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नवप्रभात
0 पूज्य उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म.
जीवन में प्रतिक्षण घटनाऐं घटती रहती है। हमारे चारों ओर हमसे संबंधित... असंबंधित तरह तरह की अच्छी बुरी घटनाओं का जाल प्रतिक्षण फैलता जाता है।
अपनी आंखें देखती है। कान सुनते हैं। मन सोचता है। दिमाग प्रतिक्रिया करता है।
घटना कैसी है, यह महत्वपूर्ण नहीं है।
उस घटना को हमने किस नजरिये से देखा, यह महत्वपूर्ण है।
हमसे किसी न किसी रूप में जुडी घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
देखना तो होगा ही... उस पर विचार भी होंगे ही...!
घटना तो घट गई। उसे हम किसी भी कींमत पर ‘अघटित’ नहीं कर सकते।
चिंतन यह करना है कि मैं उसे किस रूप में लेता हूँ।
मैं किसी भी घटना को सकारात्मक दृष्टि से भी देख सकता हूँ... नकारात्मक दृष्टि से भी!
मैं उस घटना पर राग द्वेष करके कर्म बंधन भी कर सकता हूँ।
और समता भाव में रह कर बंधन से दूर भी रह सकता हूँ।
यह सब अपनी सोच पर निर्भर है।
मुझे अपनी दृष्टि में ‘स्वार्थ’ पैदा करना जरूरी है। स्वार्थ अर्थात् अपना हित! अपनी आत्मा का हित!
मेरी आत्मा का हित किसमें है, यह विश्लेषण करना चाहिये।
आत्म-हित जिसमें हो, वैसा चिंतन मुझे हर घटना पर करना चाहिये।
घटना भले निंदनीय हो, पर निंदा करने से घटना अभिनंदनीय नहीं हो जायेगी। हाँ... आत्मा का अहित जरूर होगा।
अपने प्रति जागरूकता का प्रतिक्षण विकास करना है।
जटाशंकर
0 पू. उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म.
जटाशंकर चतुर आदमी था। बोली ऐसी थी कि भलभले आदमी को अपने जाल में फँसा देता था। वह दो प्रकार की बादाम लेकर व्यापार कर रहा था। एक खुली चौकी पर कपडा बिछा कर उसमें बादाम के दो ढेर लगाकर लोगों को खरीदने के लिये आह्वान कर रहा था।
घटाशंकर का वहाँ आना हुआ। पूछा- बादाम के भाव क्या!
जटाशंकर ने गहरी नजरों से उसे देखा और कहा- मेरे पास दो क्वालिटी की बादाम है। यह बी ग्रेड की बादाम है, इसका भाव एक हजार रूपये किलो है। दूसरी ए ग्रेड की है, इसका भाव 20 हजार रूपये किलो है।
बीस हजार रूपये! सुना तो घटाशंकर हक्का बक्का रह गया।
कहा उसने- ऐसी क्या विशेषता है, इसमेें!
जटाशंकर बोला- 20 हजार रूपये वाली बादाम खाते ही दिमाग कम्प्युटर से भी तेज दौडता है। लो! देखो- 10 बादाम बी ग्रेड की खाओ! फिर मैं सवाल करता हूँ, जवाब देना। यों कहकर उसके हाथ 10 बादाम पकडाई।
वह बादाम खाने के बाद बोला- पूछो, क्या सवाल है।
जटाशंकर ने पूछा- बताओ, एक किलो चावल में चावल के दाने कितने!
घटाशंकर माथा खुजाने लगा। चावल तो कभी गिने ही नहीं। गिनना मुमकिन भी नहीं।
जटाशंकर ने कहा- लो अब ए ग्रेड की 10 बादाम खाओ, फिर मैं सवाल पूछता हूँ।
10 बादाम खाने के बाद पूछा- बताओ, पांच दर्जन केले में केले कितने!
घटाशंकर तुरंत बोला- 60!
