Updated on 03.02.2025 10:42
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव DAY 2
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ) जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस
भुज के दीक्षित संत मुनि श्री अनंतकुमारजी द्वारा भावाभिव्यक्ति के पश्चात ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा "यह महोत्सव है मर्यादा का" गीत की हुई भावपूर्ण प्रस्तुति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
भुज के दीक्षित संत मुनि श्री अनंतकुमारजी द्वारा भावाभिव्यक्ति के पश्चात ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा "यह महोत्सव है मर्यादा का" गीत की हुई भावपूर्ण प्रस्तुति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
Source: © Facebook
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस
तेरापंथ समाज - भुज कच्छ ने "जय मर्यादा - जय मर्यादा" गीत की समवेत स्वर में दी श्रद्धासिक्त प्रस्तुति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
तेरापंथ समाज - भुज कच्छ ने "जय मर्यादा - जय मर्यादा" गीत की समवेत स्वर में दी श्रद्धासिक्त प्रस्तुति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
Source: © Facebook
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस
आचार्य श्री महाश्रमण मर्यादा महोत्सव प्रवास व्यवस्था समिती : भुज - कच्छ के अध्यक्ष श्री कीर्तिभाई संघवी ने श्रीचरणों में प्रस्तुत की कृतज्ञता पूर्ण भावाभिव्यक्ति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
आचार्य श्री महाश्रमण मर्यादा महोत्सव प्रवास व्यवस्था समिती : भुज - कच्छ के अध्यक्ष श्री कीर्तिभाई संघवी ने श्रीचरणों में प्रस्तुत की कृतज्ञता पूर्ण भावाभिव्यक्ति
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
Source: © Facebook
*💢"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस*
*💠मर्यादा के शिखर पुरुष युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस "आज्ञा की महत्ता" के संदर्भ में उपस्थित श्रद्धालु समाज को प्रदान किया प्रेरणा पाथेय*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
*💠मर्यादा के शिखर पुरुष युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस "आज्ञा की महत्ता" के संदर्भ में उपस्थित श्रद्धालु समाज को प्रदान किया प्रेरणा पाथेय*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
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*💢"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस*
*💠मर्यादा के शिखर पुरुष युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस "आज्ञा की महत्ता" के संदर्भ में उपस्थित श्रद्धालु समाज को प्रदान किया प्रेरणा पाथेय*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
*💠मर्यादा के शिखर पुरुष युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी ने मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस "आज्ञा की महत्ता" के संदर्भ में उपस्थित श्रद्धालु समाज को प्रदान किया प्रेरणा पाथेय*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
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*♻️"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस*
*💢मर्यादा महोत्सव के अवसर पर मुख्यमुनि श्री महावीरकुमारजी ने अनुशासन विषय पर उपस्थित श्रद्धालु समाज को।किया सम्बोधित*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
*💢मर्यादा महोत्सव के अवसर पर मुख्यमुनि श्री महावीरकुमारजी ने अनुशासन विषय पर उपस्थित श्रद्धालु समाज को।किया सम्बोधित*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
Source: © Facebook
*💢"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)- द्वितीय दिवस*
*♻️पूज्य गुरुदेव युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के समुच्चारण के साथ 161 वें मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस का हुआ शुभारम्भ*
*💠पारमार्थिक शिक्षण संस्था की मुमुक्षु बहनों द्वारा मर्यादा महोत्सव के अवसर पर सामूहिक गीत की हुई श्रद्धासिक्त प्रस्तुति*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
*♻️पूज्य गुरुदेव युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा नमस्कार महामंत्र के समुच्चारण के साथ 161 वें मर्यादा महोत्सव के द्वितीय दिवस का हुआ शुभारम्भ*
*💠पारमार्थिक शिक्षण संस्था की मुमुक्षु बहनों द्वारा मर्यादा महोत्सव के अवसर पर सामूहिक गीत की हुई श्रद्धासिक्त प्रस्तुति*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 03 फरवरी 2025_
Source: © Facebook
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)
जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव Day 2
जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव Day 2
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ) जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ)
जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव Day 2
जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव Day 2
"तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ 161 वाँ मर्यादा महोत्सव" - भुज (कच्छ) जय मर्यादा समवसरण - भुज से लाइव
🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
03 फरवरी, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
03 फरवरी, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
Posted on 03.02.2025 07:03
*_03 फरवरी_*तुम कपड़ों को अच्छा रखने और
बालों को संवारने में ही कला का प्रयोग करते हो या जीवन को संवारने में भी कोशल दिखाओगे?
