14.03.2015 ►Trilok Teerth Dham

Published: 14.03.2015
Updated: 03.11.2015

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ॐ नमः स्वात्म देवाय
राष्ट्रऋषि, सिंहरथ प्रवर्तक, त्रिलोकतीर्थ प्रणेता, पंचम पट्टाचार्य परमपूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मतिसागर जी महाराज की द्वितीय पुण्यतिथि पर गुरुदेव के चरणो में शत शत नमन II

जो आज हमारे बीच नही पर समय उन्हें दोहराता है,
जिनको पाकर स्वर्गलोक भी फूला नही समाता है ।
जल में,थल में,नभ में जिनका गूंज रहा जयकारा है,
ऐसे गुरु सन्मतिसागरजी को शत शत नमन हमारा है ।।

माना कि गुरूदेव से रोज़ मुलाक़ात नही होती,
आमने-सामने कभी बैठ कर अब बात नही होती ।
मगर आज भी गुरूदेव को भाव वंदना किये बिना,
हमारी नए दिन की शुरुआत नही होती ।।

हम नाचीज़ हें बन्दे तेरे, तुम ही सबके दाता हो,
तेरे हाथ में सारी दुनिया है, अब तुम ही इसे चलाते हो,
जैसा पथ तुमने दिखलाया, हम उसपे चलते जाते हें I
करो दूर मेरी सारी कमिया, अब ऐसा हमें वरदान दो,
गुरुदेव मेरे दर्शन देकर, कुछ मेरा भी कल्याण करो,
तुम जैसा ही बन पाऊँ अब, कुछ काम मेरा आसान करो II

राष्ट्रऋषि, सिंहरथ प्रवर्तक, त्रिलोकतीर्थ प्रणेता, पंचम पट्टाचार्य परमपूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मतिसागर जी महाराज की द्वितीय पुण्यतिथि पर गुरुदेव के चरणो में शत शत नमन II

**नमोस्तु गुरुदेव**
**नमोस्तु गुरुदेव**
**नमोस्तु गुरुदेव**

Sources

Trilok Teerth Dham
Trilok Teerth Dham

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