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Binol: 25.04.2012
Akshay Tritiya celebrated at Binol. Muni Jatan Kumar explained about importance and purpose of fast and penance.
News in Hindi
तपस्या आत्मशुद्धि का मार्ग है
बिनोल २५ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो (जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो संवाददाता,)
बिनोल में मेवाड़ स्तरीय अक्षय तृतीया वर्षीतप पारणा महोत्सव में मुनि जतनकुमार ने कहा
तपस्या आत्मशुद्धि का मार्ग होता है, तपस्या का उद्देश्य शरीर को कष्ट, पीड़ा या थकाना नहीं है। वरण शरीर के अंदर के सूक्ष्म शरीर को शुद्ध करना है। तपस्या मन के राग, द्वेष, लालसा आदि प्रवृत्तियों का अंत कर देती है।
उक्त विचार मुनि जतन कुमार ने मंगलवार को बिनोल में मेवाड़ स्तरीय अक्षय तृतीया वर्षीतप पारणा महोत्सव के दौरान धर्मसभा में व्यक्त किए। मुनि ने बताया कि त्याग,तपस्या, जप,तप आदि मनुष्य की आत्मा को शुद्ध करने का मार्ग है। यह मार्ग कठिन जरूर होता है। लेकिन मनुष्य को सभी पापा चारों से मुक्ति दिलाता है। तपस्या के साथ में विवेक जरूरी होता है। विवेक महामंत्र है। हर कार्य के साथ इसका योग हो तो, जीवन उज्जवल बन सकता है। शासन मुनि रविन्द्र कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्याग व तपस्या का काफी महत्व होता है। आनंद मुनि ने कहा कि अक्षय तृतीय के अवसर समाज नीति, राजनीति व धर्मनीति के प्रवर्तक भगवान ऋषभदेव है। मुनि दर्शन कुमार ने आचार्य भिक्षु के सपने की रोचक कविता सुनाई। इसके बाद में मुनि जयचंद लाल, मुनि अतुल कुमार व मुनि दिनकर ने भी आयोजन को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता बादरमल भंडारी ने की। मुख्य अतिथि मेवाड़ कॉन्फरेंस के अध्यक्ष डॉ. बसंती लाल बाबेल, स्वागताध्यक्ष रोशन लाल डांगी, विशिष्ट अतिथि रोशन लाल बापना, अशोक कुमार डूंगरवाल, हिम्मत लाल कोठारी आदि थे। कार्यक्रम की शुरुआत में बिनोल कन्या मंडल ने मंगलाचरण से की गई। संचालन काव्य शौली में मुनि ज्ञानेंद्र ने किया।
देर रात तक चली भजन संध्या: पारणा महोत्सव के दौरान सोमवार रात को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। भीलवाड़ा के भजन गायक संजय भाणावत भजनों की प्रस्तुतियां दी।
तपस्या रैली में उमड़ा जन सैलाब: मेवाड़ स्तरीय वर्षीतप पारणा महोत्सव के पूर्व तपस्या रैली का आयोजन किया गया। मंगलवार को यह रैली अणु बाल भारती विद्यालय से शुरू हुई। जो गांव में जैन बाजार, रेगर मोहल्ला, सालवी मोहल्ला, जैन मोहल्ला बस स्टैंड होते हुए सुख वाटिका पहुंची। रैली में पांच ऊंट, पांच घोड़े, पांच बैल गाडिय़ां, एक जिप्सी आदि शामिल थे।