकता बनी रहे। बच्चों में अच्छे संस्कार आएं, नशे से मुक्त रहें, नॉनवेज से पूर्णतया बचाव हो सके, ऐसा प्रयास हो। आचार्यश्री ने तेरापंथ की आचार्य परंपरा का भी वर्णन किया।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन से पूर्व आनंद जैन पाठशाला-ज्ञानशाला के बच्चों अपनी अलग-अलग प्रस्तुतियां दीं। गुरु गणेश मण्डल की महिलाओं तथा आनंद चालीसा ग्रुप सदस्यों ने भी गीत का संगान किया। जैन श्रावक संघ-जामखेड के अध्यक्ष श्री दिलीप भाऊ गुगले ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। साध्वीवर्या साध्वी सम्बुद्धयशाजी ने अनेकांतवाद व मुख्यमुनिश्री महावीरकुमारजी ने आत्मवाद पर उपस्थित जनता को अभिप्रेरित किया।
गुरुदेव के उद्बोधन के पश्चात मुनि श्री कुमारश्रमण, मुनि श्री योगेश कुमार जी अपने विचार रखे। स्वागत के क्रम में आमदार श्री रामजी शिंदे, श्री मधुकर रालेभार, श्री आकाश बाफना, जामखेड़ महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉ. डोंगरे जी, लोकाशाह पत्रिका के संपादक श्री विजयराज बंब ने अपने विचार रखे। बीड महिला मंडल एवं संभाजी नगर महिला मंडल की बहनों ने गीत का संगान किया।
यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth
यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://www.youtube.com/live/3XlzKUyeGpo?feature=shared
फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।
तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/
🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा
आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।
भगवान महावीर की जन्म जयंती : जामखेड़ में हुआ भव्य आयोजन 🌸
- जामखेड़ में शांतिदूत महाश्रमण का जनता ने किया भावभीना अभिनंदन
- मुख्यमुनिश्री व साध्वीवर्याजी ने दी भावाभिव्यक्ति, श्रद्धालुओं की श्रद्धामय प्रस्तुतियां
21.04.2024, रविवार, जामखेड, अहमदनगर (महाराष्ट्र) :
विश्व को अहिंसा, परिग्रह, अनेकांतवाद का मार्ग दिखाने वाले करूणा के महान अवतार जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में हर्षोल्लास से मनाया गया। रविवार का दिन जामखेड वासियों के लिए अतिशय उमंग, उत्साह लेकर आया जब महावीर जयंती के पावन पर्व के साथ साथ उन्हें अपने नगर में प्रथम बार आचार्य श्री महाश्रमण जी का मंगल सान्निध्य भी प्राप्त हुआ। आचार्य श्री की महाराष्ट्र की यात्रा के दैरान ऐसे अनेकों क्षेत्र है जहां प्रथम बार ही किसी आचार्यों का पदार्पण हो रहा है। और आचार्य श्री के आगमन से सिर्फ जैन ही नहीं अपितु जेनेतर समाज में भी उत्साह का माहोल है।
भगवान महावीर जन्म कल्याणक के प्रातः आचार्य श्री महाश्रमण ने चिंचपूर ग्राम से मंगल प्रस्थान किया। आज का विहार जहां सिर्फ 5 किमी का ही था वहीं जैसे जैसे आचार्य श्री जा की ओर बढ़ रहे थे श्रद्धालुओं का काफिला बढ़ता जा रहा था। नगर प्रवेश के साथ ही जैन श्री संघ ने भव्य रैली के साथ आचार्यश्री का स्वागत किया। और भी भगवान महावीर के जय घोषों के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक जुलूस में जैन ध्वज लिए उत्साह से चल पड़े। इतनी लंबी प्रतीक्षा के बाद आचार्य श्री के आगमन से मानों जामखेड़ वासियों में खुशी समाई नहीं जा रही थी। जुलूस के साथ आचार्यश्री महाश्रमण प्रवास हेतु एल. एन. हौशिंग विद्यालय में प्रवास हेतु पधारे। महावीर जयंती पर छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड आदि महाराष्ट्र के कोने कोने से श्रद्धालु गुरु सन्निधि में पहुंचे थे। सूरत, मुंबई से भी बड़ी संख्या में श्रावक समाज आचार्यश्री के दर्शनार्थ उपस्थित हुआ।