- आचार्य महाश्रमण
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
*3 फरवरी*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1942 श्री डूंगरगढ़ मर्यादा महोत्सव से प्रतिक्रमण को सामूहिक अनुष्ठान का रूप मिला।
*प्रतिक्रमण का सामूहिक रूप*
प्रतिक्रमण जैन साधु की चर्या का एक अनिवार्य अंग है। वह दोनों समय किया जाता है, पूर्व में उसे सामूहिक अनुष्ठान का रूप नहीं मिला था, दो साधु कहीं, चार साधु कहीं, इस रूप में स्वतंत्र बैठकर प्रतिक्रमण करते थे। वि. सं. 1999 का मर्यादा महोत्सव श्रीडूंगरगढ़ था। उससे पूर्व पौष महीने में आचार्यश्री का प्रवास सरदारशहर में था। चातुर्मास सम्पन्न कर आने वाले साधु-साध्वियों की संख्या पांच सौ से अधिक हो गई। आचार्यश्री ने देखा, प्रतिक्रमण के समय साधु पांच-पांच सात-सात की मंडलियां बनाकर बैठ जाते हैं और प्रतिक्रमण के साथ-साथ गपशप का दौर भी चलता रहता है। आचार्यश्री को यह क्रम अच्छा नहीं लगा। उसे प्रायोगिक व सामूहिक रूप प्रदान करने का चिन्तन किया। उन्होंने उस समय साधु-साध्वियों के लिए एक शिक्षात्मक गीत रचा 'मतिमन्त मुणी' उस गीत में 'विधियुक्त उभय-टक पडिकमणो' का संकेत किया। क्रम प्रारम्भ भी किया। पर जैसा प्रायोगिक व सामूहिक रूप होना चाहिए था, वह नहीं बना। सन् 1944 (वि. सं. 2001) बीदासर में शेषकाल (चातुर्मास के समय से अतिरिक्त समय) का प्रवास था। उस समय आवश्यक सूत्र की वृत्ति के आधार पर एक परिष्कृत और विस्तृत विधि निर्धारित की और उस विधि को लागू कर दिया। उसके अनुसार प्रायः साधु आचार्य की सन्निधि में उपस्थित हो यथाशक्य उठ-बैठकर विधिपूर्वक प्रतिक्रमण करने लगे। हालांकि बीच-बीच में इसमें कुछ शिथिलता भी आई पर आचार्यवर की पुनः-पुनः प्रेरणा से यह विधि सामान्यतः व्यवस्थित चल रही है।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1942 श्री डूंगरगढ़ मर्यादा महोत्सव से प्रतिक्रमण को सामूहिक अनुष्ठान का रूप मिला।
*प्रतिक्रमण का सामूहिक रूप*
प्रतिक्रमण जैन साधु की चर्या का एक अनिवार्य अंग है। वह दोनों समय किया जाता है, पूर्व में उसे सामूहिक अनुष्ठान का रूप नहीं मिला था, दो साधु कहीं, चार साधु कहीं, इस रूप में स्वतंत्र बैठकर प्रतिक्रमण करते थे। वि. सं. 1999 का मर्यादा महोत्सव श्रीडूंगरगढ़ था। उससे पूर्व पौष महीने में आचार्यश्री का प्रवास सरदारशहर में था। चातुर्मास सम्पन्न कर आने वाले साधु-साध्वियों की संख्या पांच सौ से अधिक हो गई। आचार्यश्री ने देखा, प्रतिक्रमण के समय साधु पांच-पांच सात-सात की मंडलियां बनाकर बैठ जाते हैं और प्रतिक्रमण के साथ-साथ गपशप का दौर भी चलता रहता है। आचार्यश्री को यह क्रम अच्छा नहीं लगा। उसे प्रायोगिक व सामूहिक रूप प्रदान करने का चिन्तन किया। उन्होंने उस समय साधु-साध्वियों के लिए एक शिक्षात्मक गीत रचा 'मतिमन्त मुणी' उस गीत में 'विधियुक्त उभय-टक पडिकमणो' का संकेत किया। क्रम प्रारम्भ भी किया। पर जैसा प्रायोगिक व सामूहिक रूप होना चाहिए था, वह नहीं बना। सन् 1944 (वि. सं. 2001) बीदासर में शेषकाल (चातुर्मास के समय से अतिरिक्त समय) का प्रवास था। उस समय आवश्यक सूत्र की वृत्ति के आधार पर एक परिष्कृत और विस्तृत विधि निर्धारित की और उस विधि को लागू कर दिया। उसके अनुसार प्रायः साधु आचार्य की सन्निधि में उपस्थित हो यथाशक्य उठ-बैठकर विधिपूर्वक प्रतिक्रमण करने लगे। हालांकि बीच-बीच में इसमें कुछ शिथिलता भी आई पर आचार्यवर की पुनः-पुनः प्रेरणा से यह विधि सामान्यतः व्यवस्थित चल रही है।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
तेरापंथ धर्मसंघ का महाकुंभ
161वाँ मर्यादा महोत्सव - भुज
🍁 प्रथम दिवस की चित्रमय झलकियाँ
प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज 2 फरवरी 2025 भुज
161वाँ मर्यादा महोत्सव - भुज
🍁 प्रथम दिवस की चित्रमय झलकियाँ
प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज 2 फरवरी 2025 भुज