Posted on 28.05.2023 19:28
साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल प्रेरणा प्रदान...साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल प्रेरणा प्रदान...
🌸 महाराष्ट्र की धरा पर राष्ट्रसंत महाश्रमण का महामंगल पदार्पण 🌸
-अरब सागर के किनारे उमड़ा आस्था, भक्ति और उत्साह का महासागर
-अभिनंदन में उमड़ा सकल महाराष्ट्र, विहार मार्ग में जगह-जगह भव्य स्वागत
-8.15 पर ज्योतिचरण के चरणरज से जगमगा उठी महाराष्ट्र की धरा
-11 कि.मी. का विहार कर आचार्यश्री ने पालघर जिले के बोर्डी में किया मंगल प्रवास
-महाराष्ट्र में धर्म की प्रभावना व नैतिक चेतना का हो जागरण : राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमण
-महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हाजी अराफात शेख ने आचार्यश्री के किए दर्शन
28.05.2023, रविवार, बोर्डी, पालघर (महाराष्ट्र) :
तीन महीने तक गुजरात की धरा पर आध्यात्मिक, धार्मिक और मानवीय मूल्यों की स्थापना कर, गुजरातवासियों की आंतरिक तम को हरने के उपरान्त रविवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मराठाओं की धरा, वीरों और संतों की धरती महाराष्ट्र में महामंगल प्रवेश किया तो महामानव के अभिनंदन में मानों पूरा महाराष्ट्र उमड़ आया। अरब सागर के किनारे मानों आस्था, भक्ति और उत्साह का महासागर लहरा उठा। जन-जन मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के अभिनंदन को आतुर नजर आ रहे थे। आचार्यश्री के महाराष्ट्र सीमा में प्रवेश करने के साथ ही मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं की शृंखला का जो शुभारम्भ हुआ, वह आचार्यश्री के प्रवास स्थल तक बना रहा। जनमानस के मुख से उच्चरित बुलंद जयघोष सागर के लहरों के शोर को मानों मूक बना दिया था, इस कारण समूचा वातावरण महाश्रमणमय बना हुआ था। जगह-जगह पर आचार्यश्री के अभिनंदन में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों, किशोर मण्डल, कन्या मण्डल आदि के द्वारा लगाई गई झांकियां लोगों को अपनी ओर आकृष्ट कर रही थीं। जन-जन को अपने दोनों कर कमलों से आशीषवृष्टि करते महाराष्ट्र के प्रथम प्रवास पालघर जिले में स्थित बोर्डी में स्थित गोखले एज्युकेशन सोसायटी के अंतर्गत 123 साल पुराने सोनाबाई पेस्तोनजी हकिमजी हाईस्कूल में पधारे।
रविवार को सुबह की मंगल बेला में शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने गुजरात के वलसाड जिले में स्थित उमरगाम से मंगल प्रस्थान किया। यह मंगल प्रस्थान था, मानवता के मसीहा का महाराष्ट्र में मंगल प्रवेश का, यह अवसर था वर्ष 2023 के मुम्बई चतुर्मास हेतु मुम्बई की ओर बढ़ने और यह मंगल प्रस्थान था महाराष्ट्र की जनता के आंतरिक तम को हरने का। जैसे-जैसे आचार्यश्री महाराष्ट्र की सीमा के निकट पहुंच रहे थे। सीमा पर खड़े महाराष्ट्रवासियों की संख्या में भी बढ़ती जा रही थी। निर्धारित समयानुसार आचार्यश्री गुजरात और महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में सीमा विभाजन का कार्य करने वाली वहिन्द्रा नदी के पुल से उस ओर पधारे तो स्वागतोत्सुक महाराष्ट्रवासी प्रसन्नता से झूम उठे। महाराष्ट्र से संबंधित चारित्रात्माओं ने आचार्यश्री का अभिनंदन किया। आचार्यश्री ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल आशीर्वाद प्रदान कर जैसे ही सीमा में प्रवेश किया, बुलन्द जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। और सागर किनोर लहरा उठा, आस्था, भक्ति, उत्साह का महासागर। इसकी लहरों में विहारपथ पूरी तरह खो गया। पथ के दोनों ओर नजर आ रहे थे तो केवल श्रद्धानत होते मस्तक और जुड़े हुए हाथ। पंक्तिबद्ध रूप में आचार्यश्री के साथ प्रवेश करती धवल सेना मानों भी आध्यात्मिक लहर-सी प्रतीत हो रही थी। आस्थायुक्त मानवों को मानस को अपनी मोहक मुस्कान के साथ आशीषवृष्टि से तृप्ति प्रदान करते हुए आचार्यश्री गंतव्य स्थल में पधारे।
