24.04.2012 ►Balotara ►Conduct and Knowledge Both Should be Combined► Acharya Mahashraman

Published: 24.04.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Balotara: 24.04.2012

Acharya Mahashraman told that knowledge without conduct is insufficient. Combination of conduct and knowledge is good. People are lucky who got Darshan of Saints. 

News in Hindi

धर्मसभा में दी ज्ञान की सीख
जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो २४ अप्रेल २०१२
धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी के जीवन में ज्ञान और आचार इन दोनों का योग होना चाहिए। कोरा ज्ञान अधूरापन है। कोरा ज्ञान सम्यक नहीं है तो भी कमी है। उन्होंने कहा कि संतो में सभागम से ज्ञान प्राप्त होने का अवसर मिलता है। संतो की संगति का बदलाव है। संत ऐसे हो जिनके पास ज्ञान व साधना भी हो। साधु के जीवन में साधना, अहिंसा होनी चाहिए। जो संत तन, मन, वचन से किसी भी दुख नहीं देने, पूजा अर्चना करने वाले हैं अहिंसा से साधुओं को मुख दर्शन करने वालों से पाप झड़ जाता है। साधु की थोड़ी सी भी सन्निधि मिल जाए तो वह भी करोड़ पापों को हरण करने वाली हो सकती है। संतों का सम्मान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे लोग भाग्यशाली है जो संतो की संगति में आकर ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। आचार्य ने कहा कि उदार लोग समाजोत्थान के लिए अर्थ का उपयोग करते हैं। अर्थ समाजोत्थान के लिए देता है तो यह बौद्धिक दृष्टि से विशेष करता है। धन का गलत कार्य में उपयोग नहीं करना चाहिए। दुर्जन के पास शक्ति है तो वह दूसरों को पीडि़त करता है। साधु की संगति से ज्ञान मिलता है। इससे आचरण भी ठीक रहता है।

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

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