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मिड डे मिल में अंडे को लेकर लोकसभा अध्यक्ष से ये बोले #आचार्य विद्यासागर.
दमोह। देश में मध्यान्ह भोजन में अंडा परोसे जाने की योजना व्यवहारिक नहीं लगती। इस पर विचार होना चाहिए और शाकाहार में इसका विकल्प खोजा जाना चाहिए। रविवार को कुंडलपुर में यह बात आचार्य विद्यासागर ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कही। महाजन दोपहर 1.30 बजे कुंडलपुर पहुंचीं। उनके व आचार्यश्री के बीच विभिन्न मुद्दों पर करीब 45 मिनिट तक चर्चा हुई। आचार्यश्री ने कहा कि अंडे से बीमारियां संभावित हैं। इसकी जगह केला या अन्य फल बच्चों को दिया जाना चाहिए।
आचार्य श्री ने देश की शिक्षा पद्धति में भी बदलाव की बात कही। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों में नैतिक शिक्षा को शामिल किया जाना चाहिए। आचार्यश्री ने महाजन से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य की जानकारी ली और प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का अभियान अच्छा है।
अंडे से बढ़ते हैं रोगआचार्यश्री ने कहा कि अंडा लोगों को स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक बताया जाता है, लेकिन इस बारे में वैज्ञानिकों ने खोज की है, जिसे खाने से कई बीमारियां होती हैं और इसके प्रमाण मौजूद हैं, इसलिए इसकी जगह केला या कोई फल रखा जाना चाहिए, जिसमें अंडे से ज्यादा पोषक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा की पद्धति में बदलाव जरूरी है। उन्होंने नैतिक शिक्षा व कौशल उन्नयन पर जोर दिया। आचार्यश्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के स्वास्थ्य से लेकर मोदी सरकार के कामकाज पर ताई से हालचाल जाने। लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने आचार्यश्री को पूरे हालचाल सुनाए। आचार्यश्री ने स्वच्छ भारत अभियान पर भी चर्चा की। सुमित्रा महाजन ने कहा कि हमारी सरकार का प्रमुख उद्देश्य हैं कि महिलाएं, बच्चे सहित गृहस्थजन खुले में शौचं न जाएं, क्योंकि हजारों लोगों के खुले में शौच में जाने से बीमारियां फैलती हैं।
आचार्यश्री के संकेत पर हैलीकाप्टर सुमित्रा महाजन पंडाल में पहुंची उसी समय मौसम खराब हो गया और तेज हवाओं के साथ बारिश भी शुरू हो गई। इसी बीच हैलीपैड से पायलट का संदेश पहुंचा तो महाजन ने सार्वजनिक मंच से कहा कि जब आचार्यश्री आदेश देंगे तब ही निकलूंगी। आचार्यश्री ने उन्हें बैठने का संकेत दिया। करीब 20 मिनट बाद मौसम साफ हो गया और 4.15 पर उनके हैलीकाप्टर ने उड़ान भरी। उन्होंने कहा कि वे आचार्यश्री से पहली बार 1999 में मिलीं थीं, इसके बाद उनकी दूसरी भेंट है। आचार्यश्री ने जो मुद्दे मुझे दिए हैं मैं उन्हें सरकार के समझ रखूंगी।
(पत्रिका से साभार)
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शंका समाधान
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१. डॉ. राम चन्द्र शुक्ल (डायरेक्टर, पुरातत्व विभाग, इंडिया) ने मोहनजोदड़ो के शोध में अपनी पुस्तक में लिखा की मोहनजोदड़ो में निकली प्रतिमाएं जैन प्रतिमाएं हैं और इस आधार पर जैन धर्म को प्राग वैदिक धर्म स्वीकार किया गया!
एक और प्रोफ़ेसर Mr. T. N. Ramachandran अपनी पुस्तक " HADAPPA AND JAINISM " में HADAPPA की संस्कृति में JAINISM को स्वीकार करते हैं!
इससे यह भी निष्कर्ष निकलता है की मूर्ती पूजा भी उतनी ही पुरानी है जितना पुराना जैन धर्म!
२. मनुष्य के केवल बौद्धिक विकास को ही पूर्ण विकास मानना बहुत बड़ी भूल है! इसके साथ नैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक विकास से बच्चों के सर्वांगीण विकास की तरफ ध्यान दीजिये!
३. दान की रकम से ज्यादा उसके पीछे का भाव सबसे महत्त्वपूर्ण है और उस व्यक्ति की हैसियत भी महत्त्वपूर्ण है! १०० रूपए कमाने वाले का १० रूपए का दान, १ करोड़ कमाने वाले के १ लाख से ज्यादा है!
४. जैसे कोड़ के रोग में शरीर का वो हिस्सा संवेदनहीन हो जाता है वैसे ही " दहेज़ " की कु-प्रथा भी कोड़ के समान है जो पूरे मनुष्य को ही संवेदनहीन बना देती है!
५. पंचम काल में मोक्ष मार्ग है मोक्ष नहीं, लेकिन मार्ग पर चले बिना मोक्ष कैसे मिलेगा?
६. धर्म का फल प्रसन्नता होता है और पाप का फल संताप होता है! सच्चा धर्मी व्यक्ति असफलता में भी परेशान नहीं होता बल्कि ही प्रसन्न रहता है!
