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शंका समाधान
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१. भगवान की प्रतिमा का मार्जन करना अच्छी बात है लेकिन प्रतिमा को भगवान मान कर करिये, विनय के साथ करिये, नाकि कोई वस्तु समझ के! धातु की प्रतिमा का लौंग के पाउडर से और पाषाण की प्रतिमा के लिए रीठा का प्रयोग कर सकते हैं! मार्जन, अच्छे से कपडे से बहुत कोमलता से करना चाहिए! ब्रश का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए, आप कभी खुद अपने शरीर को ब्रश से घिस सकते हो क्या? तो फिर भगवान के साथ ऐसा करने का विचार ही कैसे? ये आपके विवेक की बात है! आप भगवान का मार्जन कर रहे हैं नाकि सफाई!
२. शास्त्रों / मन्त्रों का शुद्ध उच्चारण करना चाहिए, सीखना चाहिए! ये जिनवाणी की विनय में आता है!
३. जो लोग भगवान के नाम पर अपना प्रतिष्ठान चलाते हैं, तो इसमें धार्मिक दृष्टि से कोई दोष नहीं है लेकिन उन लोगों को ये निश्चित करना चाहिए की फिर उस प्रतिष्ठान में भगवान के सिद्धांतों की हत्या ना हो!
४. आदिपुराण के अनुसार तो बच्चों का नाम भगवान के नाम पर ही रखना चाहिए! भगवान के १००८ नामों की पर्ची बनाकर एक डब्बे में डाल कर बच्चे से निकलवाये, जो नाम आएगा वो उसका भाग्य! ये नाम निक्षेप है, इसमें कोई दोष नहीं है!
५. साधू को अनुकूलता प्रदान करना श्रावक का कर्तव्य है लेकिन साधू के पद के गरिमा के अनुरूप ही अनुकूलता होनी चाहिए! श्रावक का AC, कूलर, पंखा का दान देना / या साधू को ऐसी चीजों को प्रयोग करना, दोनों ही दोष के भागी हैं! ये साधू पद के महाव्रतों का खंडन है! ये शिथिलचार नहीं अनाचार है और ये श्रावको की जिम्मेदारी है की विवेकवान बने और ऐसा होने से रोके!
आपको अनुकूलता प्रदान करनी ही है तो गर्मी में ऐसे तलघर बनवा दें जिसमे अकृत्रिम रूप से ठंडक हो सके, सर्दियों में ऐसी व्यवस्था कर दे की सर्दी का प्रकोप कम हो नाकि भौतिक वस्तुओं का उपयोग करने लगे!
पहले तो साधू सूर्य की किरणों के सामने बैठ के तपस्या करते थे, अब अगर वो नहीं कर पा रहे तो कम से कम किसी छत के नीचे बैठ के तपस्या कर लीजिए; AC, कूलर, पंखा का उपयोग करना सर्वथा अनुचित है, आगम के अनुरूप नहीं है!
- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज
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#kundalpur UPDATE ✿ आचार्य श्री देश की युवा पीढ़ी के लिए कुछ-न-कुछ करना चाहते हैं -सुमित्रा महाजन... आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लिया [ जैन आईपीएस और आईएएस का सम्मेलन, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने की शिरकत ]
आचार्यश्री से भेंट के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पत्रकारों से रू-ब-रू हुईं। उन्होंने कहा- उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मैं पहली बार यहां आईं हूं। यहां आकर बड़े बाबा के दर्शन करके अच्छा लगा। इससे बड़ी बात 1999 में आचार्यश्री जब इंदौर आए थे तो अटल जी को लेकर मिलाने गई थी। उसके बाद आज मिल रही हूं। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि आचार्यश्री कुछ बात कहेंगे कहीं-न-कहीं देश भले के लिए कहेंगे। वे देश की युवा पीढ़ी के लिए कुछ-न-कुछ करना चाहते हैं। आचार्यश्री का कहना है कि युवाओं को भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा दी जानी चाहिए। इसके अलावा दुनिया में भारतीय मुद्रा का वजन सबसे ऊपर कायम हो ताकि भारत का नाम सबसे आगे हो।
