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21//04//16पदमनाभ नगर दुर्ग
📕📕📕विशुद्ध देशना📕📕📕
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1- हे जीव!! सम्यक दृष्टि जीव हर स्थान पर अपनी विशुद्धि का ध्यान रखता है।।
2-हे जीव!! जैसे किसी का बुखार नापने के लिए थर्मामीटर का प्रयोग करते और तापमान उतारकर दूसरे में प्रयोग करते हो ऐसे ही ज्ञानी मंदिर में प्रवेश करने से पहले मस्तिष्क से घर का तापमान उतार देना चाहिए ताकि तुम प्रभु की भक्ति में स्थिर हो सको।।
3-हे मित्र!! भगवन की पूजा पूण्य प्राप्ति के लिए नहीं कर्म क्षय की प्राप्ति के लिए करना चाहिए।।
4- हे मित्रो!! जिस स्थान पर ध्यान भंग हो उस स्थान पर महाराजो को नहीं ठहराना।।(जहाँ पर स्त्री,पुरुषो का वास हो,मदिरालय हो आदि),
5-हे जीव!!करोडो का धन इकठ्ठा हो जावे तो कुएं में पटक देना लेकिन किसी मुनिराज के हाथ पर सिक्का भी मत रखना।और करोडो का फायदा हो रहा हो और नगर में मुनिराज आये हो चर्या को निकल रहे हो तो ज्ञानी उस फायदे को छोडकर पहले उनके हाथ पर एक ग्रास जरूर दे आना।।
6- हे माँ!! जिस घर में सुबह से किलकिल(कलह) हो रही हो, पति पत्नी लड़ रहे हो ज्ञानी समझ लेना ज्ञानी घर में विपत्ति आने वाली है।।
7-हे युवाओ!! जीवन में सब कुछ सरल है लेकिन ईर्ष्या की आग को बुझा पाना बहुत कठिन है।अरे मित्र! जैसे किसी के घर में आग लग जाये तो उसे तो नगरपालिका के यंत्र द्वारा बुझा सकते है लेकिन ज्ञानी! किसी की ईर्ष्या की आग को कोई नहीं बुझा सकता है।।
8- हे मित्र!! जल्दी किसी का विश्वास मत कर लेना।
9- हे जीव!! धन,धरती, घर परिजन जब तक आँख खुली है तब तक काम आयेगें और जब आँख बंद होने पर केवल धम्मं शरणम् पव्वजामि काम आएगी।।
10- जीवन में सब छोड़ देना लेकिन सरलता मत छोडना।।
11- हे मुमुक्षु! जैसे रत्नों से भरा घड़ा मिल जाये तो तुम किसी को बताने नहीं जाते है ऐसे ही ज्ञानी! नगर में रत्नत्रयधारी आ जाये तो तुम किसी के घर कहने मत जाना कि चौका लगाओ ये तो तुम्हारा धर्म है।।
Jo hai so hai.........
।।जैनम् वचनम् सदा वंदे।।
भव्य पंच कल्याणक
25//04//16- 02//05//16
पारस धाम रिशाली नगर
भिलाई छत्तीसगढ़
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आचार्य भगवन 108 विशुद्ध सागर जी ससंघ 24//04//16 की शाम तक पदमनाभ नगर जैन मंदिर दुर्ग में विराजमान है।।और 24//04//16 की शाम को मंगल विहार दुर्ग से पारसधाम भिलाई के लिए होगा।आप सभी सादर आमन्त्रित है।।
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।।नमोस्तु शासन जयवंत हो।।
।।श्रमण संस्कृति सेवा समिति।।