There are different fields to experience virtue and sin. A person experiences virtue in some aspects of life and in some he also experiences sin.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
पुण्य व पाप को भोगने के लिए विभिन्न क्षेत्र बने हुए हैं. एक आदमी जीवन के कुछ पहलूओं में पुण्य भोगता है तो कुछ क्षेत्रों में वह पाप को भी भोगता रहता है.