Short News in English:
Location: | Kelwa |
Headline: | Dhyan Sadhana Opens Door of Moksha◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman told that Dhyan Sadhana opens door of Moksha and aim of Sadhana is to get Moksha. He also discussed efforts made by Acharya Tulsi for Jain Unity. |
News in Hindi:
केलवा में चातुर्मास के तहत धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने कहा
‘ध्यान, साधना से मोक्ष का मार्ग खुलता है’
केलवा में चातुर्मास के तहत धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने कहा
केलवा 19/07/2011 (तेरापंथ समाचार ब्योरो के लिए)
एकाग्रचित होकर ध्यान, साधना करने से मोक्ष का मार्ग खुलता है। जो व्यक्ति आत्मीयता के बलबूते आराधना करता है, उसे निर्वाण की प्राप्ति होती है।
यह बात सोमवार को आचार्य महाश्रमण ने केलवा चातुर्मास के तहत आयोजित धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ जीव ऐसे हैं जो साधना तो करते है, लेकिन उन्हें मोक्ष का मार्ग कदापि प्राप्त नहीं होता। दीक्षा लेकर साधु तो बन जाते हैं, किंतु उन्हें निर्वाण का मार्ग नहीं मिलता। संबोधि काल में जिस व्यक्ति का ध्यान धर्म और समाज की ओर जागृत होता है उसे निर्वाण का मार्ग अवश्य मिलता है। इसके लिए आवश्यक है कि वह मन को स्थिर रखकर ईश्वर का ध्यान करें। आचार्य महाश्रमण ने आचार्य तुलसी द्वारा जैन समाज को एकता के धागे में पिरोने की दिशा में किए गए प्रयासों का बखान करते हुए कहा कि काफी समय पूर्व ही इसका आगाज हो गया था और मुंबई में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में इस पर चर्चा प्रस्तावित थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
आयोजित धर्मसभा
भगवान राम के वनवास का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ वन में टहल रहे थे, तभी उन्हें तालाब के किनारे एक बगुला विचरण करता मिला। इसे देख भगवान ने कहा यह देखो एक जीव दूसरे जीव की रक्षा को लेकर कितना चिन्तित है। इसलिए यह धीमे चलकर अपनी मंजिल की ओर जा रहा है। आचार्य ने कहा कि हमें भी जीवों के प्रति दया का भाव रखना चाहिए। हम सुबह के समय घूमने जाते हैं तो मार्ग में अनेक जीव-जंतु आते हैं। इन्हें बचाते हुए हमें अपनी मंजिल की तरफ जाना चाहिए।