Posted on 01.11.2024 06:10
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24वें #जैन तीर्थंकर वर्धमान महावीर भगवान के मोक्षस्थल पावा / पावापुरी प्राचीन काल से 'पाप रहित' 'पवित्र नगर' "अपापपुरी" नाम से प्रसिद्ध....विश्व जैन संगठन व्हाट्सएप: 8800001532
पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जरनल सर अलेक्जेंडर कन्निघम ने अपनी प्रमाणिक टूर रिपोर्ट में भगवान महावीर मोक्षस्थल "पावा" को "अपापपुरी" नाम से सम्बोधित करने का उल्लेख वर्ष 1875-78 की रिपोर्ट के पेज 170 पर प्रकाशित है।
भगवान महावीर के मोक्ष के समय श्रद्धालुओं की इतनी अधिक भीड़ थी कि मोक्षस्थल की मिट्टी से तिलक लगाने हेतु ली गयी थोड़ी सी मिट्टी से बना यहाँ बड़ा गढ्ढा विशाल जलाशय में परिवर्तित होकर "जल मन्दिर" के नाम से प्रसिद्ध होने का उल्लेख भी 1875-78 की रिपोर्ट में है!
👉🏼 भारत के किसी भी अन्य धार्मिक क्षेत्र के लिए 148 वर्ष पूर्व में 'पाप रहित' 'पवित्र नगर' "अपापापुरी" होने का उल्लेख जानकारी में नही है!
लेकिन इसी पवित्र पावापुरी में निर्वाण महोत्सव के दौरान मात्र एक सप्ताह के लिए अंडे मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते है जबकि यहां सदैव के लिए प्रतिबंध हो।
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नमोस्तु गुरुवार🙏🏻
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