भगवान महावीर की जन्म जयंती पर भगवान महावीर के प्रतिनिधि, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित विराट जनता को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि परमात्मा, परम वंदनीय, परम स्तवनीय, परम आराध्य भगवान महावीर की जन्म जयंती का प्रसंग है। चैत्र शुक्ला त्रयोदशी का दिन है। आज से लगभग 2622 वर्ष पूर्व एक शिशु ने सिद्धार्थ के यहां त्रिशला के गर्भ से प्रकट हुआ था। भगवान महावीर का जन्म चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को हुआ था। जन्म के साथ मृत्यु भी मानों जुड़ी हुई होती है। भगवान महावीर ने भी जन्म लिया और आखिर उनका भी महाप्रयाण हो गया। उनका 2550वां निर्वाण दिवस भी बनाने की बात है।
महापुरुष दुनिया में आते हैं और कुछ देकर चले जाते हैं। आज भगवान महावीर भले ही सदेह नहीं हैं, किन्तु जैन आगम हमें प्राप्त हैं, अनेक ग्रंथ, अनेक संत और अनेक पंथ भी विद्यमान हैं। ग्राहक बुद्धि से यदि ग्रंथों को पढ़ा जाए तो कितना ज्ञान प्राप्त हो सकता है। संतों से समाज को सन्मति प्राप्त होती रहे। भगवान महावीर स्वयं सन्मति थे। भगवान महावीर की प्रेरणा से आदमी अपने दृष्टिकोण को अनेकांतवादी रखने का प्रयास करना चाहिए। भगवान महावीर के सिद्धांतों को देखें तो उनमें आत्मवाद एक प्रमुख अंग है। यहां बताया गया कि आत्मा का कभी नाश नहीं होता। आत्मा अदाह्य, अक्लेद्य, अशोष्य है। इसी प्रकार कर्मवाद की बात बताई गई है। नियतिवाद के बाद भी पुरुषार्थ करने की प्रेरणा दी गई है।
आज जन्म जयंती है, और आगे निर्वाण वर्ष के शुभारम्भ की बात भी है। भगवान महावीर के नाम पर भला किसका मतभेद हो सकता है। इसे दिगम्बर हो या श्वेताम्बर, महावीर सबके हैं। आज का दिन हमारी एकता को प्रकट होने में निमित्त बनने वाला हो सकता है। जैन समाज में समुचित रूप में एकता बनी रहे। बच्चों में अच्छे संस्कार आएं, नशे से मुक्त रहें, नॉनवेज से पूर्णतया बचाव हो सके, ऐसा प्रयास हो। आचार्यश्री ने तेरापंथ की आचार्य परंपरा का भी वर्णन किया।
आचार्यश्री के मंगल प्रवचन से पूर्व आनंद जैन पाठशाला-ज्ञानशाला के बच्चों अपनी अलग-अलग प्रस्तुतियां दीं। गुरु गणेश मण्डल की महिलाओं तथा आनंद चालीसा ग्रुप सदस्यों ने भी गीत का संगान किया। जैन श्रावक संघ-जामखेड के अध्यक्ष श्री दिलीप भाऊ गुगले ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। साध्वीवर्या साध्वी सम्बुद्धयशाजी ने अनेकांतवाद व मुख्यमुनिश्री महावीरकुमारजी ने आत्मवाद पर उपस्थित जनता को अभिप्रेरित किया।
गुरुदेव के उद्बोधन के पश्चात मुनि श्री कुमारश्रमण, मुनि श्री योगेश कुमार जी अपने विचार रखे। स्वागत के क्रम में आमदार श्री रामजी शिंदे, श्री मधुकर रालेभार, श्री आकाश बाफना, जामखेड़ महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉ. डोंगरे जी, लोकाशाह पत्रिका के संपादक श्री विजयराज बंब ने अपने विचार रखे। बीड महिला मंडल एवं संभाजी नगर महिला मंडल की बहनों ने गीत का संगान किया।
यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth
यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://www.youtube.com/live/3XlzKUyeGpo?feature=shared
फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।
तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/
🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा
आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook