Even if it is not possible to assimilate all the virtues, try to imbibe selected good qualities.
So if you cannot be very humble, atleast be honest.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
सारे सदगुणों को आत्मसात् करना संभव नहीं हो तो चयनित सदगुणों को आत्मसात् करने का प्रयास करो.
जैसे ज्यादा विनम्र नहीं बन सको तो ईमानदार तो बनो.