14.06.2011 ►Grand Welcome of Acharya Mahashraman at Gaongura

Published: 14.06.2011
Updated: 21.07.2015

News in English:

Location:

Gaongura

Headline:

Grand Welcome of Acharya Mahashraman at Gaongura

News:

Acharya Mahashraman told people of Gaongura that a person who wins Raag and Dwesh can get rid of all misery of world. Raag and Dwesh are root cause of all misery. Regular practise of Preksha Meditation give relief form mental tension.
Sadhvi Pramukha Kanakprabha inspired people to speak sweet language. Sweetness of speaking power makes relation fruitful in family.

News in Hindi:

राग-द्वेष दु:खों का मूल कारण
गांवगुड़ा में आचार्य महाश्रमण की अगवानी में उमड़ा जनसमूह, धवल सेना सहित आज कोयल में प्रवेश करेंगे

गांवगुड़ा 14 JUNE 2011 जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो (mahaveer jain

आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जो व्यक्ति राग और द्वेष को जीत लेता है, वह संसार के सारे दु:खों से पार पा लेता है। राग-द्वेष बुद्धि व विवेक को कमजोर कर देते हैं। व्यक्ति के जीवन में होने वाले हजार दु:खों का मूल कारण राग-द्वेष ही है।

गांवगुड़ा में धर्मसभा में शामिल श्रावक व श्राविकाएं।

आचार्य मंगलवार को गांवगुड़ा में आयोजित धर्मसभा में श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मोह के बंधन में जकडऩे से बचने का उपाय आना चाहिए। वह अपने आप ही अपने दु:खों को कम कर लेगा। उन्होंने ध्यान-प्रेक्षा का अभ्यास कर समस्त प्रकार के मानसिक विकारों से मुक्ति पाने का रास्ता सुझाया। 

पाश्चात्य संस्कृति का बुरा प्रभाव

इन दिनों भारतीयों पर पाश्चात्य संस्कृति के पड़ रहे बुरे प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए आचार्य ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के कारण यहां के लोगों में संकुचित विचारों के साथ हिंसात्मक प्रवृत्तियां बढ़ रही है। उन देशों की फूहड़ संस्कृति का अंधानुकरण हमारे आध्यात्मिक जगत की गरिमाओं व वर्जनाओं को तोड़ रहा है। आचार्य ने कहा कि यह एक ऐसा समय है, जब दुनिया के लोग भारत की संस्कृति, सभ्यता और यहां के आध्यात्म की शक्ति को पहचान कर इसकी ओर रुझान कर रहे हैं। यहां की संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं। भारतीयों को अपनी मातृ संस्कृति का महत्व जानकर जीवन में उतारने का संकल्प करना चाहिए। 

‘वाणी में जहर नहीं, अमृत हो’ 

धर्मसभा में साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि व्यक्ति की वाणी में जहर नहीं, बल्कि अमृत छलकना चाहिए। ऐसी भाषा का प्रयोग इतनी सुसंस्कारित हो कि विरोध की लहर और टकराहट का वातावरण भी समरसता में बदल जाए। कड़वी बात में वाणी का शहद घोलकर हर किसी को मधुर व सौहार्दपूर्ण व्यवहार का पाठ पढ़ाया जा सकता है। वाणी का माधुर्य कुटुंब में सौहार्द भर देती है। इसलिए सदैव मीठी व सरल भाषा का प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में साध्वी सुभ्रयशा, मुनि जयंत कुमार, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गांवगुड़ा के अध्यक्ष गेहरीलाल मेहता, मंत्री नरेंद्र मेहता, कोषाध्यक्ष प्रकाश मेहता, रमेश मेहता, राहुल मेहता सहित अन्य कई वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर खमनोर प्रधान पुरुषोत्तम माली, सरपंच अनिल मेहता व अन्य अतिथि मौजूद थे। संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।

डॉ. वंदना मेहता द्वारा रचित पुस्तकों का लोकार्पण करते आचार्य महाश्रमण।

जैन पंचमतवाद व जैन विश्व भारती का लोकार्पण:

गांवगुड़ा की डॉ. वंदना मेहता द्वारा पंचभूतवाद, एकात्मवाद, क्षणिकवाद, सांख्यमतवाद व नियतिवाद पर रचित ‘जैन पंचमतवाद’ एवं विश्वभारती युनिवर्सिटी से रिसर्च पुस्तक ‘जैन विश्व भारती’ का आचार्य ने लोकार्पण किया।  

जोश-खरोश से निकली अहिंसा रैली 

आचार्य महाश्रमण व साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने करीब सौ साधु-साध्वियों की धवल सेना के साथ मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे कोशीवाड़ा से विहार कर गांवगुड़ा में प्रवेश किया। आचार्य के गांवगुड़ा में पदार्पण पर सुबह साढ़े सात बजे अहिंसा रैली निकाली गई। अहिंसा रैली में सैकड़ों जैन-अजैन शिष्य व भक्तजनों ने तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण के जयकारे लगाए।

महाश्रमण के आगमन को लेकर कोयल में लगाया गया स्वागत द्वार व धर्मसभा के लिए तैयार पांडाल

आचार्य आज कोयल में

15 JUNE 2011 जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो

आचार्य एक दिन के गांवगुड़ा प्रवास के बाद बुधवार को कुंभलगढ़ उपखंड क्षेत्र के कोयल गांव में पदार्पण करेंगे। गांवगुड़ा तेरापंथ सभा के मंत्री नरेंद्र मेहता ने बताया कि आचार्य महाश्रमण अपनी धवल सेना सहित गांवगुड़ा से कोयल तक करीब पंद्रह किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे।

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
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