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News in Hindi:
दीक्षा महोत्व की तैयारियों के लिए बैठक
हांसी, 12 फरवरी 2018।
आचार्यश्री महाश्रमणजी के निर्देशानुसार ‘शासनश्री’ मुनिश्री किशनलालजी के कर कमलों से 25 अप्रैल 2018 को तोशाम में प्रस्तावित मुमुक्षु मुकुल जैन की दीक्षा व्यवस्थाओं के संदर्भ में तोशाम जैन तेरापंथ समाज व हरियाणा तेरापंथ समाज की संयुक्त बैठक तेरापंथ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र जैन एडवोकेट की अध्यक्षता में हांसी में सम्पन्न हुई, जिसमें गहन चिंतन व विचार विमर्श के उपरान्त आयोजित किए जाने वाले प्रकल्पों एवं उनकी व्यवस्थाओं के लिए अन्तिम रूप दिया गया। विशेष रूप से दिल्ली से समागत तेरापंथ महासभा के मुख्य ट्रस्टी श्री के.एल. जैन पटावरी ने दुर्लभ दीक्षा अवसर को भव्य गरिमामय व ऐतिहासिक बनाने के लिए पंजाब, राजस्थान व दिल्ली की सक्रिय सहभागिता पर जोर दिया। अमृतवाणी के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुखराज सेठिया ने डाॅक्युमेन्ट्री तैयार करने व लाइव टेलीकास्ट के प्रबंधों की जानकारी दी। हरियाणा तेरापंथ सभा के कार्याध्यक्ष श्री दिनेश गर्ग, तोशाम तेरापंथ सभा के श्री पवन जैन व हरियाणा तेरापंथ सभा के निवर्तमान अध्यक्ष श्री प्रमोद जैन एवं तेरापंथ महासभा के उपाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र जैन एडवोकेट ने कहा कि तोशाम में दीक्षा महोत्सव के लिए पूरे हरियाणा में अति उत्साह है इस आयोजन को हर प्रकार से भव्य बनाया जाएगा। सभी सीमान्त राज्यों से श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया जाएगा। पूज्य गुरुदेव ने हरियाणा को यह दुर्लभ अवसर प्रदान किया है। इसे जिम्मेवारी से पूरा किया जाएगा। सभी की सहभागिता व जिम्मेवारी निश्चित की जाएगी।इस अवसर पर श्री लक्ष्मीसागर जैन, मा. नन्दकुमार जैन, श्री नत्थूराम जैन एडवोकेट हिसार, श्री रमेश बंसल भिवानी, श्री नानकचन्द मेहता, तोशाम हांसी से सभाअध्यक्ष श्री दर्शन जैन, श्री लाजपतराय जैन, श्री डालचन्द जैन, श्री सुभाष जैन व शांतिलाल जैन आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
मुनि निकुंजकुमारजी ने कहा कि दीक्षार्थी व दीक्षा प्रदाता दो मुख्य बिन्दु है दीक्षा के पश्चात पूरी सृष्टि एक परिवार हो जाता है। प्रेक्षाप्राध्यापक मुनिश्री किशनलाल ने कहा कि दीक्षार्थी व गुरुदृष्टि ही सृष्टि है, दीक्षार्थी परिवार पूरे धर्मसंघ से अटूट रिश्ता कायम कर लेता है। हरियाणा में और भी परिवार इस क्रम में तैयार हो।
- अशोक सियोल
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Meeting for preparation
February 12, 2018
According to the instructions of Acharyashree Mahishmani, the joint meeting of Tosham Jain Terapanth Samaj and Haryana Teerapanth Samaj in the context of the initiation arrangements of Mumukshu Mukul Jain proposed in Tosham on April 25, 2018 from the taxation of Munshri Kishan Lalaji, was done by the Vice Chancellor of the National Council of theorganism, Mr. Surendra Jain Advocate Under the chairmanship of laughter, in which deep thinking and discussion Afterwards the finalization was done for the projects and their arrangements to be organized. Mr. KL, the Chief Trustee of the Teesta Mahasabha, consisting mainly of Delhi. Jain Patwari emphasized the active participation of Punjab, Rajasthan and Delhi to make the rare initiation opportunity a grand dignified and historical. National Convenor of Amravati, Mr. Sukhraj Sethia informed about the preparation of documentary and management of live telecast Mr. Dinesh Garg, President of the Working Committee of Haryana Teerththa Sabha, Mr. Pawan Jain of Tosham Terapanth Sabha and Mr. Pramod Jain, the outgoing Chairman of Haryana Teerapanth Sabha and Mr. Surendra Jain Advocate, Vice President of Terapanth Mahasabha, said that there is lot of enthusiasm in whole Haryana for the Diksha Mahotsav in Tosham. This event will be made gorgeous in every way. All the marginalized states will be invited to the devotees. Pujya Gurudev has given this rare opportunity to Haryana. It will be done with responsibility. Everyone's participation and responsibility will be decided.On this occasion, Shri Laxmisagar Jain, Ma. Nandkumar Jain, Shri Nathuram Jain Advocate Hisar, Shri Ramesh Bansal Bhiwani, Shri Nankchand Mehta, Tosham Hansi, Shri Darshan Jain, the meeting President, Mr. Lajpat Rai Jain, Shri Dalchand Jain, Shri Subhash Jain and Shantilal Jain etc. also expressed their views.
Muni Nikunjkumarji said that the initiator and initiation provider is the main point, after the initiation, the whole creation becomes a family. Observer Munishri Kishan Lal said that the initiator and gurupshita are the creation, the initiate family establishes an unbreakable relationship with the whole congregation. More families in Haryana get ready in this order.
- Ashok Siol