29.10.2017 ►ICSJP ►Report ►National Seminar On Science And Spirituality

Published: 02.11.2017

ICSJP


Mega National Seminar on Spirituality and Science in Mumbai

Thane:

A mega seminar on Spirituality and Science was held on Sunday, 29th October 2017, at Terapanth Bhawan, Thane, in which various dignitaries from different regions of the country presented their experiences and research results.

This seminar was jointly organized by Jain Shwetambar Terapanthi Sabha Thane, K. J. Somaiyya Center for Studies in Jainism and Department of Philosophy from University of Mumbai, in presence of Prof. Munishri Mahendra kumar ji. Around 400 people registered their participation.

Seminar was inaugurated by Mr. Nirmal Kumar Shree Shrimal, President of Jain Shwetambar Terapanthi Sabha Thane. Dr. S. P. Jain, Kokila Shah (KJ Somaiya College) and Shilpa Chheda (University of Mumbai) presented their views on the importance of the seminar.

Dr. Muni Abhijeet kumar ji said that where the end of spirituality is understood, science begins.

Jain Scholar Prof. Munishree Mahendra kumar, who is an experienced senior saint of science and spirituality, said that by adopting holistic life style we can make our life happier and understand the essence of life. Today’s youth with fast life style can remain healthy through mental and emotional yoga. It’s required that spirituality should be tested from the glasses of science through systematic research.

In the first session, Dr. Manmal Begani (General Surgeon, Bombay Hospital) told from his forty years of experience that patient can regain health quickly with modern medical science together with spiritual yoga, irrespective of whether he is Hindu, Muslim or Jain.  Chief guest of the program Padmashree Dr S. C. Manchanda (Cardiologist, Former Head, All India Institute of Medical Sciences, Delhi) while presenting his research experiences said that we have experienced many positive results at Gangaram Hospital in the last twenty years by using Yoga and Preksha meditation with Modern Science. He presented those evidences to the audience.

In the second phase, Dr. Muni Abhijit kumar ji took Preksha meditation session for the participants. Renowned doctor and speaker Bipinji Doshi also shared his long experience and mentioned there are also some good aspects of modern medical science that we should use.

The questions & answers sessions to resolve participants’ queries were also of great interest and knowledge.

Munishri Jagrut kumar ji, while analyzing both the parts of the human brain, gave the youth the knowledge and technique of using the brain by comparing awake and sleeping mind with computer system. Shree Piyush Nahata said that there are still many scientific elements in Jainism.d spirituality in the seminar.

The seminar was co-ordinated by Yasha Shree Shrimal and Pooja Bantia. Curious participants in the day long camp got refreshed by brain gym exercise during breaks.

Report [Hindi]:

मुंबई में अध्यात्म और विज्ञान पर राष्ट्रीय सेमिनार का विशाल आयोजन

ठाणे: अध्यात्म और विज्ञान पर राष्ट्रीय सेमिनार का विशाल आयोजन ठाणे के तेरापंथ भवन में रविवार २९ अक्टूबर २०१७ को आयोजित हुआ, जिसमे देश के विभिन्न क्षेत्रों से निष्णात विभूतियों ने अपने अनुभव और रिसर्च के रिजल्ट प्रस्तुत किये।

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा ठाणे, के. जे. सोम्मैया सेंटर फॉर स्टडीज इन जैनिज़्म और डिपार्टमेंट ऑफ फिलॉसफी, मुंबई युनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वाधान में एवं प्रो. मुनिश्री महेंद्रकुमार्जी के सानिध्य में तेरापंथी सभा भवन, ठाणे में यह सेमिनार आयोजित किया गया, जिसमे लगभाग ४०० लोगो ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाई।

सेमिनार का शुभारम्भ श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा ठाणे के अध्यक्ष निर्मलकुमार श्रीश्रीमाल के स्वागत संवाद से हुआ।

इस अवसर पर डॉ. एस. पी. जैन, कोकिला शाह (के. जे. सोमैया कालेज) व शिल्पा छेड़ा (मुंबई यूनिवर्सिटी) ने सेमिनार के महत्व पर अपने विचार रखें।

डॉ. मुनि अभिजीतकुमारजी ने अपने मंजे विचारों को रखते हुए कहा कि जहाँ अध्यात्म का अंत समझा जाता है वहीं से विज्ञान की शुरुवात होती है |

