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प्रत्येक व्यक्ति बने उपासक: महाश्रमणसुधर्मा सभा में आठ दिवसीय उपासक शिविर का समापन
लाडनूं अगस्त जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो समृद्धि नाहर
जैन विश्व भारती स्थित सुधर्मा सभा में चल रहे आठ दिवसीय उपासक शिविर का समापन सोमवार को हुआ।
समापन समापन में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को उपासक बनना चाहिए। उपासक का तात्पर्य है उपासना करने वाला। अपने जीवन को शुद्ध निर्मल बनाने के लिए उपासना जरूरी है। उपासना के लिए जीवन में संयम और तप जरूरी है, जो साधक अपने जीवन चर्या को संयमित बनाकर जीता है वही सच्चा उपासक है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने स्वाध्याय करने पर बल देते हुए कहा कि व्यक्ति को स्व कल्याण के लिए स्वाध्याय का मार्ग अपनाना चाहिए। अच्छे साहित्य से हम अपने जीवन की समस्याओं का श्रेष्ठ व स्थायी निराकरण प्राप्त कर सकते हैं। आंतरिक शक्तियों की पहचान करने के लिए उपासक को प्रेक्षाध्यान, योग वं जीवन विज्ञान के प्रयोग करवाया जाता है। शिविर में बिनोद बांठिया व शांतिलाल ने अपने अनुभव प्रस्तुत किए। संचालन मुनि कुमार श्रमण ने किया।