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Acharya shri today click
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सभी को बहुत बहुत बधाई
आप सभी ने जैन समाज का नाम बुलंदियों पर पहुचाया आगे भी जैन धर्म के सिद्धांतो पर चलते हुए अपने कुल का और देश का नाम ऊँचा करेंगे।
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>> ज्ञानी वह जो ज्ञान उपयोग में लाये <<
आत्मा चेतन,अरूपी है, शरिर -संसार जड़ और अचेतन है।
सच्चे गुरु - निर्ग्रथ रत्नत्रय धारण करने वाले मुनि और जिनवाणी
का अध्ययन हमें ये ज्ञान प्रदान करेगा।
यह ज्ञान अगर हम उपयोग में नहीं लायेंगे तो क्या उस ज्ञान का
क्या उपयोग?
# अर्हद्दास जैन #
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फरीदाबाद हरियाणा के रहने वाले सिद्धार्थ जैन ने UPSC (IAS) की परीक्षा में 13वाँ स्थान हासिल करके सम्पूर्ण जैन समाज को गौरवान्वित किया है, आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं ।
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#दिगम्बर सरोवर के राजहंस परम पूज्य गुरुदेव #जैनाचार्य श्री १०८ #विद्यासागरजी महाराज की प्रेरणा से #भारतीय #भाषाओं के संरक्षण और #हथकरघा तथा #खादी पुनरोत्थान की क्रांति पल्लवित हो रही है।
क्या आप इस अनुकरणीय पहल में जुड़ना चाहेंगे?
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moksha path ke raahi..:)) Main bhi aapke saman is path ka raahi banu bhagwan.. sankalp bikalp ko piche chod, bandhano ko tod nirgrantha banu bhavna h tirva:))
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हाथकरघा प्रशिक्षण केन्द्र का कार्यारंभ @ Kundalpur
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कुण्डलपुर। युवाओं को पराश्रयी नहीं स्वाश्रयी होने से ही स्वदेश की गौरव वृद्धि संभव हैं। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर के इन वचनों के साथ ही गांधी के खादी युग की पुर्नस्थापना के लिए महाकवि पं. भूरामल सामाजिक सहकार हाथकरघा प्रशिक्षण केन्द्र का कार्यारंभ किया गया। छह माह की प्रशिक्षण अवधि में प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को नौ हजार मासिक राशि प्राप्त होगी।
भोजन व आवास की व्यवस्था कुण्डलपुर तीर्थ क्षेत्र समिति द्वारा निःशुल्क की जाएगी। केन्द्र के चारों प्रशिक्षक उच्च शिक्षित है तथा विदेश से प्रति वर्ष एक करोड़ राशि के पैकेज का त्याग कर स्वदेशी स्वाश्रयी स्वप्न साकार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। समिति अध्यक्ष संतोष सिंघई ने बताया कि केन्द्र के संचालन के लिए विशाल भवन सहित समस्त प्रबंधकर लिए गए हैं।
उपस्थित समुदाय को सम्बोधित करते हुए आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने कहा कि मृत काया को सूती वस्त्र से ढंक कर ले जाते हैं। इसमें विदेश के कफन का प्रयोग नहीं होता, शरीर के घांव को औषधि से लेप के उपरान्त जिस पट्टी का प्रयोग करते हैं। वह भी सूती होती है। स्मरण हो कि विदेशी वस्त्र की पट्टी से जख्म बढ़ जाएगा फिर जीवन में शरीर ढंकने के लिए विदेशी वस़्त्र का उपयोग क्यों? गृहस्थ की मर्यादा शरीर को वस्त्र से ढंकने पर होती, वस्त्र का त्यागकर श्रमण पूर्ण मयार्दित होता है।
श्रमण और श्रावक की मर्यादा के रूप पृथक पथक होते हैं। हाथकरघा से हाथ को काम कर को दृढ़ता और देश को स्वाभिमान मिलेगा। आचार्य श्री ने मर्यादा के गूढ़ अर्थ की व्याख्या करते हुए बताया कि आठ वर्ष की आयु के पश्चात् संकल्पपूर्वक विधि मान्यता के साथ वस्त्र का त्याग दिगम्बर रूप होता है। गृहस्थ की मर्यादा वस्त्र से काया को ढकने से होती है। हाथकरघा कटघरा नहीं है। उच्च तकनीकी शिक्षित युवक विदेशी साधन और सम्पन्नता का त्यागकर भारत लौट आए और प्रशिक्षण के लिए समर्पित हो गए। यह युग परिवर्तन का संकेत है। लौटने में ही सफलता निहित है। श्रमण न बन पाये तो भी श्रम से संस्कृति की रक्षा करना सामाजिक परिवर्तन का संकेत है। अंधेरा होने के पूर्व जागना ही सवेरा है। आचार्य श्री ने कहा कि मन का काम नहीं मन से काम लेना श्रमण की भुमिका है।
इस अवसर पर संचालन करते हुए नवीन निराला ने बताया कि एम.टेक और एम.बी.ए. योग्यताधारी चारों उच्च शिक्षित व महत्वपूर्ण दायित्वों में संलग्न उच्च वेतन का त्यागकर अमित जैन अशोक नगर, उत्कर्ष गुना, विपिन जैन सिलवानी सहित आगरा के गुणवान युवा ने हाथकरघा के प्रशिक्षण के माध्यम से स्वाश्रयी स्वदेशी व्यवसाय में निपुण बनाकर गांधी के खादी युग का पुर्नसूत्रपात कर रहे है।
ऐसा ही केन्द्र जबलपुर डोंगरगढ़ सहित सुदूर दक्षिण में भी संचालित किए जा रहे हैं। डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ के केन्द्र में 46 अजैन प्रशिक्षणार्थी हाथकरघा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे।
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:((It costs 10Liter water for making one 300ML bottle cold drink.!!!
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2 year old news reminder bcoz here acharya after 7 years WE WON THE BADE BABA CASE IN SUPREME COURT:
Biggest & happiest news ever for Jain society:) अब मंदिर निर्माण तथा रखरखाव आदि पूरा अपने समाज द्वारा बिना रोक टोक की किया जा सकेगा,जहा बड़े बाबा खुद विराजमान है और छोटे बाबा की भावनाय और आशीर्वाद हम सबपर था तो केस जितना ही था... जय हो जय हो जय हो... ये केस पुरातत्व विभाग ने लगाया हुआ था... *जिन धर्मं चक्र सर्वदा चलता ही रहेगा... जो इसकी शरण ले वो सुलझता ही रहेगा:) M REALLY HAPPY TO HEAR IT... AAP BHI UTNE HI HAPPY HONE HAINA:)