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Balotara: 25.04.2012
Balotara created history. In presence of Acharya Mahashraman 600 people ended their yearlong alternate day fast. All tapsawi felt more than happy to donate juice of sugarcane to Acharya Mahashraman. History repeated when centuries ago Shreyans Kumar donated Ikshu Juice to Lord Rishabh on Akshay Tritiya day. Acharya Mahashraman told all fast doing people to also observe nine rules which are helpful to Sadhana like controlling anger etc. Function compeered by Muni Dinesh Kumar.
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छह सौ तपस्वियों ने किए पारणे
छह सौ तपस्वियों ने किए पारणे
बालोतरा २५ अप्रेल २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि बाड़मेर
तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य श्री महाश्रमण के बालोतरा प्रवास के दौरान मंगलवार को अक्षय तृतीया तप-साधना के साथ मनाया गया। इस मौके पर जैन समाज के छह सौ तपस्वी महिला-पुरुषों ने वर्षीतप, आयंबिल व एकासन तप करने के बाद पारणा किया।
ज्ञान प्राप्त करना हो साधना का लक्ष्य
आचार्य श्री महाश्रमण ने धर्मसभा में कहा कि साधना का लक्ष्य अक्षय संपदा, अक्षय ज्ञान, अक्षय दर्शन, अक्षय निर्मलता को प्राप्त करने का होना चाहिए। अक्षय सिद्धि स्थान को प्राप्त करने का लक्ष्य भी रहना चाहिए। अक्षय सिद्धि स्थान वह है जहां जीव एक बार पहुंच गया तो उसको वापस नहीं आना पड़ता । उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया को दिए जाने वाले दान में स्थायित्व होता है। इस तिथि का अपना महत्व है।
नियमों का पालन करें साधक
आचार्य ने कहा कि किसी को कटु शब्द अगर कह दिया तो चीनी व लाल मिर्च का उपयोग उस दिन नहीं करना चाहिए। साधक केवल उपवास ही नहीं साथ में नौ नियमों की भी उपासना करें तो वर्षीतप बहुत शक्तिशाली हो जाता है। आचार्य ने वर्षीतप करने वाले श्रावक-श्राविकाओं को वर्षीतप के दौरान किसी भी प्रकार के दोष के प्रायश्चित स्वरूप 51-51 सामयिक करने को कहा। साधु-साध्वियों, समण-समणियों को 7-7 घंटे आगम स्वाध्याय करने की प्रेरणा दी। आचार्य ने 'आयो आदीश्वर रे वर्षीतप रो पारणो' गीत का संगान किया।
तपस्या, त्याग, परोपकार सभी अक्षय
साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा ने कहा कि तपस्या, त्याग, परोपकार, मैत्री सब अक्षय है। तप परमात्मा के पथ की तरफ अग्रसर होती है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि अक्षय तृतीया सुपात्र दान का दिन है। भगवान ऋषभ ने सामाजिक राजनैतिक, पारिवारिक सभी का प्रवर्तन किया। मंत्री मुनि ने कहा कि भगवान ऋषभ ने सामूहिक जीवन में अनुशासन पर जोर दिया। अनुशासन से ही मर्यादा व समाज ठीक चलता है। मंच संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। समारोह में तेरापंथ सभा एवं आचार्य श्री महाश्रमण प्रवास एवं व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों ने वर्षीतप के तपस्वी महिला-पुरुषों का माल्यार्पण व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया। सभी तपस्वी भाई-बहिनों ने अपने पारणे से पूर्व आचार्य श्री के पात्र में गन्ने का रस वैराया।
यह थे मौजूद
कार्यक्रम में पचपदरा विधायक मदन प्रजापत, तेरापंथ समाज के अध्यक्ष शांतिलाल डागा, श्री आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के संयोजक देवराज खींवसरा, अणुव्रत जिला प्रभारी ओम बांठिया, उपखंड अधिकारी प्रतापगढ़ ओमप्रकाश जैन, मर्यादा कुमार कोठारी, किशोर सिंघवी, उत्तमचंद मेहता, गणपतचंद पटवारी, अरविंद मदाणी, रूपचंद सालेचा, शांतिलाल शांत, गणपत कांकरिया, मदन चौपड़ा, डॉ. जीसी वडेरा, चंपालाल गोलेच्छा, रमेश कुमार गोलेच्छा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।