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Jasol: 16.11.2012
Acharya Mahashraman remembered contribution of Acharya Tulsi on his 99th birthday. He also told we celebrate it as Anuvrata-Diwas every year. He also told that during centenary year we have taken target of 100 Diksha. Book edited by Sadhvi Vishrut Vibha titled Acharya Tulsi Legend of Humanity also released.
News in Hindi
आचार्य तुलसी ने बताई दुनिया को सुख की राह'-आचार्य श्री
जसोल(बालोतरा) 16 नवम्बर 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
दुनिया में सभी प्राणी सुख की इच्छा रखने वाले हैं। सुख चाह है, लेकिन सुख की राह रखी की नहीं? 20 वीं शताब्दी के महापुरुष आचार्य तुलसी ने दुनिया को सुख की राह बताईं। यह उद्गार तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने गुरुवार को आचार्य तुलसी के 99वें जन्म दिवस पर जसोल में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी ने अपने जीवन में तेरापंथ जैन धर्मसंघ व मानव जाति का कल्याण का उल्लेखनीय कार्य किया है। एक वर्ष बाद जन्म शताब्दी प्रारंभ होने वाली है। इस शताब्दी वर्ष में दो बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। पहला है महाव्रत और दूसरा अणुव्रत। महाव्रत के तहत शताब्दी वर्ष में 100 मुनि दीक्षाओं का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए साधु-साध्वी, समण-समणी तथा श्रावक समाज पूरी तरह प्रयत्नरत है। इसी तरह अणुव्रत का प्रसार-प्रचार कर लोगों को अणुव्रती बनाने का प्रयास किया जाएगा। कार्तिक शुक्ला द्वितीया को अणुव्रत दिवस के रूप में प्रतिष्ठा प्रदान की गई। आज ही के दिन समण श्रेणी का जन्म हुआ था। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि आचार्य तुलसी महान व्यक्तित्व के धनी थे। महान व्यक्तियों के बारे में जब बोलना होता है तो कठिनाई हो जाती है, उनके किस पक्ष के बारे में बताएं। नया तो कुछ होता नहीं, जो पुराना होता है, उसी में से नया लिया जाता है। इस अवसर पर आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जारी 'लोगो' तथा जानकारी युक्त फोल्डर समिति के संयोजक हीरालाल मालू, महासभा पदाधिकारी संपत बागरेचा, रोशनलाल सांखला, सवाईलाल पोकरणा, बंशीलाल शेखानी, डूंगर सालेचा तथा चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक गौतम सालेचा, अध्यक्ष जसराज बुरड़ ने आचार्य को भेंट किए। साध्वी नियोजिका विश्रुतविभा की ओर संपादित पुस्तक आचार्य तुलसी लीजेंड ऑफ ह्यूमिनिटी का विमोचन किया गया तथा आचार्य तुलसी की ओर से संपादित पुस्तक धर्मचक्र व कल्याण मंदिर की प्रति जय मुनि ने आचार्य महाश्रमण को प्रदान की। समणी वृंद ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुनि किशनलाल, मुनि जयकुमार, साध्वी नियोजिका विश्रुतविभा, साध्वी यशोधरा, साध्वी कमल श्री ने विचार व्यक्त किए। स्वागत भाषण समिति संयोजक गौतम सालेचा ने दिया। जसोल महिला मंडल ने समूह गीत की प्रस्तुति दी। संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।
आचार्य तुलसी जैसे संत विरले: हेमाराम चौधरी
राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि आचार्य तुलसी जैसे संत दुनिया में विरले होते हैं। उनके बताए रास्ते पर चलें तो जीवन धन्य हो जाता है। आचार्य तुलसी के जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मुझे उपस्थित रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।