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Asadha: 20.01.2013
Acharya Mahashraman said that discipline is important in life. A disciplined people can do welfare of soul. It is necessary for any organization, society and nation. It is duty of nation to keep discipline and by way of administration it keeps watch on discipline. Judicial system is able to keep faith.
News in Hindi
जीवन में अनुशासन महत्वपूर्ण' -आचार्य महाश्रमण
बालोतरा 20 जनवरी 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
'अनुशासन जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। अनुशासित व्यक्ति ही आत्म विकास कर सकता है। हर संस्था, संगठन, समाज व राष्ट्र के लिए अनुशासन अत्यंत अपेक्षित है। राष्ट्र में अनुशासन बनाएं रखने के लिए सरकार का महत्वपूर्ण योगदान है।' ये उद्गार तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को असाड़ा में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यदि सरकारें न हो तो समाज में भयंकर अराजकता छा सकती है। न्याय व्यवस्था के कारण ही समाज में न्याय होता है और जनता का उसके प्रति विश्वास भी है। न्यायपालिका जो कहती है। प्राय: लोग उसे सम्मान के साथ उस पर पूरा भरोसा करते हैं। यह सब अनुशासन के अंग है। आचार्य ने कहा कि एकांकी जीवन में साधना की अपेक्षा नहीं होती है। अनुशासन की उपेक्षा समाज में ही होती है। जहां सब अपने आपको अनुशास्ता मानते हैं। वहां की स्थिति अत्यंत दुखद होती है। आचार्य ने आचार्य तुलसी की सुक्ति को याद करते हुए कहा कि निज पर शासन पर फिर अनुशासन। अनुशासन करने वाला पहले स्वयं का अनुशासन करें, फिर दूसरों पर अनुशासन करें। ऊपर बैठना बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात है अनुशासन। कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं, काम करना उस व्यक्ति का कर्तव्य है। केवल अपेक्षित है, कार्य में अनुशासन के महत्व को आंकना। साध्वी कंचनकुमारी लाडनूं व साध्वी चंद्रकला ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।