जटाशंकर ने कहा- देखा! ए ग्रेड बादाम का कमाल! खाते ही दिमाग कैसे तेज चलने लगा, तुरंत उत्तर बता दिया। जबकि बी ग्रेड खाने के बाद जो सवाल पूछा, उसका तुम उत्तर ही नहीं दे पाये।
घटाशंकर को सचमुच लगा कि ए ग्रेड की बादाम खाते ही मेरा दिमाग क्या तेज हुआ है! उसने कहा- भैया! ए ग्रेड की बादाम जल्दी से एक किलो पेक कर दो।
घटाशंकर यह समझ नहीं पाया कि यह कमाल बादाम का नहीं, प्रश्न का ही था। चावल कौन गिन पायेगा! और केले गिनने में क्या समस्या है!
ऐसे ही यह संसार जटाशंकर की भांति है, जो हमें छलता है। जो यथार्थ नहीं दिखाता। हम वैसा नहीं समझ पाते, जैसा होता है। बल्कि वैसा समझते हैं, जैसा समझाया जाता है। और इस कारण हम घटाशंकर की भांति मूर्ख बन जाते हैं। जो व्यक्ति संसार के स्वरूप को सम्यक् रूप से जान लेता है, वह जीवन में कभी छला नहीं जाता। वह अपने को अर्थात् अपनी आत्मा को सुरक्षित कर लेता है।
तिरूनेलवेली में प्रतिष्ठा संपन्न
राजस्थान में उम्मेदाबाद-गोल निवासी श्रीमती मोवनदेवी छगनराजजी भंसाली के सुपुत्र श्री जयन्तिलालजी भंसाली परिवार द्वारा निर्मित तीन मंजिले भवन के उफपरी खण्ड में श्री विशाल देवकुलिका में श्री नवपद पट्ट, दादा गुरुदेव श्री जिनकुशलसूरि एवं श्री नाकोडा भैरव की प्रतिष्ठा ता. 7 मार्च 2015 को पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म.सा. एवं पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. पू. विश्वरत्नाश्रीजी म. पू. रश्मिरेखाश्रीजी म. पू. चारूलताश्रीजी म. पू. चारित्रप्रियाश्रीजी म. ठाणा 5 एवं पूजनीया साध्वी श्री विरागज्योतिश्रीजी म. पू. विश्वज्योतिश्रीजी म. पू. जिनज्योतिश्रीजी म. ठाणा 3 के पावन सानिध्य में उल्लास भरे वातावरण में संपन्न हुई।
कन्याकुमारी की ऐतिहासिक प्रतिष्ठा संपन्न करवाकर नागरकोइल होते हुए ता. 7 मार्च को सुबह पूज्यवरों का नगर प्रवेश करवाया गया। तत्पश्चात् शुभ मुहूर्त्त में भवन का उद्घाटन हुआ।
प्रतिष्ठा से पूर्व अठारह अभिषेक करवाये गये। प्रतिष्ठा के बाद श्री नवकार महामंत्र महापूजन पढाया गया। विधि विधान हेतु श्री हेमन्तभाई पधारे थे।
इस अवसर पर प्रवचन फरमाते हुए पूज्य गुरुदेवश्री ने कहा- नवपद जिन धर्म का सार है। नवपद के द्वारा ही मोक्ष पाया जा सकता है। आज तक जिन्होंने भी मोक्ष पाया, उसमें नवपद ही निमित्त है। उन्होंने श्रीपाल का उदाहरण सुनाते हुए कहा- नवपद ने ही श्रीपाल को कोढ मुक्त किया था। व्यवहार की अपेक्षा से शारीरिक व्याधि का समापन हुआ तो निश्चय की अपेक्षा से मिथ्यात्व रूप कोढ से मुक्ति मिली। नवपद की साधना से ही उसने सभी प्रकार की उफँचाईयाँ प्राप्त की थी।
पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. एवं विश्वज्योतिश्रीजी म. ने अपने प्रवचन द्वारा परमात्म भक्ति की व्याख्या की। श्री जयन्तिलालजी भंसाली ने सभी का स्वागत किया। श्री संघ द्वारा उनका बहुमान किया गया।
मदुराई में गृह मंदिर की प्रतिष्ठा संपन्न
राजस्थान में गोल-उम्मेदाबाद निवासी श्री चंदनमलजी पारसमलजी बंदा मुथा के निवास स्थान में तीसरी मंजिल पर बने जिन मंदिर के हाँल में परमात्मा विमलनाथ की पूजनीय पंच धातु प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई। संगमरमर की देवकुलिका में परिकर सहित परिकर की प्रतिष्ठा पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म.सा. एवं पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 5 एवं पूजनीया साध्वी श्री विराग-विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा 3 के पावन सानिध्य में संपन्न हुई।
आगोलाई प्रतिष्ठा प्रथम वर्षगांठ का आयोजन
