Posted on 07.02.2025 12:09
आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ ०७-०२-२०२५Photos of Jain Terapanth News post
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*नवीन चातुर्मास घोषणा*
*प्रस्तुति अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज*
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*💢पूज्य गुरुदेव युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सन्निधि में "जैन भागवती दीक्षा समारोह" का भुज कच्छ स्थित "कच्छी पूज समवसरण" में हुआ आयोजन*
*💠पूज्य प्रवर के कर कमलों से दीक्षित हो मुमुक्षु केविन संघवी ने संयम मार्ग की ओर बढ़ाये चरण*
*♦️पूज्य गुरुदेव ने आगम वाणी के उच्चारण के साथ पूर्व की आलोयणा कराने के पश्चात मुमुक्षु केविन की प्रदान की मुनि दीक्षा*
*👉मुमुक्षु केविन बने मुनि कैवल्य कुमार*
*🔰पूज्य गुरुदेव ने नवदीक्षित मुनि के दीक्षा संस्कार के क्रम में केश लुंचन के पश्चात प्रदान किया रजोहरण*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 07 फरवरी 2025_
*💠पूज्य प्रवर के कर कमलों से दीक्षित हो मुमुक्षु केविन संघवी ने संयम मार्ग की ओर बढ़ाये चरण*
*♦️पूज्य गुरुदेव ने आगम वाणी के उच्चारण के साथ पूर्व की आलोयणा कराने के पश्चात मुमुक्षु केविन की प्रदान की मुनि दीक्षा*
*👉मुमुक्षु केविन बने मुनि कैवल्य कुमार*
*🔰पूज्य गुरुदेव ने नवदीक्षित मुनि के दीक्षा संस्कार के क्रम में केश लुंचन के पश्चात प्रदान किया रजोहरण*
📲 प्रस्तुति : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
_दिनांक - 07 फरवरी 2025_
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🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
07 फरवरी, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
07 फरवरी, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*_07 फरवरी_*
इस जीवन तक सीमित मत रहो।
अगले जीवन पर भी ध्यान दो। इस जीवन में ऐसे काम मत करो, जिससे तुम्हारी अगली गति खराब हो जाए।
- आचार्य महाश्रमण
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
📧
🌐https://books.jvbharati.org
*SAMBODHI E-LIBRARY Audible & Readable Mobile Application*
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
इस जीवन तक सीमित मत रहो।
अगले जीवन पर भी ध्यान दो। इस जीवन में ऐसे काम मत करो, जिससे तुम्हारी अगली गति खराब हो जाए।
- आचार्य महाश्रमण
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*7 फरवरी*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1950 से नवदीक्षित व्यक्ति को नया नाम मिलना प्रारंभ हुआ।
*दीक्षार्थी के नामों में परिवर्तन*
पहले दीक्षार्थी के नामों में परिवर्तन नहीं होता था। घर पर जो नाम होता उसी नाम से पुकारा जाता था। एकाधिक नाम वाले होते तो उनके आगे गांव का नाम बोला जाता था, जैसे- सूरजकंवरजी सरदारशहर, सूरजकंवरजी टमकोर, सूरजकंवरजी बीदासर आदि। नाम भी खाद्य पदार्थों अथवा जवाहरातों आदि के नाम पर होते थे, जैसे-नोजांजी, पिस्तांजी, दाखांजी, हीरांजी, पन्नाजी आदि। आचार्य श्री तुलसी ने चिन्तन किया कि नाम सांस्कृतिक होने चाहिए। वि. सं. 2007 हांसी चातुर्मास में दीक्षित होने वाली मुमुक्षु बहिनों के नामों में सर्वप्रथम परिवर्तन हुआ। वहां छह बहिनों की दीक्षा हुई थी जिनमें एक थी रायकुमारी। उसका नाम रखा गया साध्वी राजीमतीजी। तब से प्रायः नामों में परिवर्तन होता है। गुरुमुख से दीक्षार्थी को नये नाम से सम्बोधित किया जाता है।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1950 से नवदीक्षित व्यक्ति को नया नाम मिलना प्रारंभ हुआ।
*दीक्षार्थी के नामों में परिवर्तन*
पहले दीक्षार्थी के नामों में परिवर्तन नहीं होता था। घर पर जो नाम होता उसी नाम से पुकारा जाता था। एकाधिक नाम वाले होते तो उनके आगे गांव का नाम बोला जाता था, जैसे- सूरजकंवरजी सरदारशहर, सूरजकंवरजी टमकोर, सूरजकंवरजी बीदासर आदि। नाम भी खाद्य पदार्थों अथवा जवाहरातों आदि के नाम पर होते थे, जैसे-नोजांजी, पिस्तांजी, दाखांजी, हीरांजी, पन्नाजी आदि। आचार्य श्री तुलसी ने चिन्तन किया कि नाम सांस्कृतिक होने चाहिए। वि. सं. 2007 हांसी चातुर्मास में दीक्षित होने वाली मुमुक्षु बहिनों के नामों में सर्वप्रथम परिवर्तन हुआ। वहां छह बहिनों की दीक्षा हुई थी जिनमें एक थी रायकुमारी। उसका नाम रखा गया साध्वी राजीमतीजी। तब से प्रायः नामों में परिवर्तन होता है। गुरुमुख से दीक्षार्थी को नये नाम से सम्बोधित किया जाता है।
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