प्रवास स्थल के दूसरी ओर अरब सागर के किनारे बना विशाल प्रवचन पण्डाल जनाकीर्ण हो गया। आचार्यश्री ने महाराष्ट्र की सीमा में वर्ष 2023 का प्रथम मंगल पाथेय प्रदान करते हुए अहिंसा, संयम और तप रूपी धम को व्याख्यायित करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने कठोर साधना की। आचार्यश्री भिक्षु ने भी अपने जीवन में परिषह सहे। भगवान महावीर और तेरापंथ के आद्य आचार्यश्री भिक्षु के जीवन में काफी समानताएं प्राप्त होती हैं। ऐसे महामना आचार्य भिक्षु की आचार्य परंपरा चली। उनमें नवमें आचार्यश्री तुलसी महाराष्ट्र पधारे थे और उन्होंने महाराष्ट्र में अपना चतुर्मास और मर्यादा महोत्सव भी किया था। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी ने केवल अपना मर्यादा महोत्सव किया था। उस समय मैं भी उनके साथ था। आज स्वतंत्र रूप में आना हुआ है। मुम्बई चतुर्मास के लिए गति करते हुए आज हम महाराष्ट्र में आए हैं। भारत के राष्ट्र है, जिसमें एक यह महाराष्ट्र राज्य है, यह अद्भुत-सी बात है।
महाराष्ट्र के लोगों में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति रूपी मानवीय मूल्य प्रवर्धमान होते रहें, विकास करते रहें। यहां की जनता में धार्मिक साधना की उन्नति होती रहे। महाराष्ट्र से संबंधित हमारे साथ अनेक चारित्रात्माएं भी हैं। श्रावक-श्राविकाएं आध्यात्मिक उत्साह के साथ कार्य करते रहें। परस्पर मैत्री की भावना का विकास हो। चतुर्मास के दौरान आने वाले आगंतुकों के प्रति भी मंगल मैत्री की भावना हो। पूरे महाराष्ट्र में धर्म की प्रभावना हो और जनता में नैतिक चेतना बनी रहे। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री के अभिनंदन में महाराष्ट्र से संबद्ध मुनि चिन्मयकुमारजी, मुनि अर्हमकुमारजी व मुनि जितेन्द्रकुमारजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए तो महाराष्ट्र से संबद्ध साध्वियों ने स्वागत गीत का संगान किया।
आचार्यश्री के स्वागत व दर्शनार्थ पहुंचे महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हाजी अराफात शेख ने पूज्यप्रवर के अभिनंदन में कहा कि मैं ऐसे महान संत के समक्ष कुछ बोल सकूं, इतनी हमारी काबिलियत नहीं है, किन्तु मैं महाराष्ट्र सरकार की ओर आपश्री का हार्दिक स्वागत करता हूं। आपके आगामी विहार और चतुर्मास में हमारा मुस्लिम समाज भी तत्परता से जुटा हुआ रहेगा। आपका स्वास्थ्य खूब अच्छा रहे। अल्लाह आपको खुश रखें। आप जनता को ऐसे ही प्रेरणा प्रदान करते रहें।
आचार्यश्री के स्वागत अभिनंदन में तेरापंथ महिला मण्डल-घोलवड़, मुम्बई तेरापंथ समाज व पुणे तेरापंथ समाज ने अपने-अपने स्वागत गीतों का संगान किया। मुम्बई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मदनलाल तातेड़, श्री हितेश हिरण, विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती विनीता शाह ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
महाराष्ट्र में महातपस्वी का सान्ध्यकालीन विहार
महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश के कुछ ही घंटों बाद आचार्यश्री महाश्रमणजी सान्ध्यकालीन विहार को गतिमान हुए। मार्ग के दोनों ओर स्थित सघन वृक्ष मार्ग को सुरम्य बना रहे थे। आचार्यश्री लगभग पांच किलोमीटर का विहार कर डोंगरीपाड़ा में स्थित मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ में पधारे। आज का रात्रिकालीन प्रवास यहीं हुआ।
यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth
यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/QoCNys-T7vA
फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।
तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/
🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा
आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।
