Jeevan Vigyan Academy
ShortNews in English:
Perform Pre-Birth Experience Prekshadhyan Camp
Anuvrat Bhavan, New Delhi, March 9, 2016.
Under the auspicious presence of Honourable Mantri Muni Sumermal and direction of Prekshadhyan Trainer 'Shasan Sri' Muni Kishanlal, completion ceremony of five days (5th to 9th March, 2016) Prekshadyan camp at Anuvrat Bhavan, Delhi. People from Delhi, Chandigarh, Ludhiana, Panchkula, Rajasthan and US also participated in this.
During the camp they were made to practice Asanas, Pranayama, Kayotsarga, Preksha treatment, etc. apart from the Previous Birth Experience. Many Experiments were conducted in the camp. Muni Kishanlal addressed that a person can see his Pre-Birth with the help of Meditation, after knowing this both Present and Future can be made bright and fortunate.
Participants were made to practice many useful practises in terms of industriousness. Muni Vijay Kumar, Muni Udit Kumar, Saman Siddha Pragya and trainer Mr. Mahendra Kumawat also gave a fruitful training in this camp.
During the camp participants experienced the several Pre-Birth experiences. On the finale participants shared their many spiritual experiences they had with this camp.
The finale ended with the inspirational sermon of Honourable Mantri Muni. He preached that with the help of meditation method a person can cure disease and make the life stress free, result is, life can be lived with joy and also peace and harmony remains in the family. It is known that the people who are curious about meditation, visit Muni Shree.
The camp was organized under the joint aegis of Akhil Bharatiya Anuvrat Mahasamiti and Jain Shwetamber Terapanthi Sabha, Delhi. Muni Nikunj Kumar and Professor Naveen were also present in the completion ceremony. The programme was successfully hosted by Prekshadhyan Trainer Mahendra Kumawat.
News sent by Ashok Siyol
Pre-birth Experience Prekshadhyan Camp
Muni Kishanlal
सादर प्रकाषनार्थ
पूर्वजन्म अनुभूति प्रेक्षाध्यान षिविर सम्पन्न
अणुव्रत भवन, नई दिल्ली 9 मार्च, 2016।
मंत्रीमुनि श्री सुमेरमलजी स्वामी के सान्निध्य व प्रेक्षाप्राध्यापक ‘शासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी के निर्देषन में 5 से 9 मार्च, 2016 तक अणुव्रत भवन में आयोजित पांच दिवसीय पूर्वजन्म अनुभूति प्रेक्षाध्यान षिविर समापन समारोह का आयोजन किया गया। षिविर में दिल्ली, चंडीगढ़, लूधियाना, पंचकुला, राजस्थान एवं अमेरिका से आए षिविरार्थियों ने भाग लिया।
षिविर के दौरान सभी संभागियों को पूर्वजन्म अनुभूति के अलावा आसन, प्राणायाम, कायोत्सर्ग, प्रेक्षा चिकित्सा, आदि के प्रयोग करवाये गये। षिविर में मुनिश्री किषनलालजी ने कहा कि व्यक्ति ध्यान के द्वारा अपने पूर्वजन्म को देख सकता है। पूर्वजन्म को जानने से वर्तमान और भविष्य दोनों को उज्जवल एवं कल्याणकारी बनाया जा सकता है।
साधना की दृष्टि से षिविरार्थियों को कई विषिष्ट प्रयोग करवाये साथ ही मुनि विजयकुमारजी, मुनि उदितकुमारजी, समण सिद्धप्रज्ञजी व प्रषिक्षक महेन्द्र कुमावत आदि ने भी षिविर में प्रषिक्षण दिया।
षिविर के दौरान षिविरार्थियों को पिछले विभिन्न जन्मों का अनुभव हुआ। षिविर समापन समारोह में षिविरार्थियों ने अपने अनुभव में कहा कि षिविर में आने से हमें कई प्रकार के आध्यात्मिक अनुभव हुए।
समारोह का समापन मुनिश्री के प्रेरणा उद्बोधन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि ध्यान एक ऐसी पद्धति है जिससे व्यक्ति अपनी बीमारियों का स्वयं ईलाज कर सकता है और अपने जीवन को तनावमुक्त बना सकता है साथ ही आनन्द का जीवन जी सकता है। जिससे परिवार में सुख-षांति व सामंजस्य बना रहता है। ज्ञातव्य है कि मुनिश्री के पास ध्यान के लिए जिज्ञासु लोग आते रहते हैं।
षिविर अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास व जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। षिविर समापन पर मुनि निकुंजकुमारजी एवं प्रोफेसर नवीन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रषिक्षक महेन्द्र कुमावत ने किया।
प्रेषक
अषोक सियोल