ShortNews in English
Balotara: 22.04.2012
Acharya Mahashraman reached Balotara. He was welcomed by people of city. He told in his address to public to apply Non-Violence in life. He inspired people to apply Morality and Honesty in life.
News in Hindi
आचार्य श्री महाश्रमण का बालोतरा में हुआ ऐतिहासिक स्वागत।
संजय मेहता,बालोतरा, 22 अप्रेल। आचार्य श्री महाश्रमण ने तेरापंथ भवन के लोकार्पण करने के पश्चात आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान का सार आचार है। उन्होंने कहा कि ज्ञानी के ज्ञानी होने का सार यह होना चाहिए कि वह किसी की भी हिंसा न करे।
समता को अहिंसा बताते हुए महातपस्वी ने कहा कि जहां राग, द्वेष, मुक्तता होती है, वहां अहिंसा का आधार बन जाता है। हिंसा के मार्ग को अघोगति की ओर ले जाने वाला बताते हुए महाश्रमण ने कहा कि अहिंसा का मार्ग व्यक्ति को सुख-शांति व उध्र्वगति की ओर ले जाने वाला होता है।
आचार्य महाश्रमण ने इंसान को इंसानियत धर्म जीने की प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति वर्तमान जीवन को ही ना देखे, वह परम गति पर भी ध्यान दें। व्यक्ति अगर आत्मा का कल्याण करना चाहता है तो वह जीवन में अहिंसा की साधना करें। व्यक्ति में अनुकम्पा की चेतना का विकास हो। उन्होंने सभी समुदाय लोगों से नैतिकता व ईमानदारी का जीवन में प्रयोग करने का आह्वान करते हुए कहा कि बाजार में नैतिकता की देवी विराजमान रहे। बाजार में दुकानदार ईमानदार रहे और बेईमानी से बचने का प्रयास करे। मुख्य नियोजिका साध्वी श्रित विभाजी ने अपना उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के अंत में प्रवास व्यवस्था समिति संयोजक देवराज खींवसरा ने अपना वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। इससे पूर्व आचार्य श्री महाश्रमण के बालोतरा प्रवेश पर नगरवासियों ने भावभीना स्वागत किया। सभा, तेयुप, महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल सहित विभिन्न समाजों ने पूज्यश्री का पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया।
आचार्य श्री महाश्रमण को बालोतरा स्थित मस्जिद के बाहर मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगों ने स्वागत करते हुए कहा कि काला धन घोर अंधेरा छूट जाएगा, दया धर्म का उजाला जगमगायेगा, मिलेगी संसार की सारी सुख-खुशियां उसको, जो गुरू महाश्रमण के पथ पर चल जाएगा। इस कार्यक्रम में अभातेयु पके मर्यादा कोठारी व सहमंत्री हनुमान लुंकड व शिव ढेलडिया उपस्थित थे।
बालोतरा में हुआ ऐतिहासिक स्वागत
तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशवें आचार्य, अणुव्रत अनुशास्ता, शांतिदूत, महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण का औद्योगिक नगरी बालोतरा में मंगल प्रवेश पर हजारों श्रद्धालुओं ने पलक पावड़े बिछाकर भावभीना स्वागत किया। आचार्य श्री के स्वागत में शहर में जगह-जगह बैनर, स्वागत द्वार लगाये गए। छत्तीस कौम के लोगों ने आचार्य श्री का स्वागत कर आर्शीवाद प्राप्त किया। अल सवेरे जसोल फांटे, छतरियों के मोर्चे, पादरू बस स्टेण्ड, प्रथम रेलवे फाटक, द्वितीय रेलवे फाटक, पुराना बस स्टेण्ड, शास्त्री चौक सहित विभिन्न जगहों पर भावभीना स्वागत किया गया। छतरियों के मोर्चे पर संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों ने अणुव्रत के संकल्प दिए। राजपुरोहित समाज, मुस्लिम समाज, मेघवाल समाज, सुथार, प्रजापत, माली, घांची, अणुव्रत समिति व मदर टेरेसा विद्यालय, सिंधी समाज सहित विभिन्न समाजों के हजारों लोगों ने आचार्य श्री का भावभीना स्वागत अभिनदंन किया। वहीं आचार्य श्री नये भवन के उद्घाटन अवसर पर मंगल पाठ सुनाया