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12 जून का संकल्प
बात वही हृदय में गहरे उतरती ।
जो सीमित शब्दों में कही जाती ।।
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👉 अणुव्रत महासमिति संगठन समाचार:-
अणुव्रत समिति, 'मुम्बई' का वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न
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हांसी (हरियाणा): 'शासन श्री' मुनि श्री धर्मचंद जी का चतुर्मास हेतु "मंगल प्रवेश"
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💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕आचार्य तुलसी की कृति....."श्रावक संबोध"
गतांक से आगे......
📝 श्रृंखला-36 📝
लय - देव! तुम्हारे.....
~~~~~~~~~~
31 - अस्तिकाय-अस्तित्व-विवेचक,
सूत्र 'भगवती' में व्याख्यान।
श्री मद्दुक की हुई प्रशंसा,
सुनें पढ़ें इतिहास महान।
अर्थ - अस्तिकाय के स्वरूप का विवेचन करने वाला वर्णन भगवती सूत्र - (श. 18/134-143) में है। उस प्रसंग में भगवान महावीर ने श्रमणोपासक मद्दुक की प्रशंसा की। वह इतिहास का एक विशेष प्रसंग है। उसे सुनें और पढ़ें।
भाष्य - भगवान महावीर ने पाँच अस्तिकाय का प्रतिपादन किया। उनमें प्रथम तीन अस्तिकाय सर्वथा अमूर्त्त हैं। यह विषय अनेक दार्शनिकों के लिए सर्वथा अज्ञात और अविमर्शनीय था। उनमें इस विषय को जानने की उत्सुकता भी थी और उसके निरसन की भावना भी थी। इस प्रसंग को स्पष्टता से समझने के लिए हमें ढाई हजार वर्ष पहले के अतीत में झाँकना होगा।
उस समय भगवान महावीर राजगृह नगर के गुणशिलक चैत्य में प्रवास कर रहे थे। उस चैत्य के आस-पास कालोदायी, शैलोदायी आदि अनेक अन्यतीर्थिक रहते थे। उन्होंने भगवान महावीर द्वारा निरूपित पंचास्तिकाय की चर्चा सुनी। उन्होंने ये भी सुना कि पंचास्तिकाय में चार अस्तिकाय अरूपी हैं और एक पुद्गलास्तिकाय रूपी है। उनमें चार अजीव हैं और एक जीव है। अरूपी अस्तिकायों के अस्तित्व के बारे में वे जिज्ञासु हो उठे। अपनी जिज्ञासा को समाहित करने के लिए वे किसी उपयुक्त व्यक्ति से सम्पर्क करना चाहते थे।
राजगृह नगर का श्रमणोपासक मद्दुक भगवान महावीर के दर्शन करने जा रहा था। वह कालोदायी आदि अन्यतीर्थिकों के आवास-स्थल के निकट पहुँचा। अन्यतीर्थिको ने उसको देखा। उन्होंने आपस में मंत्रणा की और अपनी जिज्ञासा को समाहित करने के लिए उसके पास आ गए। उन्होंने कहा - 'मद्दुक! तुम्हारे धर्माचार्य भगवान महावीर ने पांच अस्तिकाय की प्ररूपणा की है। क्या तुम उनके बारे में जानते हो?' अन्यतीर्थिकों का प्रश्न सुनकर मद्दुक बोला - 'यदि वे कार्य करते हैं तो मैं उनको जानता-देखता हूँ। यदि वे कार्य नहीं करते हैं तो मैं उनको ना जानता हूँ और ना देखता हूँ।'
क्या मद्दुक के इस उत्तर से अन्यतीर्थिकों की जिज्ञासा शांत हुई या उन्होंने और प्रतिप्रश्न किए...?
जानने के लिए देखें हमारी अगली पोस्ट...
क्रमशः....... कल
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