ShortNews in English
Muthli: 20.04.2012
Acharya Mahashraman while addressing devotees told that keep right thinking. Anyone who want to understand right Tatva he should keep his thinking right. Samyaktva is important thing for religious life.
News in Hindi
'दृष्टिकोण हमेशा यथार्थ परक हो'मूठली,सिवाना। मनुष्य का दृष्टिकोण हमेशा यथार्थ परक होना चाहिए। यथार्थ के साथ तत्व को समझना सम्यकत्व है। तेरापंथ के आचार्य महाश्रमण ने गुरूवार को मूठली गांव में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं को संबोघित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि मिथ्यातत्व को त्यागने एवं सम्यकत्व को स्वीकारने की प्रेरणा लें। मनुष्य का दृष्टिकोण मिथ्या भी रहता है। सिद्धांत की पुष्टि से हम सभी कभी न कभी मिथ्या दृष्टिकोण वाले ही थे। आदमी को दृष्टिकोण आत्मा से या पदार्थ जगत से जुड़ा हुआ है। जो तत्व नहीं है, उसे तत्व मान लेना मिथ्यात्व है। उन्होंने कहा कि ज्ञान आचार के प्रतिनिष्ठा और रूचि है तो आचार का भी सम्यक पालन भी हो सकता है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति अपने भीतर की शक्तियाें को जागृत करने का प्रयास करें।
ऎसा होने पर उसे आनंद की प्राप्ति होती है। मुनि हेमंत कुमार ने अपने संसार पक्षीय दादा की कर्मभूमि पर विचार व्यक्त करते हुए धर्म के मार्ग पर चलने की बात कही। मुमुक्षु प्रेक्षा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के प्रारंभ में मांगीलाल सिंघवी, बाबुलाल सिंघवी, शंकरलाल सैन ने भी विचार व्यक्त किए। रवि बोथरा नेपाल ने अणुव्रत गीतिका जागो श्रावकों अब जागो की प्रस्तुति दी। संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। इससे पूर्व आचार्य महाश्रमण के अपनी धवल सेना के साथ प्रवेश करने पर यहां बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने जय जयकारों से गूंजते माहौल से उनकी अगवानी कर स्वागत किया।
विद्यार्थियों को पढ़ाया अणुव्रत का पाठ
आचार्य ने कार्यक्रम मे मौजूद छात्रों को अणुव्रत का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हमेशा सत्य बोलें। प्रदूषण से बचें वहीं दहेज प्रथा व नशा मुुक्ति से दूर रहें। कभी भी अश्£ील भाषा का प्रयोग नहीं करें। कार्यक्रम में उन्होंने गांव के एक दर्जन भर लोगों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर अणुव्रत प्रभारी ओम बांठिया, रमेश कुमार,मांगीलाल सिंघवी, मुठली सरपंच मालाराम मेघवाल, पूर्व सरपंच हाथीराम भील, जालमसिंह, नखतसिंह भूताणी, अशोक चौपड़ा, राजू बोहरा, मौजूद थे।
Posted By Terapanth Yuvak Parishad Ichalkaranji