152nd Maryada Mahotsav
तेरापंथ संघ की वैधानिक, संगठनात्मक और सांस्कृतिक प्रवृत्तियों का केंद्र है-मर्यादा महोत्सव। साधु-साध्वियों एवं समण-समणियों की सारणा-वारणा, सार-संभाल का समय है-यह महोत्सव। चातुर्मास की नियुक्ति व पूर्व वर्ष के सिंहावलोकन का काल है-इस उत्सव का समय। मर्यादा की धाराओं की पुनर्उच्चारण व पुनर्भिव्यक्ति का माध्यम है-मर्यादा महोत्सव।
११ फरवरी, स्थानीय कन्या मंडल किशनगंज द्वारा गुरुदेव के समक्ष अभिनन्दन गीतिका की प्रस्तुति।।
◆चन्देरी की चन्द्रकान्त मणि,मातृ हृदया वासल्य की प्रतिमूर्ति मर्यादा और अनुशासन की सजग प्रहरी मातृहृदया साध्वी प्रमुखा श्री कनकप्रभा जी श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन, पुराबपली, किशनगंज विराज रहे है।◆
★पावन प्रवास 10 फरवरी से 16 फरवरी 2016★
◆ Candērī von chandrakant Mani, Elternteil hr daya vāsalya Vorliebe von Anstand und Disziplin der Rechte Wachhund mattr hr daya pramukhā sadhvi Sri Kanakprabha ji shri jain shvetambaras terapanth bhawan, Vernichtung, kishanganj purābapalī. ◆
★ Heilige Migration vom 10 Februar 16 Februar 2016 ★