You want to be an activist. It can be a good thing.
But you must think whether you have control on your work, anger and fear or not.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
तुम कार्यकर्ता बनना चाहते हो. यह अच्छी बात हो सकती है. पर तुम यह सोचो - तुम्हारा अपने काम, क्रोध व भय पर नियंत्रण है या नहीं.