जोधपुर जिले के आगोलाई गांव में श्री वासुपूज्य मंदिर की प्रथम वर्षगांठ वैशाख वदि 1 ता. 5 अप्रेल 2015 को अत्यन्त आनंद व उल्लास के साथ मनाई जायेगी। यह आयोजन पूज्य ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक मुनिराज श्री मनोज्ञसागरजी म.सा. पूज्य युवा मुनि श्री नयज्ञसागरजी म. की पावन निश्रा में होगा। पूज्यश्री ब्रह्मसर से विहार कर आगोलाई पधारेंगे।
यह ज्ञातव्य है कि इस अतिप्राचीन जिन मंदिर का जीर्णोद्धार पूज्य मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से ही हुआ था। इसकी प्रतिष्ठा गत वर्ष पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. की पावन निश्रा में संपन्न हुई थी। वर्षगांठ के इस अवसर पर अठारह अभिषेक, सतरह भेदी पूजा आदि विधि विधान का आयोजन किया जायेगा।
पूज्यश्री का कार्यक्रम
पूज्य गुरुदेव उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. पूज्य मुनि श्री विरक्तप्रभसागरजी म.सा. एवं पूजनीया साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 5 एवं पूजनीया साध्वी श्री विराग-विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा 3 कन्याकुमारी प्रतिष्ठा के पश्चात् विहार कर नागरकोइल, तिरूनेलवेली होते हुए ता. 14 मार्च 2015 को मदुराई पधारे। श्री नया सुमतिनाथ संघ द्वारा पूज्यश्री का सामैया किया गया। पूज्यश्री के प्रभावशाली प्रवचन के पश्चात् प्रभावना दी गई।
ता. 15 मार्च को आराधना भवन में प्रवचन हुआ। ता. 16 को तेरापंथ भवन में प्रवचन आयोजित किया गया। ता. 16 की शाम को विहार कर ता. 22 मार्च को पूज्यश्री तिरूच्चिरापल्ली पधारे। ता. 22 को शहर मंदिर में बिराजे। उनकी पावन निश्रा में श्री संघ द्वारा श्री नाकोडा भैरव महापूजन पढाया गया। इस अवसर पर श्री ताराचंदजी खेतमलजी राखेचा परिवार द्वारा पूज्यश्री की निश्रा में मूलनायक परमात्मा को असली हीरों से स्वर्ण में निर्मित तिलक अर्पण किया गया।
ता. 23 को विहार कर श्रीमती शोभाजी श्रीपालजी कोटडिया के गृहांगण में पगले करते हुए दादावाडी प्रवेश किया। दादावाडी संघ द्वारा सकल संघ हेतु अल्पाहार की व्यवस्था की गई। प्रवचन के पश्चात् दादा गुरुदेव की पूजा पढाई गई तथा स्वामिवात्सल्य का आयोजन किया गया। लाभार्थी परिवारों द्वारा परमात्मा मुनिसुव्रतस्वामी, परमात्मा पाश्र्वनाथ, आदिनाथ एवं दादावाडी में दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, मणिधारी जिनचन्द्रसूरि, जिनकुशलसूरि तथा शांति गुरु मंदिर में योगीराज श्री शांतिसूरिजी म. की चौमुख प्रतिमाजी को शुद्ध स्वर्ण मयी कपाल पटि्टका, बाजुबंध आदि अर्पण करने का विधान किया गया।
शाम को पूज्यश्री विहार कर श्री पारसमलजी पन्नालालजी घनश्यामजी देवराजजी नवीनजी गिडिया परिवार के घर पधारे। परिवार द्वारा सकल श्री संघ हेतु अल्पाहार का आयोजन किया गया। रात्रि प्रवास पूज्यश्री का श्री पारसमलजी सिरेमलजी गिडिया परिवार के घर पर हुआ। गिडिया परिवार पूजनीया खान्देश शिरोमणि श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म.सा. का सांसारिक संबंधी परिवार है। दीक्षा ग्रहण के बाद पूजनीया साध्वी श्री विश्वज्योतिश्रीजी म. प्रथम बाद उनके घर पर पधारे।
ता. 24 मार्च को तिरूच्चिरापल्ली से विहार कर ता. 30 मार्च को तिरूकोविलूर पधारे। जहाँ पूज्यश्री के प्रवचन का आयोजन किया गया। वहाँ से विहार कर ता. 1 अप्रेल को तिरूवन्नामल्लै नगर में प्रवेश हुआ। ता. 2 को परमात्मा महावीर जन्म कल्याणक समारोह के पश्चात् पूज्यश्री ने विहार किया। ता. 5 को टिण्डीवनम् पधारेंगे। वहाँ से ता. 10 या 11 को वडपलनी चेन्नई पधारेंगे। धर्मनाथ जिन मंदिर प्रतिष्ठा एवं दीक्षा समारोह निमित्त ता. 15 अप्रेल 2015 को धर्मनाथ मंदिर में प्रवेश होगा।
संपर्क-
पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा.
द्वारा कैलाश बी. संखलेचा
नवनिधि एण्टरप्राइजेज
384, मिन्ट स्ट्रीट, आँफिस 29, दूसरा माला
चेन्नई- 600079;तमिलनाडुद्ध
संपर्क- कैलाश- 094447 11097 @ मुकेश- 09784326130 @ 96264 44066
गुडुर में पदार्पण
पूजनीया पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 8 विहार करते हुए ता. 25 मार्च 2015 को गुडुर पधारे। जहाँ उनका भव्य प्रवेश सामैया आयोजित किया गया। यह ज्ञातव्य है कि पूज्याश्री का 25 वर्षों के पश्चात् गुडुर पधारना हुआ है।
25 वर्ष प्रवेश यहाँ के श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ जिन मंदिर की प्रतिष्ठा आपकी प्रेरणा व निश्रा में ही संपन्न हुई थी। यहाँ पूज्याश्री की निश्रा में नवपद ओली की आराधना करवाई जा रही है। ओलीजी करवाने का संपूर्ण लाभ बिलाडा निवासी श्री रतनचंदजी प्रकाशचंदजी चौपडा परिवार ने लिया है। जबकि नौ दिनों की साधर्मिक भक्ति का लाभ श्री संपतराजजी चौपडा परिवार ने लिया है।
यहाँ पूज्याश्री की निश्रा में बालकों का नौ दिवसीय धार्मिक शिक्षण शिविर एवं महिलाओं का शिविर आयोजित किया जा रहा है। ओलीजी में अष्टाह्निका महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है।
महोपाध्याय श्री विनयसागर को राष्ट्रपति पुरस्कार दिया गया
जयपुर निवासी संस्कृत प्राकृत भाषा के उद्भट विद्वान् साहित्यकार महोपाध्याय श्री विनयसागरजी को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के हाथों यह सम्मान श्री विनयसागरजी के पुत्र श्री मंजुल जैन ने ग्रहण किया।
उन्हें यह सम्मान प्राकृत भाषा के संरक्षण, विकास एवं इसके प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये दिया गया। जैन संघ विशेष रूप से खरतरगच्छ के लिये यह अत्यन्त गौरव का विषय है।
साधु साध्वी समाचार
0 पूज्य आचार्य श्री जिनकैलाशसागरसूरिजी म. शल्य चिकित्सा हेतु अहमदाबाद पधारे थे। अब उनका स्वास्थ्य स्वस्थ है। वे जोधपुर में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
0 पूज्य ब्रह्मसर तीर्थोद्धारक मुनि श्री मनोज्ञसागरजी म. पूज्य नयज्ञसागरजी म. ब्रह्मसर से विहार कर सेतरावा होते हुए ता. 29 मार्च को बालेसर पधारे। दो दिवसीय स्थिरता के पश्चात् ता. 1 अप्रेल को आगोलाई पधारेंगे। जहाँ उनकी निश्रा में महावीर जन्म कल्याणक मनाया जायेगा। साथ ही उनकी प्रेरणा से जीर्णोद्धार हुए श्री वासुपूज्य जिन मंदिर की प्रथम वर्षगांठ पर ध्वजा चढाई जावेगी। अठारह अभिषेक का आयोजन होगा।
0 पूज्य मुनि श्री मुक्तिप्रभसागरजी म. मनीषप्रभसागरजी म. बाडमेर से विहार कर सांचोर, राधनपुर होते हुए कच्छ भुज पधारे हैं। वहाँ से विहार कर भद्रेश्वर तीर्थ, गांधीधाम होते हुए शंखेश्वर पधारेंगे। जहाँ उनकी निश्रा में तीन दीक्षाऐं संपन्न होगी। बाडमेर निवासी मुमुक्षु सुश्री मीना छाजेड एवं मुमुक्षु श्रीमती गीता बोथरा की भागवती दीक्षा 28 मई 2015 को तथा पाली निवासी मुमुक्षु भाविका लोढा की 7 जून 2015 को होगी।
0 पूज्य मुनि श्री कुशलमुनिजी म. आदि ठाणा 4 कोटा पधारे हैं। जहाँ उनकी निश्रा में नवपद ओली की आराधना करवाई जायेगी।
0 पूज्य अध्यात्म योगी मुनि श्री महेन्द्रसागरजी म. आदि ठाणा की निश्रा में सदर बाजार रायपुर में नवपद ओली की आराधना होगी। 6 अप्रेल से 19 अप्रेल तक मन एवं आध्यात्मिक व्यवहार प्रबंधन पर शिविर का आयोजन सदर बाजार रायपुर में होगा। उसके पश्चात् अक्षय तृतीया पर कैवल्यधाम तीर्थ पर उनका पदार्पण होगा।
0 पूज्य मुनि श्री मनितप्रभसागरजी म. पू. समयप्रभसागरजी म. पू. श्रेयांसप्रभसागरजी म. ठाणा 3 तिरपातूर से विहार कर वेल्लूर पधारे, जहाँ उनकी निश्रा में नवपद ओली करवाई जा रही है। वहाँ से विहार कर चेन्नई पधारेंगे।
0 पूज्य मुनि श्री रिषभसागरजी म. आदि ठाणा की निश्रा में अहिवारा में नवपद ओली की आराधना करवायी जायेगी।
0 पूज्य पाश्र्वमणि तीर्थ प्रेरिका साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 8 विजयवाडा, गुंटुर आदि क्षेत्रों में विहार करते हुए गुडुर-आंध्र प्रदेश पधारे हैं। नवपद ओली की आराधना उनकी पावन निश्रा में वहाँ पर कराई जायेगी। ओलीजी के पश्चात् धर्मनाथ मंदिर प्रतिष्ठा एवं दीक्षा समारोह हेतु चेन्नई की ओर विहार करेंगे।
0 पू. महत्तरा श्री मनोहरश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री तरूणप्रभाश्रीजी म. सुमित्राश्रीजी म. आदि ठाणा 4 सेलम, तिरूपातूर होते हुए अप्रेल के दूसरे सप्ताह में चेन्नई पधारेंगे।
0 पू. प्रवर्तिनी श्री विचक्षणश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री मणिप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा ने कैवल्यधाम से विहार कर भिलाई, दुर्ग होते हुए ता. 28 मार्च को राजनांदगांव पधारे। महावीर जन्म कल्याणक की संपन्नता के पश्चात् विहार कर भद्रावती पधारेंगे, जहाँ उनकी पावन निश्रा में वर्षीतप पारणा कार्यक्रम होगा।
वहाँ से अमरावती, मलकापुर, जलगांव होते हुए जून के अंतिम सप्ताह में इन्दौर पधारेंगे। उनका आगामी चातुर्मास रतलाम में होगा। जबकि उनकी शिष्याओं के चातुर्मास चन्द्रपुर, नरसिंहपुर और इन्दौर में होने की संभावना है।
0 पू. प्रवर्तिनी श्री सज्जनश्रीजी म.सा. की शिष्या पू. साध्वी श्री शशिप्रभाश्रीजी म. सा. आदि ठाणा जयपुर बिराज रहे हैं। कुछ दिनों की स्थिरता के पश्चात् अजमेर, ब्यावर, जोधपुर होते हुए नाकोडाजी पधारेंगे। पू. साध्वी श्री सौम्यगुणाश्रीजी म. आदि ठाणा जयपुर पधार गये हैं।
0 पू. महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म. पूर्णप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा गदग बिराज रहे हैं। पथरी का आँपरेशन शाता पूर्वक हुआ है। ओलीजी के पश्चात् हुबली की ओर विहार करेंगे। वहाँ उनकी पावन निश्रा में वर्षीतप के तपस्वियों के पारणे होंगे। पूज्य साध्वी श्री मनोरमाश्रीजी म. एवं पूज्य साध्वी श्री श्रेयनंदिताश्रीजी म. के वर्षीतप की आराधना चल रही है। उनका पारणा हुबली नगर में श्री आदिनाथ मंदिर एवं दादावाडी में संपन्न होगा।
0 पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य वर्धमान तपाराधिका साध्वी श्री सुलक्षणाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 जयपुर से विहार कर अजमेर होते हुए ब्यावर पधारे हैं। नवपद ओली की आराधना ब्यावर में उनकी पावन निश्रा में संपन्न होगी। ओलीजी के पश्चात् फलोदी की ओर विहार करेंगे।
0 पूजनीया माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म. आदि ठाणा कैवल्यधाम बिराज रहे हैं।
0 पूज्य बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा ने कैवल्यधाम से 15 मार्च को विहार किया है। वे राजनांदगाँव, गोंदिया होते हुए बालाघाट पधारे हैं। जहाँ उनकी निश्रा में मुमुक्षु जयादेवी सेठिया एवं मुमुक्षु संयम सेठिया का श्री संघ की ओर से अभिनंदन किया जायेगा। वहाँ से विहार कर बारासिवनी, सिवनी होते अक्षय तृतीया पर पुन: बालाघाट पधारेंगे, जहाँ उनकी निश्रा में वर्षीतप तपस्वियों के पारणे होंगे।
0 पू. प्रवर्तिनी श्री निपुणाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री मंजुलाश्रीजी म. आदि ठाणा कैवल्यधाम से विहार कर महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव हेतु रायपुर पधारेंगे। वहाँ 3 अप्रेल से विवेकानंद नगर रायपुर में ग्रीष्मकालीन संस्कार शिविर का आयोजन होगा। ता. 17 अप्रेल को रिषभनगर दुर्ग में ध्वजारोहण संपन्न करवायेंगे। अक्षय तृतीया पर कैवल्यधाम पधारेंगे। 28 अप्रेल को सदर बाजार रायपुर में ध्वजा चढाई जायेगी। वहाँ से विहार कर कवर्धा पधारेंगे, जहाँ उनकी निश्रा में 14 मई से 25 मई तक महाकौशल शिविर संपन्न होगा।
0 पू. महत्तरा श्री मनोहरश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री शुभंकराश्रीजी म. आदि ठाणा जयपुर मोतीडुंगरी दादावाडी में नवपद ओली हेतु बिराजमान है। वहाँ से आगरा होते हुए शिवपुरी चातुर्मास हेतु विहार करेंगे।
0 पू. महत्तरा श्री चंपा जितेन्द्रश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा मदुराई से विहार कर ता. 25 मार्च को तिरूच्चिरापल्ली पधारे हैं। वहाँ से विहार कर थंजावुर, कुंभकोणम्, मायावरम्, चिदम्बरम्, कडलूर, पांडिचेरी, टिण्डीवनम होते हुए चेन्नई धर्मनाथ मंदिर समदांगी बाजार, साहुकार पेठ पधारेंगे।
0 पू. साध्वी श्री हेमप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पू. साध्वी श्री कल्पलताश्रीजी म. आदि ठाणा अहमदाबाद बिराज रहे हैं। वे वहाँ से शंखेश्वर पधारेंगे, जहाँ दीक्षा समारोह का आयोजन मई व जून में होगा।
0 पूज्य बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूज्य साध्वी डाँ. श्री शासनप्रभाश्रीजी म. आदि ठाणा धमतरी पधारे हैं। वहाँ उनकी निश्रा में नवपदजी ओली आराधना होगी। तत्पश्चात् विहार कर कोण्डागांव होते हुए अपनी जन्मभूमि नारायणपुर पधारेंगे।
0 पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री प्रियस्मिताश्रीजी म. आदि ठाणा हगरीबोम्मनहल्ली नवपद ओली आराधना करवाने हेतु पधारे हैं।
0 पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री प्रियलताश्रीजी म. आदि ठाणा कोट्टूर में बिराज रहे हैं। नवपद ओली की संपन्नता के पश्चात् चित्रदुर्गा, दावणगेरे होते हुए सिंधनूर की ओर विहार करेंगे।
0 पू. खान्देश शिरोमणि श्री दिव्यप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री विरागज्योतिश्रीजी म. विश्वज्योतिश्रीजी म. आदि ठाणा 3 तिरूच्चिरापल्ली से पेरम्बलूर, पनरूटी, तिरूवन्नामल्ले, टिण्डीवनम् होते हुए 12 अप्रेल को पूज्य उपाध्यायश्री आदि के साथ प्रवेश करेंगे।
0 पू. महत्तरा श्री मनोहरश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री लयस्मिताश्रीजी म. आदि ठाणा 5 बाडमेर में श्री जिनकान्तिसागरसूरि आराधना भवन में नवपद ओली की आराधना हेतु बिराजमान हैं। वहाँ से ओलीजी के पश्चात् कुशल वाटिका पधारेंगे। वहाँ से विहार कर नाकोडाजी, जहाज मंदिर आदि तीर्थों की यात्रा करते हुए पुन: बाडमेर पधारेंगे, जहाँ उनकी निश्रा में अक्षय तृतीया के पारणे होंगे।
0 पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री हेमरत्नाश्रीजी आदि ठाणा 3 बैंगलोर से विहार कर अनंतपुर, बल्लारी, हम्पी, कोप्पल, गदग होते हुए अप्रेल के प्रथम सप्ताह में हुबली पधरेंगे। वहाँ से मुंबई की ओर विहार करेंगे।
0 पू. महत्तरा श्री मनोहरश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री संघमित्राश्रीजी म. आदि ठाणा 3 पालीताना श्री जिन हरि विहार में बिराजमान है। वहाँ से अक्षय तृतीया के बाद में विहार कर चातुर्मास हेतु मांडवी की ओर विहार करेंगे।
0 पूज्य बहिन म. डाँ. श्री विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. की शिष्या पूज्य साध्वी डाँ. श्री नीलांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा नवपद ओली आराधना करवाने हेतु दुर्ग नगर में पधारे हैं। ओलीजी के पश्चात् कैवल्यधाम पधारेंगे।
0 पूज्य साध्वी श्री सूर्यप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री अमितगुणाश्रीजी म. आदि ठाणा गदग से विहार कर नवपद ओली आराधना को निश्रा प्रदान करने हेतु हाँस्पेट पधारे हैं।
0 पू. साध्वी श्री हेमप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री श्रद्धांजनाश्रीजी म. दीपमालाश्रीजी म. जोधपुर से विहार कर ओस्तरां ध्वजा समारोह में पधारे थे। अपनी निश्रा प्रदान कर विहार कर वे जोधपुर पधारे हैं। जहाँ बाडमेर भवन में आपकी निश्रा में नवपदजी ओली आराधना संपन्न होगी।
0 पू. प्रवर्तिनी श्री विचक्षणश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री हर्षयशाश्रीजी म. आदि ठाणा कैवल्यधाम से विहार कर परमात्मा महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव में निश्रा प्रदान करने हेतु चरौदा पधारेंगे। वहाँ से देवकर पधारेंगे, जहाँ उनकी निश्रा में वर्षगांठ पर ध्वजा चढायी जायेगी।
0 पू. साध्वी श्री सुलोचनाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री प्रियसौम्यांजनाश्रीजी म. आदि ठाणा 4 गांधीधाम में नवपद ओलीजी हेतु बिराजमान है। वहाँ से विहार कच्छ पंचतीर्थी व आसपास के क्षेत्रों में विहार करेंगे।
0 पू. प्रवर्तिनी श्री निपुणाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री सुदर्शिताश्रीजी म. आदि ठाणा 2 दल्लीराजहरा में नवपद ओली करवायेंगे। वहाँ सप्त दिवसीय संस्कार शिविर का आयोजन होगा। कुसुमकसा में जीवराशि क्षमापना एवं बालोद में पंच दिवसीय संस्कार का आयोजन होगा।
0 पू. साध्वी श्री विमलप्रभाश्रीजी म. की शिष्या पूज्य साध्वी श्री मयूरप्रियाश्रीजी आदि ठाणा 3 तिरपातूर से वेल्लुर होते हुए चेन्नई पधारेंगे।
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