Posted on 23.10.2024 17:37
दिल्ली की प्रसिद्ध तिहाड़ जेल में पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज के प्रवचन सुनकर कैदियों को आत्मग्लानि हो रही थी, अनेकों कैदियों ने भविष्य में नशा और जुर्म न करने का पूज्य आचार्य श्री के सामने संकल्प लिया था।कुछ समय लगेगा लेकिन पूज्य आचार्य श्री का प्रेरक उद्वोधन एक बार सुनिएगा।
जब मैं पहली बार पहली बार दिल्ली की तिहाड़ जेल में पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी मुनिराज के प्रवचन के लिए अनुमति लेकर जेलर से मिलने गया तो उन्होंने दिगंबर साधु के कारण कहा कि कोई कैदी हमला न कर दे आप 10 - 15 मिनट में कार्यक्रम कर लेना, मैने कहा था कि आप विश्वास करें सब अच्छा होगा।
आपको यकीन नहीं आएगा कि पूज्य आचार्य श्री के प्रवचन आरंभ होते ही कैदियों में पश्चाताप के साथ जुर्म रहित जीवन जीने के लिए एक नई ऊर्जा का संचार नजर आ रहा था, अधिकतर कैदी आचार्य श्री के पैर छूना चाहते थे।
आचार्य श्री ने लगभग आधा घंटे प्रवचन किए।
जेलर साहब ने पूज्य आचार्य के साथ अंदर कार्यक्रम में गए सभी जैन बन्धुओं के लिए बढ़िया नाश्ते, चाय आदि की व्यवस्था की थी।
तिहाड़ में ही एक अन्य जेल के जेलर भी वहां आए थे, उन्होंने भी उनकी जेल में भी प्रवचन के लिए निवेदन किया जिसके लिए अनुमति लेकर अन्य दिन प्रवचन की व्यवस्था की गई।
इतना ही नहीं आचार्य श्री के आशीर्वाद से एक जेल में कंप्यूटर और एक जेल में साउंड सिस्टम की मशीन और जैन साहित्य आदि उपहार दिए गए।
संजय जैन - विश्व जैन संगठन
Source: © Facebook
विडियो क्लिप :- तिहाड जेल न. 08 / 09, नई दिल्ली में कैदियों को दिनांक 24 फरवरी 2014 को राष्ट्रसंत परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञा.....