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🌏 आज की प्रेरणा 🌎
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
प्रस्तुति - अमृतवाणी 📺
आलेखन - संस्कार चैनल के श्रवण से:-
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - आदमी को आत्म चिंतन अर्थात स्व संप्रेक्षा करनी चाहिए, अपना विश्लेषण करना चाहिए | मैंने क्या किया? इतने वर्ष आ गए उनमे मैंने क्या विशेष काम किया | अपने विगत जीवन में अच्छा कार्य व साधना की या नहीं? मैंने कोई अत्याचार या पाप तो नहीं किया? हम विगत वर्ष की समीक्षा व संप्रेक्षा पर सकते हैं| सोते समय ध्यान दें आज दिन भर में मैंने क्या क्या किया? सुकृत क्या किया? दिन सुफल हुआ, दुष्फल हुआ या निष्फल हुआ? यह दिवस संप्रेक्षा हो जाती है | मेरा कौनसा करणीय कार्य अवशेष रह गया है? इसे खोजने का प्रयत्न करना चाहिए | जिस अवस्था में जो कार्य करना हो वह उस अवस्था में सम्पन्न हो जाना चाहिए | किस समय कौनसा कार्य करना चाहिए इस पर भी ध्यान दें | अपने समय का सम्यक नियोजन जरूरी है " काले कालं समायरे " तीसरा बिंदु - कहीं ऐसा तो नहीं कि मैं शक्य कार्य को आलस्य या प्रमाद वश नहीं कर सका। आदमी आत्म विश्लेषण व परिष्कार की खोज करता रहे व ध्यान रखे कि उसके हर कार्य में वैशिष्टय हो | वह कार्यशैली में रूपांतरण पर भी चिंतन करे |
दिनांक - ११ दिसम्बर २०१६, रविवार
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🔯 गुरुवचनों को अपनाये - जीवन सफल बनायें 🔯
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