ShortNews in English
Umarlai: 05.06.2012
Acharya Mahashraman reached here today in morning. During Pravachan he told people to stay equal in good or adverse position.
News in Hindi
सुख-दुख में रहें समान
उमरलाई में धर्मसभा को किया संबोधित
उमरलाई ०५ जून २०१२ जून तेरापंथ न्यूज ब्योरो बालोतरा
मंगल पाठ के बाद सोमवार को आचार्य महाश्रमण को पारलू के धर्म प्रेमियों ने विदाई दी गई। राह में उमरलाई प्याऊ पर विश्राम के बाद सवेरे 8 बजे आचार्य महाश्रमण ने उमरलाई गांव में प्रवेश किया। प्रवेश के दौरान पदमसिंह, शंभुसिंह, सरपंच शबर कंवर व ग्रामीणों की ओर से स्वागत किया गया।
उमरलाई गांव के स्कूल में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आज सज्जन व्यक्ति के चरित्र की 8 विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा कि दूसरों की निंदा न करना, दूसरों के गुणों की प्रशंसा करना, दूसरों की रिद्धि, संपति को देखकर संतोष अनुभव करना, दूसरों के कष्टों को अपना मानते हुए करूणा भाव रखे, आत्मप्रशंसा नहीं करे, नीति को नहीं छोड़े, अनीति से अर्थार्जन न करें, अनुचित कार्य नहीं करे, उचित का उल्लंघन नहीं करें व अप्रिय बात पर भी क्रोध न करे, सहनशील बने। आचार्य ने कहा कि कांच, क्रोधी तुरंत तड़क उठते हैं जबकि धैर्यवान, सोना, हीरा सहनशील रहते हैं। सुख व दुख में सम रहें। दुर्जनों का त्याग कर सज्जनता की ओर जीवन को मोडऩा ही जीवन का दूसरा नाम है। मंत्री मुनि सुमेरमल व प्रधानाध्यापक पदमसिंह ने भी संबोधित किया। मुनि दिनेश कुमार ने संचालन किया।
इस अवसर पर पूर्व चैयरमेन पारसमल भंडारी, गौतमचंद बागरेचा, पूर्व सरपंच वगतसिंह, सोमराज पालीवाल, जुहारसिंह राजपुरोहित, अमराराम सुथार, गोविन्दसिंह, भीखसिंह भाटी, तेजप्रकाश वैष्णव व ठाकुर प्रसाद त्रिवेदी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।