-अरब सागर के किनारे उमड़ा आस्था, भक्ति और उत्साह का महासागर
-अभिनंदन में उमड़ा सकल महाराष्ट्र, विहार मार्ग में जगह-जगह भव्य स्वागत
-8.15 पर ज्योतिचरण के चरणरज से जगमगा उठी महाराष्ट्र की धरा
-11 कि.मी. का विहार कर आचार्यश्री ने पालघर जिले के बोर्डी में किया मंगल प्रवास
-महाराष्ट्र में धर्म की प्रभावना व नैतिक चेतना का हो जागरण : राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमण
-महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हाजी अराफात शेख ने आचार्यश्री के किए दर्शन
28.05.2023, रविवार, बोर्डी, पालघर (महाराष्ट्र) :
तीन महीने तक गुजरात की धरा पर आध्यात्मिक, धार्मिक और मानवीय मूल्यों की स्थापना कर, गुजरातवासियों की आंतरिक तम को हरने के उपरान्त रविवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मराठाओं की धरा, वीरों और संतों की धरती महाराष्ट्र में महामंगल प्रवेश किया तो महामानव के अभिनंदन में मानों पूरा महाराष्ट्र उमड़ आया। अरब सागर के किनारे मानों आस्था, भक्ति और उत्साह का महासागर लहरा उठा। जन-जन मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के अभिनंदन को आतुर नजर आ रहे थे। आचार्यश्री के महाराष्ट्र सीमा में प्रवेश करने के साथ ही मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं की शृंखला का जो शुभारम्भ हुआ, वह आचार्यश्री के प्रवास स्थल तक बना रहा। जनमानस के मुख से उच्चरित बुलंद जयघोष सागर के लहरों के शोर को मानों मूक बना दिया था, इस कारण समूचा वातावरण महाश्रमणमय बना हुआ था। जगह-जगह पर आचार्यश्री के अभिनंदन में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों, किशोर मण्डल, कन्या मण्डल आदि के द्वारा लगाई गई झांकियां लोगों को अपनी ओर आकृष्ट कर रही थीं। जन-जन को अपने दोनों कर कमलों से आशीषवृष्टि करते महाराष्ट्र के प्रथम प्रवास पालघर जिले में स्थित बोर्डी में स्थित गोखले एज्युकेशन सोसायटी के अंतर्गत 123 साल पुराने सोनाबाई पेस्तोनजी हकिमजी हाईस्कूल में पधारे।
रविवार को सुबह की मंगल बेला में शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने गुजरात के वलसाड जिले में स्थित उमरगाम से मंगल प्रस्थान किया। यह मंगल प्रस्थान था, मानवता के मसीहा का महाराष्ट्र में मंगल प्रवेश का, यह अवसर था वर्ष 2023 के मुम्बई चतुर्मास हेतु मुम्बई की ओर बढ़ने और यह मंगल प्रस्थान था महाराष्ट्र की जनता के आंतरिक तम को हरने का। जैसे-जैसे आचार्यश्री महाराष्ट्र की सीमा के निकट पहुंच रहे थे। सीमा पर खड़े महाराष्ट्रवासियों की संख्या में भी बढ़ती जा रही थी। निर्धारित समयानुसार आचार्यश्री गुजरात और महाराष्ट्र के इस क्षेत्र में सीमा विभाजन का कार्य करने वाली वहिन्द्रा नदी के पुल से उस ओर पधारे तो स्वागतोत्सुक महाराष्ट्रवासी प्रसन्नता से झूम उठे। महाराष्ट्र से संबंधित चारित्रात्माओं ने आचार्यश्री का अभिनंदन किया। आचार्यश्री ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल आशीर्वाद प्रदान कर जैसे ही सीमा में प्रवेश किया, बुलन्द जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा। और सागर किनोर लहरा उठा, आस्था, भक्ति, उत्साह का महासागर। इसकी लहरों में विहारपथ पूरी तरह खो गया। पथ के दोनों ओर नजर आ रहे थे तो केवल श्रद्धानत होते मस्तक और जुड़े हुए हाथ। पंक्तिबद्ध रूप में आचार्यश्री के साथ प्रवेश करती धवल सेना मानों भी आध्यात्मिक लहर-सी प्रतीत हो रही थी। आस्थायुक्त मानवों को मानस को अपनी मोहक मुस्कान के साथ आशीषवृष्टि से तृप्ति प्रदान करते हुए आचार्यश्री गंतव्य स्थल में पधारे।
