ShortNews in English
Balotara: 08.06.2012
Muni Kishanlal paid homage to Acharya Tulsi. He recalled his encounter with Acharya Tulsi. He told Acharya Tulsi changed my life.
News in Hindi
महापुरुषों की चेतना हमारे साथ है: मुनि श्री किशनलाल जीबालोतरा ०८ जून २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य तुलसी चले गए। हम उनकी 16वीं पुण्य तिथि मना रहे हैं, परंतु वास्तव में महापुरुष न कभी मरते हैं और न कहीं जाते हैं, उनकी चेतना सूक्ष्म रूप में निरंतर हमारे साथ रहती है। ये विचार शासन सेवी मुनि श्री किशनलाल जी ने गुरुवार को स्थानीय न्यू तेरापंथ भवन में आचार्य तुलसी के 16वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी में गजब का चुंबकीय आकर्षण था। अपने संस्करणों को सुनाते हुए मुनि ने बताया कि मुझे सांसारिक बंधन में बांधने की तैयारी हो चुकी थी, किंतु गुरूदेव के एक अमृत वचन ने मेरे जीवन की दिशा ही बदल दी। और गुरू-शिष्य के शाश्वत संयोग से मुझे संयम प्राप्ति का अवसर प्राप्त हुआ। आचार्य तुलसी ने संप्रदाय मुक्त धर्म, अणुव्रत का प्रवर्तन किया। प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान एवं अहिंसा प्रशिक्षण के नए आयाम दिए। कार्यक्रम की शुरूआत नमस्कार महामंत्र एवं साध्वी योगप्रभा की ओर से उच्चारित तुलसी अष्टकम से किया गया। साध्वी अमृतप्रभा ने कहा कि आचार्य तुलसी अपनी चिंतनीय उदारता, व्यवहारिक मानवीय और सफलता में विनम्रता के गुणों के कारण जन-जन के पूजनीय बने। साध्वी उज्जवल रेखा ने उन्हें प्रकाश, ऊर्जा और गतिशीलता का समवाय बताया। साध्वी अमृतप्रभा ने कहा कि आचार्य तुलसी ने बिलखती मानवता को जीने की कला सिखाई। वे एक सच्चे शताब्दी पुरुष थे। आचार्य तुलसी के प्रथम पावस प्रवास, जयपुर के संस्मरण सुनाए। मुनि नीरज कुमार की ओर से 'कहता है कौन यहां तुलसी नहीं है' गीत ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। साध्वी सरस्वती की ओर से रचित गीतिका को साध्वी संवेग प्रभा ने प्रस्तुत किया। जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा अध्यक्ष शांतिलाल डागा तथा तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष ललित जीरावला ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। केंद्रीय जीवन विज्ञान अकादमी के सहायक निदेशक हनुमानमल शर्मा सहित अन्य लोगों ने मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गुरुदेव तुलसी को याद किया। इस मौके पर मुनि हिमांशु कुमार, नीरज कुमार, साध्वी गुलाब कंवर, कमलप्रभा, उज्ज्वल रेखा, संवेग प्रभा, संकल्पप्रभा, योगप्रभा, मंजूलाश्री एवं समणी ज्योतिप्रभा सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
न्यू तेरापंथ भवन में आचार्य तुलसी की 16वीं पुण्यतिथि मनाई