Rising period of virtue is good. It provides convenience.
But a virtuous person must keep in mind that his virtues do not cause future sins.
One must keep self-control during good times.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
पुण्य का उदय काल अच्छा लगता है. उसमें अनुकूलता प्राप्त होती है.
किन्तु पुन्यवान व्यक्ति के लिए ध्यातव्य है कि उसका पुण्य आगामी पाप का निमित्त न बने. यानी पुण्योदय काल में संयम रखे.