25.07.2016 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 25.07.2016
Updated: 05.01.2017

Update

Source: © Facebook

✿ आओ जाने आचार्य श्री के संघ से कौन संत कहा चातुर्मास कर रहे हैं:) ✿ #vidyasagar #chaturmas #sudhasagar #Samaysagar #Niyamsagar

पूज्य मुनिश्री समयसागर जी, प्रशस्तसागर जी, मल्लीसागर जी,धीरसागर जी,आनंदसागर जी महाराज (5)
@स्थान- बागीदोरा - 20 जुलाई

पूज्य मुनिश्री नियमसागरजी, प्रबोधसागर जी, वृषभसागरजी, अभिनन्दनसागर जी, सुपार्श्वसागर जी महाराज (5)
@स्थान - नातीपुते संभावित– 24 जुलाई

पूज्य मुनिश्री सुधासागरजी, महासागरजी, निष्कंपसागरजी, क्षु.गंभीरसागरजी, क्षु. धैर्यसागरजी महाराज (5)
@स्थान - ब्यावर राजस्थान– 23 जुलाई

पूज्य मुनिश्री समतासागर जी, अरहसागर जी, ऐ. निश्चयसागर जी महाराज (3)
@स्थान - खातेगांव - 18 जुलाई

पूज्य मुनिश्री स्वभाव सागर जी, ऐ.देवानंद सागर जी महाराज (2)
@स्थान - विदिशा - 21 जुलाई

पूज्य मुनिश्री सरलसागर जी महाराज
@स्थान - गोलाकोट खनियाधाना– 17 जुलाई

पूज्य मुनिश्री प्रमाण सागरजी, विराटसागर जी महाराज (2)
@स्थान - अज़मेर– 17 जुलाई

पूज्य मुनिश्री पवित्र सागर जी, प्रयोगसागर जी, पुष्पदंतसागर जी महाराज (3)
@स्थान - छतरपुर– 23 जुलाई

पूज्य मुनिश्री उत्तम सागर जी, क्षु. सुपार्श्वसागर जी महाराज (2)
@स्थान - नसीराबाद।।

-कपिल प्रवीण जैन।।

Source: © Facebook

शंका समाधान
==========

१. श्रावक इन ७ जगह दान देकर अपने धन का सदुपयोग कर सकता है --> जिन बिम्ब की स्थापना, जिन मंदिर के निर्माण, प्रतिष्ठा कार्यों / जिन पूजा में, शास्त्र आदि के लेखन में, चतुर्विद संघ, जीव दया, देश राष्ट्र की सेवा में!

२, जीव दया के क्षेत्र में समाज को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए!

३. चोका लगाने वाले को सीधा साधा २ सब्जी बनाना चाहिए साधू के लिए जैसा की वो अपने लिए बनाते हैं! यही सही कायदा है! इससे पूजा / प्रवचन में सम्मलित होते हुए भी चोका लगाया जा सकता है! ज्यादा फैलाव करना दिखावा है!

४. पैसे को उतनी ही अहमियत दीजिये जितनी जीवन जीने के लिए जरूरत है!

५. जीवन में आध्यात्मिकता बढ़ाने के लिए निरंतर शास्त्र का स्वाध्याय, अभ्यास करिये!

६. पूजा में आये शब्द " विष बेल नारी " में नारी शब्द का मतलब मनुष्य के अंदर की वासना से है!

७. गुस्सा करके फिर उसके पश्चाताप के रूप में व्रत, उपवास आदि करना सही उपाय नहीं है! इसके लिए proper उपाय करने चाहिए!

८. बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए इस वर्ष हजारों जगह अमृत कुंड बनाये गए हैं! इसका खूब प्रचार करिये और इसके लिए लोगो को जागरूक करिये!

९. त्याग करने वाले के सन्दर्भ में ये नहीं देखना चाहिए की वह क्या ले रहा है अपितु ये देखिये की वह क्या त्याग कर रहा है!

१०. रात में अन्न ना खाकर, बाकि सारी चीजो को भर भर कर खाना एक कुरीति की तरह है!

११. जो माँ-बाप किसी बच्चे को adopt करते हैं उनको उस बच्चे के लक्षण देखकर adopt करना चाहिए क्योंकि कुल के संस्कार बच्चों में आते ही हैं!

- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज

Source: © Facebook

The 10 Sickness of the HEART:)

1.U Believe in d Existence of ARIHANT,
But u don't Fulfill his Commands.

2.U say u Love ARIHANT
But u dont follow his Path.

3.U Read d Holy JAIN AAGAM
But u dont put it into Practice.

4.U Enjoy all the Benefits from ARIHANT
bUT Ur not Grateful to him.

5.U Acknowledge KARMA as u r Enemy
But u dont go Against it.

6.U want to Enter MOKSHA
But u don't Work for it.

7.U dont want to Enter NARK(Hell)
But u don't try to Run Away from it.

8.U Believe that Every Living thing will face Death
But u dont't Prepare for it.

9.U Gossip & Find Faults in Others
But u Forget u r Own Faults & Bad Habits.

10.U Cremate the Dead
But u don't take a Lesson from it.

Source: © Facebook

today picture maximum share banta hain!! #vidyasagar #bhopal

✿ गुरु चरणों को छू लिया.. हमने तो कई बार.. ✿
एक बार आचरण को छु लें.. तो भव पार

picture and quotation shared by mr. brajesh jain:)

--- ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ---

Update

Source: © Facebook

जिस प्रकार खौलते हुए पानी में अपना चेहरा नहीं देखा जा सकता है | उसी प्रकार उबलती हुई कषायों में अपना स्वरूप नहीं देखा जा सकता है |

News in Hindi

Source: © Facebook

#mangitungi #Jainism ✿ 20 वें तीर्थंकर ' मुनिसुव्रत नाथ ' के शासन-काल में राम, रावण, हनुमान आदि हुए, श्री राम का जन्म का नाम पद्म है, किन्तु वे राम के नाम से जाने जाते है और जैन रामायण जिसका नाम "पदमपुराण" है, रूस में भी रामायण का प्रचलन है, संसार के बड़े बड़े देशो में रामायण का प्रचलन है जैन रामायण, हिन्दू रामायण, बुद्ध रामायण इत्यादि!

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की उम्र 17000 वर्ष तथा शरीर की ऊंचाई 16 धनुष और वे मांगी-तुंगी से मोक्ष गये! ये पर्वत बहुत ही पवित्र है यहाँ से श्री राम के साथ साथ हनुमान, सुघ्रीव, नल, नील, महानील, गवा, गवाख्य इत्यादि रामायण के पात्र मोक्ष पधारे, इस तरह यहाँ से 99 करोड़ जीवो ने मुक्ति प्राप्त की है, इस क्षेत्र पर २ पहाड़ मांगी और तुंगी होने के कारण ही इस जगह का नाम मांगी-तुंगी है!

--- ♫ www.jinvaani.org @ Jainism' e-Storehouse ---

Sources
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Digambar
      • Acharya Vidya Sagar
        • Share this page on:
          Page glossary
          Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
          1. Aagam
          2. Arihant
          3. Bhopal
          4. Chaturmas
          5. Jainism
          6. JinVaani
          7. Karma
          8. Moksha
          9. Sudhasagar
          10. Vidyasagar
          11. आचार्य
          12. तीर्थंकर
          13. पूजा
          14. मुक्ति
          15. राम
          16. लक्षण
          17. सागर
          Page statistics
          This page has been viewed 1339 times.
          © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
          Home
          About
          Contact us
          Disclaimer
          Social Networking

          HN4U Deutsche Version
          Today's Counter: