Acharya Shantisagar
❖ चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर महाराज का जीवन चरित्र तथा संस्मरण - ये नहीं पढ़ा तो क्या पढ़ा PART-1 रोज एक पार्ट शेयर होगा!! WITH RARE PHOTOGRAPHS ✿ share it maximum so that everybody can read precious life story.. ❖
संत कमल के पुष्प के समान लोकजीवनरूपी वारिधि में रहता है, संचरण करता है, डुबकियाँ लगाता है, किंतु डूबता नहीं। यही भारत भूमि के प्रखर तपस्वी, चिंतक, कठोर साधक, लेखक, राष्ट्रसंत आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के जीवन का मंत्र घोष है।
पूर्व नाम: श्री सातगौड़ा पाटिल
पिता श्री: श्री भीमगौड़ाजी पाटिल
माता श्री: श्रीमती सत्यवतीजी
भाई/बहिन: चार भाई, एक बहन
जन्म स्थान: येरगुल (नाना के घर) बेलगाँव, कर्नाटक
जन्म तिथि: आषाढ़ कृष्ण षष्ठी, वि.सं. १९२९, सन् १८७२, बुधवार रात्रि
क्षुल्लक दीक्षा तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी वि.सं. १९७२ सन् १९१५
क्षुल्लक दीक्षा स्थल: उत्तूर ग्राम
ऐलक दीक्षा स्थल: श्री दिगम्बर जैन, सिद्ध क्षेत्र गिरनारजी (गुजरात) में
मुनि दीक्षा स्थल: यरनाल, बेलगाँव, कर्नाटक
मुनि दीक्षा तिथि: फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी वि.सं. १९७९ सन् १९१९
दीक्षा गुरू: मुनिश्री देवेन्द्रकीर्तिजी महाराज
आचार्य पद तिथि: अश्विन शुक्ल एकादशी, वि.सं. १९८१, सन् १९२४, बुधवार
आचार्य पद स्थल: समडोली, जिला-सांगली, महाराष्ट्र
समाधि स्थल: श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कुन्थलगिरि, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र)
समाधि तिथि: द्वितीय भाद्रपद शुक्ल द्वितीया, वि.सं. २०१२, १८-०९-१९५५, रविवार
SOURCE: ये जीवन चरित्र तथा संस्मरण क्षुल्लक ध्यानसागर जी महाराज (आचार्य विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित शिष्य) के प्रवचनों के आधार पर लिखा गया है! टाइप करने में मुझसे कही कोई गलती हो गई हो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ! - Nipun Jain