06.10.2015 ►Jahaj Mandir ►Chennai Bhav ►Yatra of Ashtapada Tirth

Published: 07.10.2015
Updated: 27.10.2015

Jahaj Mandir Mandawala


News in Hindi:

चैन्नई में अष्टापद भाव यात्रा का सफल आयोजन

चैन्नई सुप्रसिद्ध धर्मनाथ मंदिर में पूजनीया महत्तरा श्री चंपाश्रीजी म. सा. की शिष्या पू. धवलयशस्वी आर्या श्री विमलप्रभाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की परम पावन निश्रा में दि. 6 सितंबर को अष्टापद की भाव यात्रा संपन्न हुई।

साध्वी मयूरप्रियाश्रीजी म. ने अष्टापद भाव यात्रा विश्लेषण पूर्वक करवाई। अष्टापद तीर्थ के बारे में सुना था कि आदिनाथ प्रभु का वहाँ पर निर्वाण हुआ हैं लेेकिन इस तीर्थ की महिमा क्या है? कहाँ पर है? किसने यह तीर्थ बनाया? ये सभी जानकारी सुन उपस्थित सभी जन अहोेभाव से भर गये।

अष्टापद तीर्थ का पट्ट में एक नाग सभी व्यक्तियों को जला रहा है पास में बडी विशाल नदी हैं। एक-एक सीढी पर 501 तापस कायोत्सर्ग में लीन है। रावण-मंदोदरी यहाँ क्यु आए, यह सिंह के आकार वाला सिंह निषद्या नामक चैत्य का क्या महत्व है? इत्यादि एक-एक दृश्य का महत्व भक्तिमय वातावरण में विवेचन किया गया। अन्त में चैत्यवंदन के पश्चात् सभी को संवेदना के द्वारा प्रभु के समक्ष अपने पापों का प्रायश्चित्त करवाया गया, सभी भक्तों की आँखों में से आँसु बहने लगे। ‘जय दादा की, जय दादा की’ नारा गंुजने लगा और श्रीसंघ के लोगों का कहना था कि आज तक बहुत बार भाव-यात्रा तो की लेकिन ऐसी भावयात्रा प्रथम बार की। इस अवसर पर तिरूपात्तुर से वर्षीतप के सभी तपस्वी पधारे। उनका बहुमान किया गया।

प्रेषक- गौतम संकलेचा Chennai

Photos:

Sources
jahajmandir.org

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