जैन स्कॉलर प्रो. मुनिश्री महेंद्रकुमार, जो स्वयं विज्ञान और अध्यात्म के अनुभवी वरिष्ठ संत है, ने कहा- जीवन के मर्म को समझाना है तो होलिस्टिक लाइफ स्टाइल को अपना कर जीवन सुखी बनाया सकता है, आज के युवाओं की फ़ास्ट लाइफ को मानसिक और भावात्मक योग द्वारा स्वस्थ रखा जा सकता है |

आवश्कता है, सिस्टेमेटिक रिसर्च के द्वारा अध्यात्म को सायन्स की कसौटी पर खरा उतरा जायें।

प्रथम सत्र में डॉ. मानमल बेगानी (जनरल सर्जन, बॉम्बे हॉस्पिटल) ने अपने चालीस साल के अनुभवों को बताते हुए कहा - मॉडर्न मेडिकल सायन्स के साथ स्पीरियुचल योग से भी रोगी को जल्द स्वस्थ बनाया जा सकता, फिर वह कोई जाती हिन्दू, मुस्लिम या जैन हो | कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि पद्मश्री डॉ. एस. सी. मनचंदा (कार्डिओलॉजिस्ट, पूर्व प्रमुख, आल इंडिया आयुर्विज्ञान, दिल्ली) ने अपने रिसर्च के अनुभवों को प्रस्तुति करते हुए कहा-;मॉडर्न सायन्स के साथ योग, प्रेक्षाध्यान से अनेक सकारात्मक रिजल्ट हम ने गंगाराम हॉस्पिटल में पिछले बीस सालों के अनुभव से प्राप्त किये है। जिसके साक्ष्य उन्होने प्रतिभागियों के सामने रखें।

दुसरे चरण में डॉ. मुनि अभिजीतकुमारजी ने सेमिनार्थियों को प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग करवाया। विख्यात डॉक्टर और वक्ता बिपिनजी दोषी ने भी अपने लंबे अनुभवों को शेयर करते हुए कहा- मॉडर्न मेडियल सायंस के कही अच्छे पहलु भी है जिसका हमें उपयोग करना चाहिये।

निष्णातों द्वारा संभागियों के शंका जिज्ञाषा समाधान का सेशन भी बड़ा रूचि और ज्ञानवर्धक रहा।

मुनिश्री जागृतकुमारजी ने मानव मस्तिष्क के दोनों भागों का विश्लेषण करते हुए युवाओं को जागृत माइंड और सुप्त माइंड को आज के कम्प्यूटर सिस्टम का उदारहण देते हुए मस्तिष्क का सही उपयोग करने की टेक्निक बताई। श्रीपियूष नाहटा ने कहा- जैनिजम में भी अनेक वैज्ञानिक तत्व है |

सेमिनार में विज्ञान व अध्यात्म पर पोस्टर कंपटीशन का अंकन डॉ. ज्योति रामचंद्रन (मुख्यध्यापिका, महाप्रज्ञ स्कूल, कालबादेवी) ने बखूबी किया।

दो सत्र में चले सेमिनार का संचालन यशा श्रीश्रीमाल और पूजा बाँटिया ने किया। सुबह से लेकर शाम तक चले शिबिर में जिज्ञासु सहभागिओं को बीच-बीच में करवाई गयी ब्रेन जिम एक्सरसाइज से नई ताजगी मिली |
अतिथियों का सम्मान तेरापंथी सभा के द्वारा किया गया व राजेश भटेवरा ने आभारज्ञापन किया । सेमिनार के मिडिया प्रभारी उत्तम पीपाड़ा द्वारा जानकारी प्रदत की गयी।

कार्यक्रम को सफल बनाने में, स्थानीय युवा टीम के पुजा बाँटिया, भाविन भंसाली, श्रेयांश धारीवाल, प्रेक्षा संचेती, वर्णिका चोरडिया,योगेश बाफना, यशा श्रीश्रीमाल के साथ निर्मल श्रीश्रीमाल, डॉ सुंदरलाल इटोदिया, अभयराज चोपड़ा, विमल गादिया, पंकज नोलखा, पारुल शाह, मिनाक्षी श्रीश्रीमाल, वनिता मेहता, चेतना बाफना, युवक परिषद, महिला मंडल का विशेष सहयोग रहा |

पीपाड़ा उत्तम जैन मो. ९९३०३५०८८५

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Pipada Uttam Jain
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