12.11.2013 ►Barmer ►Jahaj Mandir News

Published: 14.11.2013
Updated: 08.01.2018

Jahaj Mandir Mandawala


Barmer, 12.11.2013

बाड़मेर में छ: मुमुक्षुओं के ऐतिहासिक वर्षीदान वरघोड़े में उमड़ा जनसैलाब
जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत

बाड़मेर। थार नगरी बाड़मेर के इतिहास में पहली बार एक ही परिवार के चार मुमुक्षु गौतम बोथरा, उषा बोथरा, भरत बोथरा, आकाश बोथरा की दीक्षा 20 नवम्बर को पालीताणा में, मुमुक्षु भावना संखलेचा की 7 दिसम्बर को अहमदाबाद एवं मुमुक्षु सीमा छाजेड़ की 8 दिसम्बर को पालीताणा में दीक्षा होगी। जिसका बाड़मेर खरतरगच्छ संघ ने वर्षीदान का ऐतिहासिक वरघोड़ा निकाला जिसमें शहर के श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा।

12.11 को प्रात: 10 बजे स्थानीय आराधना भवन से पूज्य साध्वीवर्या प्रियरंजनाश्री, साध्वी नंदीक्षेणाश्री एवं साध्वी लब्धिप्रभाश्री के मंगलाचरण एवं पावन निश्रा में आयोजित हुआ। वर्षीदान वरघोड़े का आगाज पूज्य साध्वीवर्या प्रियरंजनाश्री के मंगलाचरण से हुआ।

छ: मुमुक्षुओं का बाड़मेर नगर में पहली बार ऐतिहासिक वरघोड़ा हुआ जिनमें चार मुमुक्षु गौतम बोथरा, उषा बोथरा, भरत बोथरा व आकाश बोथरा एक ही परिवार के हैं।

वर्षीदान का वरघोड़ा आराधना भवन से प्रतापजी की प्रोल, पीपली चौक, ढाणी बाजार, विद्यापीठ होते हुए नाहटों की गली, चौहटन फाटक, करमूजी की गली, जवाहर चौक, नेमीचन्द गोलेच्छा गली, कल्याणपुरा, वकील सुरतानमल जैन मार्ग, सुभाष चौक, रिखबदास ठेकेदार मार्ग से होता हुआ आराधना भवन पहुंचा।

वर्षीदान वरघोड़े में पुरूष वर्ग श्वेत पोषाक में चल रहा था। उनके पीछे साध्वीवर्या चल रहे थे। इसके बाद बालिका मण्डल व महिला मण्डल हाथों में बैनर लिये हुए चल रहे थे। इनके बाद महिलाऐं मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। इसके बाद ढोल पार्टी व इसके ठीक पीछे सभी दीक्षार्थी सुसज्जित रथ में विराजमान होकर अपने दोनों हाथों से वर्षीदान कर रहे थे। वर्षीदान को देखने एवं दीक्षार्थियों की झलक पाने के लिये शहर में जगह-जगह भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वर्षीदान वरघोड़े का शहर में जगह-जगह पुष्प वर्षा एवं चावल की गहुलियों तथा रंगोलियों से स्वागत किया गया।

आराधना भवन पहुंचने पर मुमुक्षुओं के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो गया। सभी ने मिलकर उनकी अनुमोदना की। यहां पर धर्मसभा आयोजित हुई।

धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए साध्वी प्रियरंजनाश्री ने कहा कि संयमी की साधना कर्मक्षय हेतु होती है। साधना से आत्मा-परमात्मा बनती है। जिसकी अन्तर्रात्मा में परमात्मा ज्योति विराजमान हो जाती है वो आत्मा सदैव परमात्मा को प्राप्त करने की कोशिश में रहता है।

साध्वी लब्धिप्रभाश्री ने कहा कि आज इन दीक्षार्थियों को देखकर सभी को संस्कार का बोध हुआ होगा।

साध्वी नंदीक्षेणाश्री ने कहा कि संयम लेने के लिए तत्पर बने संसार छोड़कर हमें भी इन्हें देखकर कुछ न कुछ त्याग करना चाहिए।

इससे पूर्व कुशल वाटिका महिला मण्डल, आदिनाथ महिला मण्डल आदि ने अनुमोदना गीत प्रस्तुत किये तथा छ: मुमुक्षुओं ने अपने उद्गार व्यक्त किये। दीक्षा के पावन प्रसंग पर ज्यादा से ज्यादा आने को कहा। इस अवसर पर शांतिलाल छाजेड़, रितेश लोढा राजनांदगांव इत्यादि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। मंच का संचालन सोहनलाल संखलेचा अरटी ने किया।

इसके बाद मुमुक्षु गौतम बोथरा, उषा बोथरा, भरत बोथरा, आकाश बोथरा, सीमा छाजेड़, भावना संखलेचा का खरतरगच्छ जैन श्री संघ की ओर से तिलक, माला, श्रीफल, मोमेण्टो एवं अभिनन्दन-पत्र भेंट कर बहुमान किया गया।

वरघोड़े में सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा शिवाजी ग्रुप के कैलाश मेहता, दिनेश बोथरा एवं अन्य सदस्यों ने संभाला। वरघोड़े की सम्पूर्ण व्यवस्था कुशल वाटिका युवा परिषद्, खरतरगच्छ युवा परिषद् सहित जैन समाज की सभी संस्थाओं ने संभाली।

Sources
Jahaj Mandir.com
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