आज आचार्यश्री विद्यासागर महाराज जैसे मनीषी जो केवल और केवल समाज और राष्ट्र के लिए जीते हैं, वो कुछ अपेक्षा करते हैं, तो उनकी इच्छा पूरी करना हम सब की इच्छा है। यह बात लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को कुंडलपुर में देश भर से आए जैन आईपीएस और आईएएस के सम्मेलन को संबोधित करते कही।
उन्होंने कहा यहां पर न्यायपालिका, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका से जुड़े अधिकारी मौजूद हैं। सभी के बीच में सामंजस्य होना चाहिए। जब तक सभी मिलकर बैलेंस बनाकर देश के लिए नहीं लड़ेंगे तक तब कोई भी देश का उद्दार संभव नहीं है। इससे पहले ताई रविवार को दोपहर 1. 25 बजे हेलिकॉप्टर से कुंडलपुर पहुंचीं। यहां से सीधे वे बड़े बाबा मंदिर पहुंची और करीब 20 मिनट तक आरती कर छत्र भेंट किया। इसके बाद उन्हें डॉ. सुधा मलैया ने मंदिर का भ्रमण कराया।
मौसम खराब होने एक घंटे लेट रवाना हुईं लोकसभा अध्यक्ष: कुंडलपुर महातस्काभिषेक में शामिल होने के लिए पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मौसम खराब होने के कारण एक घंटे देरी से रवाना हो पाईं।
आचार्यश्री से मुलाकात के दौरान समय ज्यादा लग गया और इसी बीच बारिश प्रारंभ हो गई। मंच पर पहुंची महाजन ने आचार्यश्री के समक्ष कहा कि बार-बार पायलेट फोन करके बता रहा है कि मौसम खराब हो रहा है। इस पर उन्होंने कहा जब आचार्यश्री आदेश करेंगे तभी यहां से जाएंगे। इस तरह करीब एक घंटे बाद 4 बजे बारिश बंद हुई तो वह रवाना हो गईं।
डॉ. मलैया ने लोकसभा अध्यक्ष को बड़े बाबा की मूर्ति मिलने से लेकर स्थापित होने तक की गाथा सुनाई। मंदिर का भ्रमण करने के बाद श्रीमती महाजन धर्मशाला पहुंचीं और आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लिया। इस बीच करीब 30 मिनट तक लोकसभा अध्यक्ष और आचार्यश्री के बीच चर्चा हुई।
संस्कार और नैतिक शिक्षा जरूरी
आचार्यश्री ने श्रीमती महाजन से कहा- देश में नैतिक शिक्षा जरूरी है। पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया गया। क्योंकि संस्कार तो मिल जाते हैं, लेकिन नैतिक शिक्षा न होने से वह काम नहीं आते।
विद्यार्थियों को सात्विक आहार हो, तामसी नहीं: आचार्यश्री के ससंघ की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष विद्यार्थियों को शासन की ओर से पोषण आहार के नाम पर अंडा परोसने के प्रस्ताव को मंजूरी न देने की बात कही गई। उन्होंनेे कहा यह प्रस्ताव निरस्त होना चाहिए।
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✿ सुख-समृद्धि चाहते हो तो सरस्वती को पहले प्रणाम करो:आचार्यश्री kundalpur update
पाप पांच प्रकार के होते हैं। हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील व परिग्रह। चार तो हमें याद रहते पांचवां पाप हमें याद क्या स्वप्न में भी बना रहता है। उसको पाप के रूप में स्वीकार करना खेल नहीं। हमने यदि उसे पाप के रूप में स्वीकारा समझा तो भगवान के निकट ही नहीं भगवान बनने में देर नहीं लगेगी। यह विचार आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कुंडलपुर में जैन प्रशासनिक अधिकारियों के महोत्सव में आयोजित सम्मेलन में व्यक्त किए। आचार्यश्री ने कहा भारतीय संस्कृति का जिसने अध्ययन किया, भारत में जन्म लेने को जिसको सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसके भाव ऐसा हुआ करते हैं। संपदा पुण्य के उदय से आती है। श्रमिक लोग भी बहुत बड़ा योगदान देते हैँ, उनका संपर्क नहीं बनता तो यह संपदा हाथ नहीं आती। आज रविवार भी है। प्रशासन को पूरा एक दिन दिया है। अभी कहा गया न्याय मार्ग से कभी न पद डिगने पाएं। एक पंक्ति और कही गई सबके कंठ सूख गए हैं। प्यास लगी है। अच्छी पंक्ति लगी। कंठ सूख गए, गीला बनाना है। पानी पीकर ही बनाए ऐसा नहीं, नियमों को याद करलों या इमली को याद कर लो, पदार्थ में आता हो प्यास बुझाने ऐसा ही नहीं है। भाव में भी आता है। भावों को याद करें। जनता का धन कहने वाला व्यक्ति इसके स्वरूप को बहुत अच्छे से समझ रहा है। आज विज्ञान इतने ऊंचे पहुंच गया। लोग संपदा के पीछे भाग रहे हैं। संपदा क्या है। हम कैसे प्राप्त कर सकते हैं। हम बुद्धि के द्वारा समझें। जो पदार्थ माने जाते हैं, हम उनसे भोगता बनें। यह अज्ञान माना जाएगा विज्ञान नहीं। रहस्य उद्घाटित होता तो वैज्ञानिक को आनंद होता। हम पदार्थ एकट्ठा न करें, पदार्थ समझने पुरुषार्थ करें। हमारे संतों ने जन जन तक पहुंचने परम पुरुषार्थ किया। वस्तु के पास अपने आप में ऐसी शक्तियां हैं। शासन प्रशासन अनुशासन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। समझना आवश्यक है। विज्ञान के माध्यम से चढ़ाव और उसी के माध्यम से उतार होता है।
डाॅक्टर प्रशासन कोई बचता नहीं, सभी समर्पण हो जाते। समर्पण की ओर यदि दृष्टि चली जाती लक्ष्मी सरस्वती दोनों की पूजा होती। सुख समृद्धि चाहते तो सरस्वती को पहले प्रणाम करों। जिनेंद्र भगवान के शासन में उसको ज्ञान कहा गया।
सरस्वती ज्ञान का पर्याय है।
छोटे-छोटे विद्यालय खूब खोले जा रहे हैं। जीव मात्र के प्रति मैत्री भाव धारण कर सकें। जिन शासन में उसी ही ज्ञान कहा मोक्ष मार्ग में विज्ञान वीतराग विज्ञान कहते। वीतराग विज्ञान के माध्यम से क्या हो रहा है। आपके सामने है। साॅफ्टवेयर इंजीनियर भी इसी ओर मुड़ रहे हैं। हम हर पदार्थ प्राप्त करने टकरा रहे हैं। आप अनुभव के उपरांत कुछ प्रशिक्षण दूसरों को क्यों नहीं दे रहे।
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✿ पिंछी रे पिंछी... इतना बता तूने कौनसा पुण्य किया है, गुरु माँ ने ख़ुश हो कर के हाँथों में थाम लिया है।।
जय माँ ज्ञानमती।।
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LIVE click @ kundalpur.. today page has crossed 40,000 members:)
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✿ Grand Jay Jinendra all 40,000 members:) कुण्डलपुर आदिनाथ भगवन बड़े बाबा का महा मस्तक अभिषेक.. भगवान् महावीर की जिवंत प्रतिकृति छोटे बाबा के सनिध्ये में हुआ इससे बड़ा दुर्लभ अवसर क्या हो सकेगा? इसी अवसर इस पेज के 40,000 LIKES होने का दुर्लभ अनुपम अवसर आया हैं:)
आओ वीतराग प्रभु के गुण गाये.. उनकी भक्ति में डूब जाए.. वैराग्यमयी जश्न मनाये..
हम भी छोटे बाबा के सामान जीवन जी.. बड़े बाबा के समक्ष हो जाए:) -admin written.
Loads thank everyone.. Admin -nJ [ www.jinvaani.org ]
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✿ मतलब नीलगाय की संख्या बढ़ गयी हैं उसको पहले तोह सिमित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाये और अब उनको मार डालोगे, ऐसे तोह इंसान की संख्या भी बढ़ गयी तोह उनको भी मार डोज - मेनका गाँधी? Share this maximum!!
