Updated on 21.03.2025 13:20
*पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का गांधीधाम से आज का मंगल प्रवचन लाईव देखनें सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और सब्सक्राइब करें*https://www.youtube.com/live/tGpXVcVfHNk?feature=shared
🙏प्रस्तुति🙏
*अमृतवाणी*
🙏🏻 संप्रसारक🙏🏻
*जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा*
*अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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21 March 2025 - Acharya Mahashraman - Nani Chirai - Kutch ( Gujrat )
🌅 ᑭᗩᑎᑕᕼᗩᑎG / पंचांग 🌄
Dt. *22/03/2025*
तिथि : *चैत्र कृष्ण पक्ष - 08*
Dt. *22/03/2025*
तिथि : *चैत्र कृष्ण पक्ष - 08*
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*तिविहार संथारा प्रत्याख्यान : साउथ हावड़ा*
*प्रस्तुति अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज, 21 मार्च 2025*
*प्रस्तुति अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज, 21 मार्च 2025*
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आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ
21 मार्च 2025
समाचार संक्षेप
- वीतराग प्रभु महावीर के प्रतिनिधि आचार्य श्री महाश्रमणजी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा की कर्मवाद का अत्यंत संक्षेप में प्राण तत्व है जैसी करणी, वैसी भरणी। किये हुए कर्मों को भोगे बिना छुटकारा नहीं मिल सकता। आदमी सोचे पाप कर्म न बंधे , जितना हो सके अहिंसा , नैतिकता , ईमानदारी के पथ पर चलने का प्रयास करें। जीवन मे धर्म की साधना करने का प्रयास करें। इस दुर्लभ मानव जीवन में हम अप्राप्त को प्राप्त करने का प्रयास करें। नौका को छोड़कर पत्थर को पकड़ने का प्रयास न करें। हमें धर्म को विपत्ति, संकट , मुसीबत में भी नही छोड़ना चाहिए।
21 मार्च 2025
समाचार संक्षेप
- वीतराग प्रभु महावीर के प्रतिनिधि आचार्य श्री महाश्रमणजी ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा की कर्मवाद का अत्यंत संक्षेप में प्राण तत्व है जैसी करणी, वैसी भरणी। किये हुए कर्मों को भोगे बिना छुटकारा नहीं मिल सकता। आदमी सोचे पाप कर्म न बंधे , जितना हो सके अहिंसा , नैतिकता , ईमानदारी के पथ पर चलने का प्रयास करें। जीवन मे धर्म की साधना करने का प्रयास करें। इस दुर्लभ मानव जीवन में हम अप्राप्त को प्राप्त करने का प्रयास करें। नौका को छोड़कर पत्थर को पकड़ने का प्रयास न करें। हमें धर्म को विपत्ति, संकट , मुसीबत में भी नही छोड़ना चाहिए।
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Posted on 21.03.2025 09:06
*21 मार्च**कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1966 से रजोहरण एवं प्रमार्जनी का प्रतिलेखन एक बार निर्णीत हुआ।
*रजोहरण-प्रमार्जनी की प्रतिलेखना*
रजोहरण दोनों समय खोलकर प्रतिलेखन किया जाता था। सन् 1966 (वि. सं. 2022) हिसार मर्यादा महोत्सव में निर्णय हुआ-रजोहरण एवं प्रमार्जनी को दिन में एक बार खोलकर एवं एक बार दृष्टि देकर प्रतिलेखित किया जा सकता है।
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*समण संस्कृति संकाय*
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*9784762373, 9694442373, 9785442373*
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*_21 मार्च_*
अच्छी चीज कहीं से भी मिले,
स्वीकार करनी चाहिए। बुरी चीज कहीं भी हो उसका परित्याग करना चाहिए।
- आचार्य महाश्रमण
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📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
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