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Last Journey of Sadhvi Bhikha Took Place at Jasol: 14.10.2012
Last Journey of Sadhvi Bhikha Took Place at Jasol. Thousands of people joined last journey.
News in Hindi
साध्वी भीखांजी की बैकुंठी में उमड़ा जनसैलाब
जसोल. १३.१०.१२. (जै.ते.न्यू. ब्योरों के लिए संजय मेहता)
आचार्य महाश्रमण की शिष्या शासन श्री साध्वी भीखांजी का 8 दिनों के संलेखना विधि के साथ शुक्रवार शाम देवलोकगमन हुआ। शनिवार सवेरे आचार्य महाश्रमण साध्वियों के ठिकाने पहुंचे। साध्वी के पार्थिव शरीर को उनके परिवारजनों ने बैकुंठी में बिठाया। इस दौरान साध्वी के अंतिम दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का ज्वार उमड़ पड़ा। हर कोई साध्वी के समीप से दर्शन की चाह मन में लेकर खड़ा था। साध्वी के पार्थिव शरीर को बैकुंठी में बिठाकर जसोल गांव की मुख्य गलियों से शोभायात्रा निकाली गई। साध्वी की यह अंतिम यात्रा दुख-शोक से दूर एक महोत्सव की रैली-सी प्रतीत हो रही थी, क्योंकि मृत्यु का इन्होंने स्वयं वरण किया था। ये मृत्यु के सामने एक वीरांगना की तरह डटी हुई थी। साध्वी की अंतिम यात्रा में हजारों की तादाद में लोग मुक्तिधाम तक पहुंचे। वहां साध्वी के पार्थिव देह को हजारों नारियल, कई किलो चंदन की लकड़ी, कई किलो घी, अगरबत्तियों से पंचतत्व में विलीन किया गया। साध्वी के पारिवारिक जनों ने मुखाग्नि दी। ओम बांठिया ने बताया कि साध्वी को श्रद्धासुमन अर्पित करने राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जसराज चौपड़ा, पाली स्थानकवासी संघ अध्यक्ष रूपकुमार चौपड़ा आदि गणमान्य नागरिक पहुंचे। प्रवास व्यवस्था समिति, सभा, तेयुप, महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल के पदाधिकारियों व सदस्यों सहित आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।