प्रकाश जावड़ेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने बिहार में नील गायों को मारने की अनुमति देकर वन एवं पर्यावरण पशुओं के प्रति क्रूरता के निवारण एवम् गौवध निवारण अधिनियम के विरुद्ध कृत्य किया है।जीवों पर दया के सिद्धांत को फसल सुरक्षा के नाम पर नहीं बदला जा सकता।माननीय उच्च एवम् उच्चतम न्यायालयों को स्वयम् संज्ञानता लेकर वन एवम् पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने बालों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करनी चाहिये। जीव दया व् पशु अधिकार एवम् सुरक्षा की लड़ाई लड़ने बालों को इसमें एक होकर प्रकाश जावड़ेकर के मंत्रालय के विरुद्ध आंदोलन करना चाहिए।उनकी घोर निन्दा व् भरतष्णा की जाती है। हिन्दू आस्था व् मान बिन्दुओं नीलगाय बिहार में हाथी बंगाल में और बन्दर हिमाचल में मारने की अनुमति संविधान प्रदत्त कर्तव्यों व् निति निर्देशक सिद्धांतों के विपरीत तो है ही परन्तु हिन्दू धर्म को अपमानित करने वाला तो सुनिश्चित ही है।
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✿ LIVE chote baba click from kundalpur:)) pic by abhishek jain, Gurgoan. बड़े बाबा पंचकल्याणक में बची हुई बड़ी राशि डोंगरगढ़ प्रतिभास्थली को देदी गयी ओर शिक्षा के क्षेत्र में प्रयोग होगी:)) live update..
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एक पिता ने अपने बेटे की बेहतरीन परवरिश की। 😯
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बेटा एक सफल इंसान बना और एक मल्टीनेशनल कम्पनी का सी ई ओ बना।
शादी हुई और एक सुन्दर सलीकेदार पत्नी उसे मिली।
बूढ़े हो चले पिता ने एक दिन शहर जाकर अपने बेटे से मिलने की सोचा।
वह सीधे उसके ऑफिस गया। भव्य ऑफिस, मातहत ढेरों कर्मचारी, सब देख पिता गर्व से फूल गया।
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बेटे के पर्सनल चेंबर में प्रवेश कर वह बेटे की चेयर के पीछे जाकर खड़ा हो गया और बेटे के कंधे पर हाँथ रखकर प्यार से पूछा---" इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कौन है? "😁
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बेटे ने हँसते हुए जवाब दिया---" मेरे अलावा और कौन हो सकता है, पिताजी। "
पिता दुखी हो गया।
उसने सोचा था कि, बेटा कहेगा कि, पिताजी सबसे शक्तिशाली आप हैं, जिन्होंने मुझे इतना शक्ति संपन्न बनाया।
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पिता की आँखें भर आईं। चेंबर के द्वार से बाहर जाते हुए पिता ने मुड़कर बेटे से कहा---" क्या सच में तुम ही सर्वाधिक शक्तिशाली हो? "
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बेटा बोला---" नहीं पिताजी, मैं नहीं, आप हैं सर्वाधिक शक्तिशाली, जिसने मुझ जैसे को शक्ति संपन्न बना दिया। "
आश्चर्यचकित पिता ने कहा---" अभी अभी तुम शक्तिशाली थे और अब मुझे बता रहे हो। क्यों? "
बेटा उन्हें अपने सामने बिठाते हुए बोला---" पिताजी उस समय आपका हाँथ मेरे कंधे पर था, तो जिस बेटे के कंधे या सर पर पिता का मजबूत हाँथ हो, वो तो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान होगा ही। आप कहिए, क्या मैं सही नहीं? "
पिता की आँखों से झर झर आँसू बह निकले। उन्होंने बेटे को गले लगा लिया और कहा---" तुम बिलकुल सही हो बेटा।। "
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#kundalpur UPDATE ✿ आचार्य श्री देश की युवा पीढ़ी के लिए कुछ-न-कुछ करना चाहते हैं -सुमित्रा महाजन... आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लिया [ जैन आईपीएस और आईएएस का सम्मेलन, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने की शिरकत ]
आचार्यश्री से भेंट के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पत्रकारों से रू-ब-रू हुईं। उन्होंने कहा- उन्हें यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मैं पहली बार यहां आईं हूं। यहां आकर बड़े बाबा के दर्शन करके अच्छा लगा। इससे बड़ी बात 1999 में आचार्यश्री जब इंदौर आए थे तो अटल जी को लेकर मिलाने गई थी। उसके बाद आज मिल रही हूं। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि आचार्यश्री कुछ बात कहेंगे कहीं-न-कहीं देश भले के लिए कहेंगे। वे देश की युवा पीढ़ी के लिए कुछ-न-कुछ करना चाहते हैं। आचार्यश्री का कहना है कि युवाओं को भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा दी जानी चाहिए। इसके अलावा दुनिया में भारतीय मुद्रा का वजन सबसे ऊपर कायम हो ताकि भारत का नाम सबसे आगे हो।
आज आचार्यश्री विद्यासागर महाराज जैसे मनीषी जो केवल और केवल समाज और राष्ट्र के लिए जीते हैं, वो कुछ अपेक्षा करते हैं, तो उनकी इच्छा पूरी करना हम सब की इच्छा है। यह बात लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को कुंडलपुर में देश भर से आए जैन आईपीएस और आईएएस के सम्मेलन को संबोधित करते कही।
उन्होंने कहा यहां पर न्यायपालिका, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका से जुड़े अधिकारी मौजूद हैं। सभी के बीच में सामंजस्य होना चाहिए। जब तक सभी मिलकर बैलेंस बनाकर देश के लिए नहीं लड़ेंगे तक तब कोई भी देश का उद्दार संभव नहीं है। इससे पहले ताई रविवार को दोपहर 1. 25 बजे हेलिकॉप्टर से कुंडलपुर पहुंचीं। यहां से सीधे वे बड़े बाबा मंदिर पहुंची और करीब 20 मिनट तक आरती कर छत्र भेंट किया। इसके बाद उन्हें डॉ. सुधा मलैया ने मंदिर का भ्रमण कराया।
मौसम खराब होने एक घंटे लेट रवाना हुईं लोकसभा अध्यक्ष: कुंडलपुर महातस्काभिषेक में शामिल होने के लिए पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन मौसम खराब होने के कारण एक घंटे देरी से रवाना हो पाईं।
आचार्यश्री से मुलाकात के दौरान समय ज्यादा लग गया और इसी बीच बारिश प्रारंभ हो गई। मंच पर पहुंची महाजन ने आचार्यश्री के समक्ष कहा कि बार-बार पायलेट फोन करके बता रहा है कि मौसम खराब हो रहा है। इस पर उन्होंने कहा जब आचार्यश्री आदेश करेंगे तभी यहां से जाएंगे। इस तरह करीब एक घंटे बाद 4 बजे बारिश बंद हुई तो वह रवाना हो गईं।
डॉ. मलैया ने लोकसभा अध्यक्ष को बड़े बाबा की मूर्ति मिलने से लेकर स्थापित होने तक की गाथा सुनाई। मंदिर का भ्रमण करने के बाद श्रीमती महाजन धर्मशाला पहुंचीं और आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लिया। इस बीच करीब 30 मिनट तक लोकसभा अध्यक्ष और आचार्यश्री के बीच चर्चा हुई।
संस्कार और नैतिक शिक्षा जरूरी
आचार्यश्री ने श्रीमती महाजन से कहा- देश में नैतिक शिक्षा जरूरी है। पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया गया। क्योंकि संस्कार तो मिल जाते हैं, लेकिन नैतिक शिक्षा न होने से वह काम नहीं आते।
विद्यार्थियों को सात्विक आहार हो, तामसी नहीं: आचार्यश्री के ससंघ की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष विद्यार्थियों को शासन की ओर से पोषण आहार के नाम पर अंडा परोसने के प्रस्ताव को मंजूरी न देने की बात कही गई। उन्होंनेे कहा यह प्रस्ताव निरस्त होना चाहिए।
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पूज्य आर्यिका ज्ञानमती माताजी जी के चरणों में वंदामि वंदामि वंदामि...
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११ जून - आचार्य भगवान प्रवचन