Do politicians come to visit you or not? Do they praise you or not?
I am not concerned with such things.
You tell me if you are dedicated towards determined goals and loyal towards your duties.
Taken From "Roj Ki Ek Salah" - Book by Acharya Mahashraman
तुम्हारे पास राजनेता आते हैं या नहीं? वे तुम्हारी प्रशंसा करते हैं या नहीं? इससे मुझे कोई मतलब नहीं. मुझे यह बताओ तुम अपने निर्धारित लक्ष्य के प्रति समर्पित व कर्त्तव्य के प्रति निष्ठावान हो या नहीं.