Update
🔘 मानसरोवर गार्डन
★आचार्य श्री तुलसी के
जन्मदिवस पर कार्यक्रम।
🔘 अहमदाबाद
★आचार्य श्री तुलसी स्वर संगम।
🔘 जलपाईगुड़ी
★ज्ञानशाला गोष्ठी आयोजित।
02.11.2016
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
#jain #terapanth #tmc #news #samachar #Acharyatulsi #103th #jayanti #janmdivas #gyanshala #program
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
★आचार्य श्री तुलसी के 103★
★वें जन्मदिवस पर कार्यक्रम★
🔘 इंदौर 🔘हिसार
🔘 रोहिणी 🔘तुषरा
🔘 विजयनगर
02.11.2016
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
#jain #tmc #samachar #terapanth #Acharyatulsi #janmdivas #103th #jayanti #program
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
🌏 आज की प्रेरणा 🌎
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
संप्रसारण - संस्कार चैनल के माध्यम से:-
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - अदत्तादान से विरमण | साधु सर्व अदत्तादान व्रत को स्वीकार करता है - पूर्ण प्रमाणिक रहता है | गृहस्थ भी अदत्तादान से मुक्त रहने के प्रयास करे | न दत्त अर्थात अदत्त, न दी हुई चीज | आचार्य सोमप्रभ सूरी ने कहा– जो अदत्त नहीं लेता उसे उसी प्रकार पाप दूर भाग जाता है जैसे सूर्य के सामने अँधेरा | जैसे विनीत को विद्या मिलती है उसी प्रकार पहले लक्ष्मी और बाद में मोक्ष उसके स्वागत को तैयार रहती है | दूसरों के हक को छीनना गलत है, चोरी है | साधु एक सेठ की दुकान में बिराज रहे थे | तीन चोर रात में चोरी करने आये | साधुओं ने उन्हें समझाकर चोरी का त्याग करवा दिया | सेठ का धन भी बच गया | चोरी का त्याग कराकर सन्मार्ग पर लाना साधुओं का लक्ष्य था न कि दुकान मालिक का धन बचाना | धन का बच जाना तो उसका प्रासंगिक परिणाम था |
दिनांक - २ नवम्बर २०१६, बुधवार
🌏 आज की प्रेरणा 🌎
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
संप्रसारण - संस्कार चैनल के माध्यम से:-
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - अदत्तादान से विरमण | साधु सर्व अदत्तादान व्रत को स्वीकार करता है - पूर्ण प्रमाणिक रहता है | गृहस्थ भी अदत्तादान से मुक्त रहने के प्रयास करे | न दत्त अर्थात अदत्त, न दी हुई चीज | आचार्य सोमप्रभ सूरी ने कहा– जो अदत्त नहीं लेता उसे उसी प्रकार पाप दूर भाग जाता है जैसे सूर्य के सामने अँधेरा | जैसे विनीत को विद्या मिलती है उसी प्रकार पहले लक्ष्मी और बाद में मोक्ष उसके स्वागत को तैयार रहती है | दूसरों के हक को छीनना गलत है, चोरी है | साधु एक सेठ की दुकान में बिराज रहे थे | तीन चोर रात में चोरी करने आये | साधुओं ने उन्हें समझाकर चोरी का त्याग करवा दिया | सेठ का धन भी बच गया | चोरी का त्याग कराकर सन्मार्ग पर लाना साधुओं का लक्ष्य था न कि दुकान मालिक का धन बचाना | धन का बच जाना तो उसका प्रासंगिक परिणाम था |
दिनांक - २ नवम्बर २०१६, बुधवार
News in Hindi
🔯 गुरुवचनों को अपनाये - जीवन सफल बनायें 🔯
#Acharyamahashraman #quotes #Tmc #suvichar #Thoughtoftheday
Source: © Facebook