प्रवास स्थल के दूसरी ओर अरब सागर के किनारे बना विशाल प्रवचन पण्डाल जनाकीर्ण हो गया। आचार्यश्री ने महाराष्ट्र की सीमा में वर्ष 2023 का प्रथम मंगल पाथेय प्रदान करते हुए अहिंसा, संयम और तप रूपी धम को व्याख्यायित करते हुए कहा कि भगवान महावीर ने कठोर साधना की। आचार्यश्री भिक्षु ने भी अपने जीवन में परिषह सहे। भगवान महावीर और तेरापंथ के आद्य आचार्यश्री भिक्षु के जीवन में काफी समानताएं प्राप्त होती हैं। ऐसे महामना आचार्य भिक्षु की आचार्य परंपरा चली। उनमें नवमें आचार्यश्री तुलसी महाराष्ट्र पधारे थे और उन्होंने महाराष्ट्र में अपना चतुर्मास और मर्यादा महोत्सव भी किया था। आचार्यश्री महाप्रज्ञजी ने केवल अपना मर्यादा महोत्सव किया था। उस समय मैं भी उनके साथ था। आज स्वतंत्र रूप में आना हुआ है। मुम्बई चतुर्मास के लिए गति करते हुए आज हम महाराष्ट्र में आए हैं। भारत के राष्ट्र है, जिसमें एक यह महाराष्ट्र राज्य है, यह अद्भुत-सी बात है।
महाराष्ट्र के लोगों में सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति रूपी मानवीय मूल्य प्रवर्धमान होते रहें, विकास करते रहें। यहां की जनता में धार्मिक साधना की उन्नति होती रहे। महाराष्ट्र से संबंधित हमारे साथ अनेक चारित्रात्माएं भी हैं। श्रावक-श्राविकाएं आध्यात्मिक उत्साह के साथ कार्य करते रहें। परस्पर मैत्री की भावना का विकास हो। चतुर्मास के दौरान आने वाले आगंतुकों के प्रति भी मंगल मैत्री की भावना हो। पूरे महाराष्ट्र में धर्म की प्रभावना हो और जनता में नैतिक चेतना बनी रहे। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने महाराष्ट्रवासियों को मंगल प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री के अभिनंदन में महाराष्ट्र से संबद्ध मुनि चिन्मयकुमारजी, मुनि अर्हमकुमारजी व मुनि जितेन्द्रकुमारजी ने अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए तो महाराष्ट्र से संबद्ध साध्वियों ने स्वागत गीत का संगान किया।
आचार्यश्री के स्वागत व दर्शनार्थ पहुंचे महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री हाजी अराफात शेख ने पूज्यप्रवर के अभिनंदन में कहा कि मैं ऐसे महान संत के समक्ष कुछ बोल सकूं, इतनी हमारी काबिलियत नहीं है, किन्तु मैं महाराष्ट्र सरकार की ओर आपश्री का हार्दिक स्वागत करता हूं। आपके आगामी विहार और चतुर्मास में हमारा मुस्लिम समाज भी तत्परता से जुटा हुआ रहेगा। आपका स्वास्थ्य खूब अच्छा रहे। अल्लाह आपको खुश रखें। आप जनता को ऐसे ही प्रेरणा प्रदान करते रहें।
आचार्यश्री के स्वागत अभिनंदन में तेरापंथ महिला मण्डल-घोलवड़, मुम्बई तेरापंथ समाज व पुणे तेरापंथ समाज ने अपने-अपने स्वागत गीतों का संगान किया। मुम्बई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मदनलाल तातेड़, श्री हितेश हिरण, विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती विनीता शाह ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
महाराष्ट्र में महातपस्वी का सान्ध्यकालीन विहार
महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश के कुछ ही घंटों बाद आचार्यश्री महाश्रमणजी सान्ध्यकालीन विहार को गतिमान हुए। मार्ग के दोनों ओर स्थित सघन वृक्ष मार्ग को सुरम्य बना रहे थे। आचार्यश्री लगभग पांच किलोमीटर का विहार कर डोंगरीपाड़ा में स्थित मोहनखेड़ा गुरुधाम तीर्थ में पधारे। आज का रात्रिकालीन प्रवास यहीं हुआ।
यूट्यूब पर Terapanth चैनल को सब्सक्राइब करें
https://www.youtube.com/c/terapanth
यूट्यूब पर आज का वीडियो ऑनलाइन देखने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
https://youtu.be/QoCNys-T7vA
फेसबुक पेज पर प्रतिदिन न्यूज़ पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और पेज को लाइक करे, फॉलो करें।
तेरापंथ
https://www.facebook.com/jain.terapanth/
🙏 संप्रसारक🙏
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा
आचार्यश्री महाश्रमण जी एवं तेरापंथ धर्मसंघ आदि के नवीनतम समाचार पाने के लिए--
♦ 7044774444 पर join एवं अपने शहर का नाम लिखकर whatsapp करें।
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook