Jeevan Vigyan Academy
News in Hindi
जैन संतों का आध्यात्मिक मिलन
हांसी, 3 अक्टूबर 2017।
आचार्यश्री महाश्रमणजी के आज्ञानुवर्ती संत प्रेक्षाप्राध्यापक ‘षासनश्री’ मुनिश्री किषनलालजी, मुनि निकुंजकुमार व दिगम्बर समाज के संत मुनिश्री 108 वीर सागरजी, मुनिश्री 108 विषाल सागरजी एवं मुनिश्री 108 धवल सागरजी महाराज का दिगम्बर मंदिर में आध्यात्मिक मिलन हुआ। बड़े आत्मीय भाव से मिलन हुआ।
इस आध्यात्मिक मिलन में मुनिवृंदों ने एक दूसरे से अध्यात्म विकास की चर्चा की। जैन धर्म के मौलिक सिद्धांत, अहिंसा, त्याग, तप आदि के बारे में ज्ञान चर्चा की, इस दौरान सकल जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। दिगम्बर मुनिजी ने आचार्यश्री विद्यासागर की महत्त्वपूर्ण कार्य कृति ‘‘मूकमाटी’’ भेंट की।
मुनिश्री किषनलालजी ने प्रेक्षाध्यान की चर्चा करते हुए बताया कि वे प्रेक्षाध्यान का 50 वर्षों से शोध कर रहे हैं। उन्होंने ‘रहस्य पूर्वजन्मों के’ प्रयोगों से पूर्वजन्म की अनुभूतियों के प्रयोग जयपुर, उदयपुर, दिल्ली, हांसी के लोगों को करवाया। ‘‘योग से बदले जीवन शैली’’ आदि पुस्तकों का निर्माण किया।
जीवन विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से विद्यार्थियों की जीवन शैली को बदला। देष के 16 राज्यों में इन पुस्तकों का प्रयोग होता है। उन्होंने आगे बताया कि वे 5 अक्टूबर (गुरु पूर्णिमा) को रात्रि 8 से 10 बजे तेरापंथ सभा भवन में चन्द्रध्यान ‘मून मेडिटेषन’ करवायेंगे। जिसमें कोई भी भाई बहन भाग ले सकते हैं।
- राहुल जैन (प्रधान तेरापंथ युवक परिषद्)
मो. 9812272360
English by Google Translate:
Spiritual meeting of Jain saints
October 3, 2017
Spiritual meeting was held in Digambar temple of Munishri 108 Viral Sagarji and Munishri 108 Dhawal Sagarji Maharaj, Munniti Kishanlalji, Muni Nikunjkumar and Saint Munirshi 108 Vir Sagarji of Digambar Samaj, Munshi's 108 Vishal Sagari and Munishree 108; Meet with great souls.
In this spiritual meeting, the sects discussed each other with spiritual development. Discussed knowledge about the fundamental principles of Jainism, non-violence, sacrifice, asceticism etc. During this time, Shravak-Shravikika of the Gross Jain Samaj was present. Digambar Muniji presented the important work of 'Acharyashree Vidyasagar', 'Mukmati'.
Munishri Kishan Lalji, while referring to the observation, said that he has been doing research for 50 years of observation. They used to apply the perceptions of ancestors to the people of Jaipur, Udaipur, Delhi, and Hansi from the experiments of 'mystery ancestors'. Produced books such as "Life style instead of yoga".
Life science textbooks change the lifestyle of students. These books are used in 16 states of the country. He further said that he will make Chandradhyan 'Moon Meditation' on October 5 (Guru Purnima) at 8 pm to 10 pm at the Terrapanth Sabha building. In which any siblings can participate
- Rahul Jain (Principal Taraporeth Youth Council)
Mo. 9812272360