Kolkata 01.01.2025:
It's a year. The sum of its digits is 9 which is an inexhaustible digit. May this year be auspicious and beneficial for everyone. Muni Jinesh Kumar further said that every person wants happiness and prosperity, happiness For prosperity, elements like peace of mind, satisfaction, purity and joy are needed. One should remain balanced in every situation. A dissatisfied mind leads to guilt. • Expansion of desires increases greed and greed increases arrogance. Therefore, one should restrain your desires. The place of religion is not a building, there is no conscience. Culture should be preserved, food and drink, living conditions should be maintained with simplicity and purity. Unnecessary performances in the organizers should be avoided. For the development of rituals, children should be motivated to go to the Gyanshala.
On this occasion, Muni Jinesh kumar performed spiritual rituals to the huge Janamedini present through various spiritual mantras and listened to the Great Mangal Path and also chanted spiritual resolutions. The program started with the invocation of B Muni Kunal Kumar. Muni Parmanand conducted the programme
*नव वर्ष पर आध्यात्मिक उद्बोधन अनुष्ठान एवं बृहद् मंगल पाठ कार्यक्रम का महाश्रमण विहार में भव्य आयोजन*
*नया वर्ष सब के लिए कल्याणकारी हो - मुनिश्री जिनेशकुमारजी जी*
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में नव वर्ष पर आध्यात्मिक उद्बोधन, अनुष्ठान एवं बृहद् मंगल पाठ कार्यक्रम का भव्य आयोजन न्यूटाऊन, राजरहार स्थित महाश्रमण विहार में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी, महाश्रमण एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, साल्टलेक द्वारा आयोजित किया गया।
इस अवसर पर बृहत्तर कोलकाता, कोलाघाट, वर्दमान आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।
नववर्ष पर सन् 2025 के मंगलमय होने की शुभकामना करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने आध्यात्मिक उद्बोधन में कहा - समय एक प्रवाह है जो निरंतर बहता रहता है। समय चिंतामणि रत्न, कामधेनु व कल्पवृक्ष के समान है। समान अतीत, वर्तमान और भविष्य का तारतम्य है। समय एक ऐसी गाडी है जिसमें ब्रेक नहीं होने से रोक नहीं सकते। इसमें रिवस और गियर भी नहीं है अतः पीछे भी नहीं ला सकते। आज ईस्वी सन् 2025 में दुनिया ने प्रवेश किया है। यह वर्ष इक्कीसवीं शताब्दी की प्रथम पच्चीसी का अंतिम वर्ष है। इसके अंकों का जोड़ 9 होता है जो अक्षय अंक है। यह वर्ष सभी के लिए मंगलमय हो व कल्याणकारी हो । मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने आगे कहा प्रत्येक व्यक्ति सुख-समृद्धि चाहता है, सुख
समृद्धि के लिए मन में शांति, संतुष्टता पवित्रता, आनंद जैसे तत्वों की आवश्यकता रहती है' हर स्थिति में व्यक्ति को संतुलित रहना चाहिए। असंतुष्ट मन अपराध की ओर ले जाता है। इच्छाओं के • विस्तार से लोभ बढ़ता है और लोभ से अहंकार बढ़ता है। इसलिए इच्छाओं का संयम करना चाहिए। धर्म का स्थान कोई भवन नहीं अंतःकरण होता है। संस्कृति सुरक्षित रहे, खान-पान, रहन-सहन सादगी मय एवं शुद्धता से रहे। आयोजकों में अनावश्यक प्रदर्शनों से बचना चाहिए। संस्कारों के विकास हेतु बच्चों को ज्ञानशाला के लिए प्रेरित करना चाहिए।
इस अवसर पर मुनिश्री जिनेशकुमार जी ने विभिन्न आध्यात्मिक मंत्रोच्चारों द्वारा उपस्थित विशाल जनमेदिनी को आध्यात्मिक अनुष्ठान करवाते हुए बृहद् मंगल पाठ का श्रवण कराया तथा आध्यात्मिक संकल्पों का उच्चारण भी करवाया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण आचार्य महाप्रज्ञ, महाश्रम एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउण्डेशन के अध्यक्ष भीखमचंद जी पुगलिया ने दिया। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के महामंत्री विनोदजी बैद, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की संगठन मंत्री श्रीमती रमण पटावरी आमरेफ के प्रधान न्यासी तुलसी जी दुगड, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा साल्टलेक के अध्यक्ष जयसिंह जी डागा, ने नव वर्ष की शुभकामना देते हुए अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन आमरेफ के मंत्री सुरेन्द्र जी बोरड़ ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर वृहतर कोलकाता के विशिष्ट महानुभाव विशेष रूप से उपस्थित थे।