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जय आदी!
"जयतू नमौस्तु शासनम-बन्दे विशुद्ध सागरम"
🏽🏽जय जिनेन्द्र🏽🏽
28//10//15
🏽भरत का भारत🏽
बुंदेलखंड में भरत का सागर
नमोस्तु शासन जयवंत हो
खुशखबरीखुशखबरी
भारत के इतिहास में
रचा जायेगा और
लिखा जायेगा
एक और नया इतिहास
वो भी बुंदेलखंड के सागर में
भरत का भारत
"अब मध्यप्रदेश के सागर में 57 फ़ीट के
विश्व के प्रथम भरत स्वामी जी "
आचार्य विशुद्ध सागर जी ससंघ की प्रेणना और आशीर्वाद से
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आप सभी को बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि अपने भारत की ह्रदय स्थली मध्यप्रदेश के सागर में श्री अतिशय क्षेत्र मंगलगिरी में इस युग के शिरोमणि परम पूज्य चर्या शिरोमणि अध्यात्मयोगी आचार्य भगवन 108 विशुद्ध सागर जी ससंघ के मंगल आशीर्वाद और प्रेरणा से 57 फ़ीट ऊँची भगवान भरत स्वामी की प्रतिमा स्थापित होगी।इस प्रतिमा(मूर्ति) के पुण्यार्जक है श्री मान प्रमोद कुमार जी, पीयूष कुमार जी, ईसान कुमार जी,श्रुत कुमार जी बारदाना परिवार सागर बाले ।जो की हमेशा ही धर्म के मार्ग में आगे रहे है।और जिन्होंने मदनपुर और सिद्धक्षेत्र द्रोणगिर में भव्य मानस्तम्भ भी विराजमान कराये है।
इस मूर्ति का पत्थर आज 27/10/15 को राजस्थान की धर्म नगरी श्री विजोलिया पारसनाथ से निकल चुका है इस पत्थर की लंबाई 45 फ़ीट और 12 फ़ीट का कमल मिलाकर 57 फीट और बजन 200 टन के लगभग है यह पत्थर 15 से 20 दिन के बीच में सागर (मध्यप्रदेश) पहुचने की उम्मीद है।
यह बहुत ही सोभाग्य की बात है की सारे विश्व में सागर एक ऐसा क्षेत्र होगा जो उत्तर भारत में भरत के नाम से जाना जायेगा।
उत्तर भारत के प्रथम भरत स्वामी विराजमान होंगे जल्द ही सागर जी मंगलगिरी में ।
नमौस्तु शासन जयवंत हो!