७. समाज में ऐसा माहौल होना चाहिए की किसी साधू का चातुर्मास कराने के लिए होड़ होनी चाहिए! ये समाज का दुर्भाग्य है की इसके लिए समाज को pressurize होना पड़ता है!
- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज शंका समाधान संकलन
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चल अकेला..चल अकेला..चल अकेला....तेरा चेतन तेरे साथ ही है चल अकेला। यहाँ किसके साथ की तुझको है जरुरत? यहाँ तो स्वार्थ के ही तो रिश्ते है सब...यहाँ कौन किसीके साथ रहता अनादि तक?यहाँ तो संयोग से वियोग जो होता...चल अकेला..चल अकेला...चल अकेला...अब तो तू ले शुद्धात्मा का शरण..अब तो ज्ञायक का ही रख स्मरण...चल अकेला..चल अकेला...चल अकेला...तेरा चेतन तेरे साथ ही है चल अकेला। - मोहिनी गांधी
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आचार्य भगवन से क्या अर्ज करती है प्रकृति और वनस्पति
हवा कह रही आज गति से,
थोडा धीरज धर लीजे।
आचार्यश्री विद्यासागर के,
दर्शन कर लेने दीजे।।
गुरुवर इस युग के महावीर,
गुरुवर सा ग्यानी कोई नहीं।
गुरुवर चर्या के शिरोमणी,
गुरुवर सा ध्यानी कोई नहीं।
गुरु दर्शन की है प्यास लगी,
ये प्यास बुझा लेने दीजे।
आचार्यश्री विद्यासागर के,
दर्शन कर लेने दीजे।।
🙏🏻नमोस्तु आचार्य भगवन🙏🏻
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आचार्य श्री आहार चर्या के बाद की पिक्चर:))
हस्तकरघा योजना जिसमे शासन की योजनाये तक अपेक्षाकृत सफल न हो सकी । उसे पूज्य आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से मूर्तरूप दिया उच्च शिक्षित एवं प्रशिक्षण प्राप्त ब्रह्मचारी भैया एवं बहनो ने ।
फिलहाल AB जैन न्यूज़ को मिली जानकारी अनुसार धोती, दुपट्टा, अभिषेक सम्वन्धी छनने, कपड़े, महिलाओं की साडी का उत्पादन शुरू किया गया है । मप्र में बीना बारहा, कुण्डलपुर, आरोन सहित मप्र एवं अन्य राज्यों के कई नगरो में उत्पादन / निर्माण शुरू हुआ है ।
बीना बारहा जी में 1008 मीटर कपड़ा लाया गया था, जो कुछ घंटो में ही बिक गया । मांग काफी अधिक है ।
महिलाओं की रंगीन साडी उत्कृष्ट क्वालिटी की । कीमत भी लगभग 2000/- मोड़ने रखने में कटने का कोई झंझट ही नही ।
एक ओर उत्कृष्ट स्तर का कपड़ा उपलव्ध हुआ है, बही सेकड़ो लोगो को रोजगार भी मिला है ।
अनिल बड़कुल, गुना मप्र
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सभी को सादर जय जिनेंद्र। मंगलवार १४ जून २०१६ ज्येष्ठ शुक्ल दशमी
आज का विचार: हमारी धारणा है कि उपवास के दिन हमें कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए पर इससे पृथक आज *मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज* हमें प्रेरणा दे रहे है की उपवास के दिन अन्न और जल का तो त्याग होता है फिर भी हमें कुछ तो ग्रहण करना ही चाहिए। आइए सुनते है मुनिश्री की वाणी में कि उपवास के दिन हमें क्या ग्रहण करना चाहिए।
Thought of the day: The day of upvaas (fasting) is supposed to be the day of not eating anything and sitting idle. However, Munishri Kshamasagarji explains to us how it should be a day of more important alternate nutrition. Let's her in Munishri's voice what this alternative nutrition should be.
मैत्री समूह
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१४ जून २०१६ - मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज - उपवास
सभी को सादर जय जिनेंद्र। मंगलवार १४ जून २०१६ ज्येष्ठ शुक्ल दशमी आज का विचार: हमारी धारणा है कि उपवास के दिन हमें कुछ भी खाना या पीना नहीं चाहिए पर इससे पृथक आज *मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज* हमें प्
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कुण्डलपुर 🔔⛳ live photo 🚩 बड़े बाबा के ऊपर लगे ३ छत्र का भव्य दृश्य 🚩
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#kundalpur महिमा बड़े बाबा कि न्यारी.. मुरत हैं प्यारी प्यारी ✿ ये संदीप जैन बड्डा जो 5 जून और 12 जून दो बार अभिषेक कर आये...धन्य हैं इनकी भक्ति, 170 बार सम्मेद शिखर जी की वंदना कर चुके हैं:)) Info by Mr. Brajesh Jain ji.
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ना कोई मेरा शत्रु है,
ना कोई मेरा मित्र है,
ना मुझे कोई कुछ देने वाला है,
ना कोई कुछ लेने वाला है,
ना मेरे पर कोई उपकार कर सकता है,
ना मुझे कोई कस्ट दे सकता है,
सब अपने कर्माधिन है।
कर्मों को गौण नहि करना चाहिए।
सब कुछ समता से कर्म फल,
जान कर उसको भोगना चाहिए।
हमें ध्यान रखना चाहिए,
कर्म भावों से उपार्जन होता है।
जितना भावों को शुद्ध रखेंगे,
उतनी ही आत्मा की विशुद्धी बढ़ेंगी।