You ask for blessings from others, think about it,
are you receiving blessings of your self or not?
Your holy thoughts and holy conduct are your own blessings.
TAKEN FROM "ROJ KI EK SALAH" - BOOK BY ACHARYA MAHASHRAMAN
तुम दूसरों से आशीर्वाद मांगते हो, जरा यह भी सोचो,
तुम्हें स्वयं... का आशीर्वाद मिल रहा है या नहीं?
तुम्हारा पवित्र विचार और पवित्र आचार तुम्हारा अपना आशीर्वाद है.