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आत्म्निरष्ण का पर्व संवत्सरी
लुन्करनसर jainतेरपंथ न्यूज़ ब्यूरो
संवत्सरी के अवसर पर प्रवचन देते हुए साध्वी श्री पानकुमारी जी २ ने कहा की संवत्सरी पर्व आत्मनिरीक्षण का दर्पण है! इसमें राग द्वेष के प्रतिबिम्ब को देखना है! तथा बेर विरोध का समापन करना है!साध्वी मंगल यशा जी ने भगवान् महावीर की लीलाऒ के बारे में बताया! साधवी श्री मूला जी ने कहा की धर्म का ध्येय भोग से से योग, अहम् से अरहम, भक्त से भगवान् का मार्ग प्रशस्त करना है! सादवी जीत्यषा जी ने जैनाचार्यो के जीवनवृत के बारे में
बताया! कन्यामंडल ने कार्यक्रम का मंगलाचरण किया! संवत्सरी के पर्व पर जैन समाज के लोगो ने प्रतिष्ठान बंद रखे! क्षमायाचना व् पारना का सामूहिक कार्यक्रम तेरापंथ भवन में रख गया!