News In English
Headline: | Follow moral values ◄ Acharya Mahashraman |
Location: | Rajsamand |
News 1: | Acharya Mahashraman told audience that Rajsamand and Terapanth are closely connected as Acharya Bhikshu got bodhi at Rajnagar. People should follow moral values. |
News 2: | Acharya Mahashraman addressed layperson at Tulsi Sadhana Shikhar and told that in absence of Sadhana we face so many problems. He also praised ANUVIBHA for working to propagate Anuvrat, Preksha Meditation and Jeevan Vigyan at National and International level. |
News 3: | Acharya Mahashraman visited local jail and give pravachan among prisoners. |
News in Hindi:
आचार्य ने बंदियों को दिलाया नशा मुक्ति का संकल्प
नैतिकता के प्रति निष्ठïा बढ़ाने की जरूरत समारोह में विराजित आचार्य महाश्रमण एवं अभिवंदना करते हुए पालिकाध्यक्ष आशा पालीवाल। राजसमंद 14 मई 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो) आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मनुष्य को नैतिकता के प्रति निष्ठा बढ़ानी चाहिए, हर व्यक्ति को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजसमंद एवं तेरापंथ धर्मसंघ के मध्य एक विशिष्ट एवं प्रगाढ़ रिश्ता है। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य भिक्षु को उनकी संत अवस्था में जिस स्थान पर विशेष संकल्प (बोधि) प्राप्त हुआ, वह स्थान जो कि आज भिक्षु बोधिस्थल नाम से है, वह राजसमंद में है। वे नगरपालिका प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि नैतिकता के प्रति निष्ठा भाव से ही व्यक्ति धर्म के रास्ते पर चल पाता है। आचार्य ने मनुष्य को अपने कर्तव्य (कार्य) तथा व्यवहारिकता में प्रमाणिकता बनाए रखने की सीख दी। इससे पहले पालिका कार्यालय में आगमन पर आचार्यश्री की अगवानी की गई। आचार्यश्री साधु साध्वियों के साथ पालिका प्रांगण पहुंचे। यहां पालिकाध्यक्ष आशा पालीवाल सहित अन्य जन प्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने उनकी अगवानी की. |
साधना के अभाव में बढ़े दुराचार’-आचार्य महाश्रमण राजसमंद. तुलसी साधना शिखर पर धर्मसभा में उपस्थित श्राविकाएं। राजसमंद 14 मई 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो) आचार्य महाश्रमण ने कहा कि वर्तमान में साधना का अभाव है। चारों ओर आतंक, हिंसा, दुराचार तथा जीवन में तनाव व्याप्त है। इसका कारण साधना का अभाव है। वे शनिवार को तुलसी साधना शिखर के महाप्रज्ञ समवसरण में अभिवंदना समारोह में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अज्ञान, लोभ, हिंसा तीन बुनियादी कारण है जिस वजह से आतंक फैलता है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। राजसमंद झील के किनारे अवस्थित तुलसी साधना शिखर एवं अणुविभा इस दृष्टि से न सिर्फ देश में वरनï विश्व में अणुव्रत प्रेक्षाध्यान एवं जीवन विज्ञान को फैलाने का महत्वपूर्ण एवं फलदायी प्रयास कर रहे हैं।समारोह की शुरुआत अणुव्रत गीत से हुई। इसके बाद साधना शिखर संस्था के अध्यक्ष भंवर लाल डागलिया तथा अणुविभा के अध्यक्ष तेजकरण सुराणा ने आचार्य तथा सभी साधु साध्वियों का स्वागत किया। अणुव्रत प्रभारी मुनि सुखलाल ने अणुव्रत के इतिहास की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टी.एल. मीणा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में ‘आचार्य महाश्रमण सेवा सम्मान’ पुरस्कार क्षेत्र में बिहारीलाल कावडिय़ा को शॉल, प्रशस्ति पत्र एवं 51 हजार रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। इस दौरान संस्था अध्यक्ष भंवरलाल डागलिया, कार्यकारी अधिकारी भंवरलाल वागरेचा, उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह कर्णावट, सवाईलाल पोखरना, महामंत्री गणेश डागलिया, मंत्री अरुण कोठारी, डॉ. बालकृष्ण गर्ग, प्रबंध सचिव डॉ. सुखलाल जैन, जीत मल कच्छारा, रोशनलाल सांखला, बाबूलाल कोठारी भी मौजूद थे। आचार्यश्री ने संस्था की दिग्दर्शिका का विमोचन भी किया। साधना शिखर के महामंत्री गणेश डागलिया ने संस्था तथा इसकी गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। |
राजसमंद 14 मई 2011 (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो)
तेरा पंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने अहिंसा यात्रा के दौरान शनिवार को जिला कारागृह में बंदियों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलवाया। कारागृह में प्रवचन भी दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति कई बार अज्ञानवश, भावावेश तथा कुछ बार जानकर भी अपराध कर बैठता है। अपराध करने के बाद उसे कारागृह में सजा भुगतनी होती है, लेकिन यही स्थान उसके जीवन के लिए सुधार गृह भी बन सकता है। हम जीवन में सद्गुणों का विकास करें, सकारात्मक सोच रखें। अहिंसा, ईमानदारी, करुणा एवं सत्य का मार्ग अपनाएं। आचार्य महाश्रमण ने नशे के नुकसान बताते हुए नशा मुक्त जीवन जीने की सीख दी। इस पर कुछ बंदियों ने नशा छोडऩे का संकल्प भी लिया। जिला कारागृह दर्शक बोर्ड सदस्य राजकुमार दक ने आचार्य को कारागृह में चलाए जा रहे बंदी सुधार प्रकल्पों से अवगत कराया। जेल के कार्यवाहक उपाधीक्षक श्रीधर शर्मा ने आभार जताया।