If you consider your organisation the world's best organisation then either you are a frog in a well or you are knowingly trying to be ignorant or your thought is right.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
यदि तुम अपने संगठन को दुनिया का सर्वोत्तम संगठन मानते हो तो या तो तुम कूप मण्डूक हो या जानते हुए अंजान बन रहे हो या फिर तुम्हारा सोचना यथार्थ है.